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उपचुनाव से पहले कानूनी पचड़े में फंसे Rajkumar Roat, लगाने होंगे कोर्ट के चक्कर

जयपुर। Rajkumar Roat : राजस्थान में होने वाले उपचुनाव को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। वहीं राजकुमार रोत उपचुनाव के बीच कानूनी पचड़े में फंस गए है। इससे ना केवल राजकुमार रोत बल्कि भारतीय आदिवासी पार्टी की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं। आइए जानते है क्या है पूरा मामला?

कानूनी पचड़े में फंसे राजकुमार रोत

बता दें कि राजकुमार रोत कई बार आदिवासियों के हिंदू नहीं होने का बयान देकर फंस चुके हैं। खुद आदिवासी नेता ही राजकुमार रोत के इस बयान की आलोचना कर चुके हैं। अब महाराणा प्रताप के सेनापति कहे जाने वाले राणा पूंजा को लेकर उपजे विवाद के बाद बांसवाड़ा के बाप सांसद राजकुमार रोत और उदयपुर बीजेपी सांसद मन्नालाल रावत की मुश्किलें बढ़ गई हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट रीना सिंह ने राजकुमार रोत और मन्नालाल राव को लीगल नोटिस भिजवाया है। दोनों नेताओं को इस नोटस का जवाब 15 दिन के अंदर देना है। इन नेताओं के कानूनी पचड़े में फंसने के बाद राजस्थान की सियासत में हलचल पैदा हो गई है।

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राजकुमार रोत के खिलाफ जारी हुआ नोटिस

सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट रीना सिंह ने सांसद राजकुमार रोत और मन्नालाल रावत के खिलाफ यह नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में राणा पूंजा को लेकर तर्क दिया गया है कि उनकी 16वीं पीढ़ी और पूर्व जागीरदार मनिहार सिंह सोलंकी हैं, जो उदयपुर जिले के पानरवा में रहते हैं, लेकिन राणा पूंजा सिंह सोलंकी को सार्वजनिक रूप से भील समुदाय का बताया गया है, जो गलत है। वकील रीना एन सिंह का कहना है कि उनके पास सारे तथ्य हैं। इसके चलते उन्होंने दोनों नेताओं के विवादित बयान को लेकर नोटिस दिया है। जिसमें 15 दिन के अंदर जवाब मांगा गया है।

इस वजह से भेजा नोटिस

बता दें कि 5 अक्टूबर को उदयपुर जिले के पानरवा में राणा पूंजा जयंती कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम में सांसद राजकुमार रोत ने राणा पूंजा की जाति भील बताया था। रोत मीडिया से रूबरू होते हुए कहा था कि भील लड़कों ने महाराणा प्रताप सिंह के साथ हल्दी घाटी युद्ध लड़ा था। साथ ही मेवाड़ के प्रतीक चिन्ह में महाराणा प्रताप के साथ राणा पूंजा की मौजूदगी इसका प्रतीक है। इसी तरह एडवोकेट के भेजे गए नोटिस में हवाला दिया गया कि मन्नालाल रावत ने एक किताब या अन्य जगह राणा पूंजा को भील लिखा है। इसके लिए उन्हें भी नोटिस भेजा गया है।

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Mukesh Kumar

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