स्थानीय

Special Story Paper Leak Gang: शंहशाह जब आंखों पर पट्टी बांध ले तो राज्य की होती है तबाही

Dr Urukram Sharma : गलती को छिपाना गलती करने से भी बड़ा अपराध माना जाता है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तो अपने शासन में सरकारी महकमों में लिखवा दिया था कि हर गलती सजा मांगती है। बात भी सही है। गलत करने वाले को सजा भी मिलनी चाहिए। परन्तु, पिछली कांग्रेस शासन में गहलोत की आखिर क्या मजबूरी थी कि गलती को वो नजर अंदाज करते रहे और राजस्थान के माथे पर पेपर लीक, नकल का कलंक लग गया। विपक्ष बार बार पेपर लीक का चिल्लाता रहा, लेकिन इनके जूं तक नहीं रेंगी। एक परीक्षा का पेपर लीक होने से लाखों नौजवानों की मेहनत पर पानी फिर जाता है, इस दर्द को पूववर्ती कांग्रेस सरकार के संवेदनशील मुख्यमंत्री और मंत्री क्यों नहीं समझ पाए थे?गहलोत के लिए क्या कुर्सी बचाकर रखना और दुबारा येन केन प्रकारेण सरकार बनाने के अलावा कोई लक्ष्य भी था? तबादलों में खुले आम भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे, उन्हें भी नजर अंदाज किया गया। एक बार तो गहलोत को सरकारी कर्मचारियों के कार्यक्रम में बाकायदा कर्मचारियों ने अपने दोनों हाथ उठाकर कह दिया था कि बिना रिश्वत के तबादले नहीं होते हैं। कितनी अफसोस जनक और शर्मनाक बात है।

यह भी पढ़ें: Loksabha Election 2024 : भारत में वित्त मंत्री नहीं लड़ते लोकसभा चुनाव! एक ने कोशिश की तो हुआ बुरा हाल, पढ़ें पूरी कहानी

पेपर लीक समेत युवाओं के मुद्दों को लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को अजमेर से जयपुर तक की पैदल यात्रा निकालनी पड़ी। उन्हें अनशन पर बैठना पड़ा। अपनी पार्टी के बड़े नेता की सुनवाई तक नहीं हुई। परिणाम फिर सबके सामने रहा। विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा। सत्ता से बेदखल हो गए। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को डूबता जहाज समझकर सारे कूद कूद कर भाग रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व सांसद शंकर पन्नू ने तो गहलोत को फौजमार कप्तान तक बताते हुए कहा कि पुत्र मोह में वो धृतराष्ट्र बन चुके। कभी राजस्थान में गहलोत को गांधी बताकर नारे लगाए जाते थे, लेकिन पिछले शासन में गहलोत की छवि को जितना नुकसान हुआ, उसकी भरपाई करना शायद उनके लिए भी संभव नहीं होगा। कभी दौर था कि कांग्रेस में टिकट के लिए लाइन लगा करती थी, आज कांग्रेस को लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी तलाशने पड़ रहे हैं। चूरू में भाजपा से दूर हुए राहुल कस्वां को अपना उम्मीदवार बनाया तो कोटा में भाजपा से अलग हुए प्रहलाद गुजंल को टिकट दे दिया गया। बाडमेर में आरएलपी के उम्मेदाराम पर दांव खेला गया।

खैर यह तो छोड़िए, वापस मूल बात पर आते हैं। क्यों, परीक्षाओं में पेपर लीक के मसले को गंभीरता से नहीं लिया गया। 2021 में एसआई की भर्ती की गई। हल्ला मचा लेकिन उस समय सारे मामले को दबाकर नौकरियां दे दी गई। जांच कराना उचित नहीं समझा गया। सरकार बदली तो एक के बाद एक मुन्नाभाई और उनके बाप सामने आने लगे। जिन्हें खुद का नाम भी सही से लिखना नहीं आता, उन तक की भर्ती हो गई। जो दुबारा पेपर करवाने में 20 फीसदी सवाल हल नहीं कर सके, वो ट्रैनिंग लेने में व्यस्त हो गए। कैसे यह सब राज खुलता जा रहा है। सरकारी टीचर कितनी बार डमी के बतौर परीक्षाओं में बैठकर परीक्षा देकर आसानी से चला गया। यहां तक के आरपीएससी के इंटरव्यू तक को अटैम्पट कर लिया। कोई पकड़ नहीं पाया। आरपीएससी में घालामेली चल रही थी, आरपीएससी वालों की रिश्वत के बदले नौकरी में मिलीभगत थी। किसी का ध्यान नहीं गया या पता होने के बावजूद आंखें मूंद ली गई।

हराम की कमाई के आगे कैसे नौजवानों के भविष्य को चकनाचूर किया गया। कैसे करीब दो दर्जन से भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हुए, कैसे लीपापोती की गई? लाखों रूपए में पेपर बेचकर करोड़ों कमाए गए। शिक्षक भर्ती परीक्षा हो या पुलिस की या और कोई छोटी मोटी परीक्षा, किसी को भी माफिया ने नहीं बख्शा। माफिया की ताकत का अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि बस में बिठाकर सबको एक साथ पेपर हल करवाया जा रहा था। पेपर बाहर आ गया, बाहर ही कापी में सारे सवाल हल करवाए जा रहे थे। यानी शासन का खौफ मिलीभगत के चलते पूरी तरह खत्म हो चुका था। इसमें कोचिंग वाले, प्राइवेट स्कूल संचालक, सरकारी कर्मचारी, नेता और कार्यकर्ता मिलकर बरसों से मजे लूट रहे थे। अब जो पकड़ में आ रहे हैं, वो यह तक नहीं बता पा रहे उन्होंने कितनी बार डमी बनकर परीक्षा दी? यह तक नहीं बता पा रहे हैं कि कितनी बार पेपर पार करके फर्जियों को नौकरियां दिलवाई।

यह भी पढ़ें: Lok Sabha Chunav 2024: लाख वोट की रही Sachin Pilot की पहली जीत! जानें किसे दी थी शिकस्त

यदि पहली परीक्षा के समय ही लीक, मुन्नाभाई जैसे मामलों की जांच करा ली जाती तो शायद दूसरी परीक्षा में यह सब गड़बड़ नहीं होती। जबकि गहलोत के पास ही गृह विभाग भी था। सारी पुलिस पर उनका कंट्रोल था। एक आदेश देते तो राजस्थान की पुलिस कब्र में छिपे माफिया को भी सलाखों में डालने की ताकत रखती है, लेकिन छूट दी ही कहां गई? राज्य में भाजपा की भजनलाल सरकार आई और पुलिस को सच पता लगाने के लिए खुली छूट दी गई तो एक के बाद एक फर्जी तरीके से पुलिस भर्ती हो या शिक्षक भर्ती की परतें खुलने लगी है। प्रशिक्षु के तहत ट्रेनिंग लेने वाले पकड़ पकड़ कर रिमांड पर लिए जा रहे हैं। परत दर परत खुलती जा रही है। तब भी यही पुलिस थी, आज भी वहीं पुलिस है।

तब पुलिस को रियायत नहीं दी गई, अब हाथ खोलने का मौका दिया तो सारे परीक्षा माफिया सामने आने लगे। अभी तो शुरूआत हुई है, तमाम परीक्षाओं की जांच होगी, सफल परीक्षाथियों (चाहे किसी भी तरह सफल हुए हों) से पूछताछ होगी। गड़बड़ पाए जाने पर नौकरी तो जाएगी ही साथ ही जेल की सजा भी खानी पड़ेगी। डमी के बतौर परीक्षा देने वालों में पुरुष वर्ग ही नहीं बल्कि महिला वर्ग ने भी पैसों के लालच में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। अब सरकार का डंडा चला तो खून के आंसू पीने पड़ रहे हैं। जो अभी छिपे हैं, वो दिन दूर नहीं जब सब बेनकाब होंगे। राजस्थान का युवा पिछले सालों में इन सबसे बहुत तंग हो चुका, अब वो सरकार से गारंटी चाहता है कि आगे से ऐसा अन्याय उनके साथ नहीं होगा।

  डॉ. उरुक्रम शर्मा

Narendra Singh

Recent Posts

Hindi Diwas : हिंदी हमारी धरोहर, हमारा स्वाभिमान…

Hindi Diwas : जयपुर। हिंदी दिवस (Hindi Diwas) के अवसर पर जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी के स्कूल…

2 days ago

Rawat Public School प्रताप नगर के विद्यार्थी सी बी एस ई वेस्ट जोन योगासन में चैंपियन

रावत पब्लिक स्कूल प्रताप नगर के विद्यार्थियों ने नंदूबा इंग्लिश एकेडमी स्कूल,सूरत में आयोजित सी…

1 month ago

झोटवाड़ा में रक्तदान शिविर का आयोजन, 50 से अधिक यूनिट रक्त एकत्र

blood donation camp : जयपुर। झोटवाड़ा स्थित 'डॉ. पांडे ईएनटी सेंटर' ने 'स्वरूप फाउंडेशन डीके…

1 month ago

जयपुर का युवा बना रहा है भारत के सबसे वैज्ञानिक बेबी टॉय ब्रांड – LiLLBUD

IIT दिल्ली के पूर्व छात्रों अभिषेक शर्मा और अयुष बंसल द्वारा स्थापित, LiLLBUD 0–18 महीने…

3 months ago

लिवर की बीमारियों के बढ़ते मामलों को कम करने के लिए पहले से सचेत रहना जरूरी

Healthy Liver Tips : जयपुर। लिवर शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जो हमारे शरीर…

5 months ago

सोनिया गांधी व राहुल गांधी के खिलाफ ईडी चार्ज शीट पेश, विरोध में उतरी कांग्रेस का धरना प्रदर्शन

National Herald Case : केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी व नेता प्रतिपक्ष राहुल…

5 months ago