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Naresh Meena News : देवली-उनियारा के समरावता गांव में 13 नवंबर की रात को जो कुछ भी हुआ क्या उसे रोका जा सकता था। जिस प्रकार पुलिस के द्वारा आंसू गैस के गोले छोड़े गए क्या वो सही था, क्या पूरे गांव की घेराबंदी करके नरेश मीणा को रात में गिरफ्तार करना जरूरी था, उन्हें दूसरे दिन भी गिरफ्तार किया जा सकता है। हालांकि ऐसा होता तो शायद इतना बढ़ा उपद्रव नहीं होता। हालांकि इस घटनाक्रम में गांव के कई लोग और पुलिसवाले चोटिल हो गए थे। इसके अलावा 100 से ज्यादा वाहन जलकर खास हो गए। हालांकि नरेश मीणा की गिरफ्तारी के बाद से ही उनकी रिहाई के लिए बवाल मचा हुआ है। आइए जानिए क्या है पूरा मामला?
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नरेश मीणा की गिरफ्तारी के बाद से ही सोशल मीडिया प्लेट्फॉर्म X पर उनकी रिहाई के लिए जंग छिड़ी हुई है। नरेश मीणा को रिहा करो…..नरेश मीणा को रिहा करो……नरेश मीणा को रिहा करो। हालांकि इससे भजनलाल सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है। बता दें कि निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। बता दें कि पुलिस ने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए उसे टोंक जिले के निवाई में एक अदालत में वर्चुअली पेश किया। पहले नरेश मीणा को अदालत में शारीरिक रूप से पेश किया जाना था, लेकिन उसके समर्थकों के विभिन्न स्थानों पर इकट्ठा होने और जयपुर-कोटा राजमार्ग को अवरुद्ध करने की धमकी देने के बाद योजना बदल दी गई।
बता दें कि नरेश मीणा के वकील सीताराम शर्मा ने मीडिया को बताया, ‘पुलिस द्वारा कानून और व्यवस्था के मुद्दे का हवाला देने के बाद अदालत ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए नरेश मीणा को पेश करने के निर्देश दिए। सुनवाई के दौरान, अदालत ने मीणा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पुलिस के मुताबिक, नरेश मीणा के खिलाफ सार्वजनिक कार्य में बाधा डालने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने सहित 4 मामले दर्ज किए गए थे। टोंक के पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान ने कहा कि नरेश मीणा की 14 दिन की न्यायिक हिरासत को और बढ़ाया जा सकता है।
अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिरकार नरेश मीणा की रिहाई कब होगी। हालांकि देवली उनियारा में अब माहौल शांत है, लेकिन प्रशासन ने अभी भी पुलिस की तैनाती तैयारी कर रखी है, क्योंकि वहां पर माहौल खराब नहीं हो। वहीं प्रशासन ने कोटा-जयपुर राजमार्ग पर भी पुलिस की तैनाती कर रखी है और हाइवे पर भीड़ को इकट्ठा नहीं होने दिया जा रहा है, क्योंकि नरेश मीणा छबड़ा के ही है। भले ही देवली-उनियारा में उपचुनाव सपन्न हो चुके है लेकिन समरावता गांव में ग्रामीणों के जख्म भरे नहीं है, क्योंकि इस घटनाक्रम में उनके घर, वाहन, पशुओं का चारा तक जल चुका है। हालांकि प्रशासन ग्रामीणों के बयान दर्ज कर रही है। वहीं उपचुनाव का परिणाम 23 नवंबर को आयेगा।
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