जयपुर। राजस्थान में मानसून ने धमाकेदार एंट्री ली हैं। राजस्थान के 35 प्रतिशत से ज्यादा इलाकों में मानसून ने दस्तक दे दी हैं। मानसून की पहली बरसात के कारण जगह-जगह बिजली भी गिरी। बिजली गिरने के कारण चार लोगों की मौत भी हो गई। बिजली गिरने से हादसा पाली, चित्तौड़गढ़ और बारां में हुआ। राजस्थान में बरसे जमकर मेघ के कारण सड़कों पर लबालब पानी भर गया।
बिपरजॉय तूफान और उसके बाद प्री-मानसून और अब मानसून राजस्थान में एंट्री ले चुका हैं। नई दिल्ली मौसम केंद्र ने इस बार कम बरसात होने का अनुमान लगाया था, लेकिन जिस तरिके से शुरूआती डेटा सामने आया हैं उस हिसाब से तो पूर्वानुमान पर पानी फिरता हुआ दिख रहा हैं।
पानी के तेज बहाव में फंसे लोग
दक्षिण-पश्चिम मानसून के प्रवेश करने के बाद तापमान में गिरावट दर्ज की गई हैं। तापमान में आई गिरावट से आमजन को गर्मी से थोड़ी राहत भी मिली हैं। दौसा, कोटा सहित कई इलाकों में अच्छी बरसात देखने को मिली। वही बरसाता के कारण कुंभलगढ़ तहसील के सूरजकुंड घाम में 50 से ज्यादा पर्यटक वही फंस गए। कड़ी मशक्कत के बाद स्थानीय लोगों ने रेस्क्यू कर लोगों को बाहर निकाला।
मानसून से कई शहरों को मिलता हैं पानी
मानसून की बारिश से राजस्थान के ऐसे कई शहर है जिनकी प्सास बुझती हैं। पीने के पानी का मानसून एक मात्र स्त्रोत हैं। बीसलपुर, जवाई बांधों में पानी का गेज कम होने से पानी के लिए आमजन को परेशान होना पड़ता हैं। जवाई बांध के खाली होने पर पाली शहर और आसपास के इलाकों में ट्रेनों से पानी की सप्लाई की जाती हैं।
पुर्वी राजस्थान के कई जिलों में 30 से 50 किमी की गति से हवाओं के चलने का आसार भी मौसम विभाग की और से जताया गया हैं। इसके साथ ही कई जिलों में भारी बरसात भी देखने को मिलेगी। मौसम विज्ञान केंद्र की और से कई जिलों मे ऑरेंज व कई जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया हैं।
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