जयपुर। Monsoon in Rajasthan : राजस्थान में इस साल भीषण गर्मी पड़ी जिससें बांध, तालाब और नदियां लगभग पूरी तरह सूखने के कगार पर पहुंच गए। राज्य में बांधों में घटते पानी की वजह से लोगों की टेंशन बढ़ चुकी थी। क्योंकि प्री-मानसून में भी बीसलपुर (Bisalpur Bandh) और जवाई बांधों का वाटर लेवल लागातार गिर रहा है। हालांकि, अब मानसून की एंट्री से आस बंधी है कि इन बांधों में पानी की आवक होने वाली है।
राजस्थान की राजधानी जयपुर की लाइफलाइन कहे जाने वाले बीसलपुर बांध (Bisalpur Dam) में सिर्फ 26 फीसदी पानी ही बचा है, जिसमें अब बढ़ोतरी होने की आस है। वहीं, जवाई बांध में सिर्फ 15.60 प्रतिशत पानी बचा है जो अब बढ़ सकता है। राज्य में कुल मिलाकर छोटे-बड़े 691 बांध हैं जिनमें से 526 पूरी तरह सूख चुके हैं। इन सभी बांधों की पानी की कुल क्षमता 12900.82 मिलियन क्यूबिक मीटर की है।
राज्य के सभी बांधों में सिर्फ 4158.22 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी ही बचा है। साल 2023 में जून के महीने में मानसून से पहले 6251.48 क्यूबिक मीटर वाटर लेवल था। अब राजस्थान में सिर्फ 165 बांध ही ऐसे हैं जिनमें 10 प्रतिशत से 93 प्रतिशत तक पानी है।
जयपुर का चंदलाई और कानोता, अजमेर का अनासागर और कोटा का कोटा बैराज बांध काफी सारा पानी लिए हुए हैं जिनमें अपनी कुल क्षमता का 80 फीसदी पानी है। लेकिन, इसमें से चंदलाई, कानोता और आनासागर बांधों का पानी पीने लायक नहीं। इन बांधों से सिर्फ सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जा सकता है।
हालांकि, राजस्थान में अब मानसून एंट्री कर चुका है और कई जगहों पर लगातार बारिश हो रही है। इससे आस लगी हुई हे कि बीसलपुर और जवाई जैसे बांधों में जल स्तर बढ़ेगा और पीने के पानी की मची हुई किल्लत जल्द दूर होगी।
Healthy Liver Tips : जयपुर। लिवर शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जो हमारे शरीर…
National Herald Case : केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी व नेता प्रतिपक्ष राहुल…
Hanuman Jayanti : राहोली पंचायत के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय में हनुमान जयंती के अवसर…
Jaipur Bulldozer Action: जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से 9 अप्रैल को अतिक्रमण के खिलाफ…
Starting a business usually means spending money on a shop, hiring staff, buying stock, and…
PESA Act : जयपुर। जनजातियों की रक्षा करने वाला विश्व के सबसे बड़े संगठन अखिल…