जयपुर। Rajasthan By Election : राजस्थान में अब 7 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं जो सीएम भजनलाल शर्मा समेत कई लोगों का भविष्य तय करेंगे। क्योंकि इन चुनावों में सीएम समेत कई ऐसे दिग्गज हैं जिनकी प्रतिष्ठा दांव पर है। इन नेताओं में सीएम भजनलाल शर्मा, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट, कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा, आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल, बीएपी, झुंझुनूं का ओला व रामगढ़ में जुबैर परिवार शामिल है। रामगढ़ में जुबैर परिवार की सियासत किस तरह से आगे बढ़ेगी। यह भी इसी चुनाव में तय होगा। आरएलपी ने खींवसर से सांसद हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका को और भाजपा ने चौरासी से कारीलाल ननोमा मैदान में उतारा है। झुंझुनूं से पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने भी निर्दलीय नामांकन कर दिया है। ऐसे में कई सीटों पर अब मुकाबला रोचक हो गया है। तो आइए जानते हैं इन दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा कैसे दांव पर लगी है।
राजस्थान में 7 सीटों पर उपचुनावों के परिणाम जिन दिग्गजों का भविष्य तय उनके बारे में तफसील से जान लते हैं कि आखिर माजरा क्या है। राजस्थान विधानसभा उपचुनावों में सबसे बड़ी परीक्षा सीएम भजनलाल शर्मा की हो रही, क्योंकि उनके चेहरे पर यह पहला ही चुनाव लड़ा जा रहा है। इसके नतीजे तय करेंगे कि 11 माह में सरकार का काम-काज और कार्यशैली कैसी रही? इन 7 में से भाजपा के पास अभी सिर्फ एक सलूंबर सीट थी। ऐसे में यदि अब सीटें बढ़ती हैं तो सीएम का कद बढ़ेगा और यदि नतीजे कमजोर रहे तो पार्टी पर दबाव आएगा और विपक्ष भी हमलावर होगा।
इन्हीं चुनावों में किरोड़ी लाल मीणा और सचिन पायलट की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है। भाजपा ने किरोड़ी लाल मीणा के भाई जगमोहन को मैदान में उतारा है। यूं कहें कि जगमोहन को किरोड़ी की मांग पर ही टिकट दिया गया। उधर, कांग्रेस ने नए चेहरे डीडी बैरवा पर दांव खेला है। जो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के करीबी माने जाते हैं। हालांकि, प्रत्याशी कोई भी हों। लेकिन यहां असली मुकाबला है। यहां पर 2 चुनाव से कांग्रेस जीतती रही है..ऐसे में टक्कर कांटे की है।
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वहीं, भारत आदिवासी पार्टी की बात करें तो विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बनी इस पार्टी की सियासी रफ्तार भी ये नतीजे ही तय करेंगे। मुख्य चुनावों में चौरासी सीट पर बाप उम्मीदवार ने 69 हजार से अधिक वोटों से जीत दर्ज की थी। यहां से पार्टी ने एकबार फिर से ताल ठोकी है।
खींवसर में हनुमान बेनीवाल और गोविंद सिंह डोटासरा में तगड़ी प्रतिस्पर्धा हो चुकी है। खींवसर पर भाजपा ने रेवंतराम डांगा पर भरोसा जताया, जो पिछला चुनाव हनुमान बेनीवाल से 2059 वोटों से हारे थे। अब मुकाबले में बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल हैं। तीसरी तरफ से कांग्रेस से पूर्व आईपीएस सवाईसिंह गोदारा की पत्नी डॉ. रतन को डोटासरा ने टिकट दिलाया है। खींवसर आरएलपी का गढ़ है, ऐसे में चुनाव परिणाम ही बेनीवाल और आरएलपी का भविष्य भी तय करेंगे।
इन चुनावों में झुंझुनूं और रामगढ़ ऐसी सीटें हैं जहां दो परिवारों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है। आपको बता दें कि झुंझुनूं में ओला परिवार का दबदबा रहा है। यहां कांग्रेस प्रत्याशी अमित ओला इसी परिवार की तीसरी पीढ़ी के नेता हैं। यहां से शीशराम ओला 8 बार विधायक, 5 बार सांसद रह चुके हैं। वहीं, बृजेंद्र ओला भी 4 बार विधायक रहे। बात करें रामगढ़ सीट की तो यहां पर जुबैर खान परिवार 5 बार जीत चुका है। अब उसी परिवार के बेटे आर्यन कांग्रेस की तरफ से मैदान में उतरे हैं।
जैसा कि आपने जाना कि ये चुनाव ही इन सभी बड़े नेताओं की साख बचाएंगे तो परिणाम आने के का इंतजार कीजिए तब तक बने रहिए मॉर्निंग न्यूज इंडिया के साथ।
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