जयपुर। Panther in Udaipur : राजस्थान में उप चुनाव से पहले आदिवासी क्षेत्र की राजनीति घुसे आदमखोर पैंथर के बारे में जिसने राजस्थान की राजनीति में घमासान मचा रखा है। तो चलिए जानते हैं आदिवासी क्षेत्र की राजनीति में कैसे एक आदमखोर पैंथर घुस गया जिसमें चारों तरफ खौफ का माहौल पैदा कर रखा है एक के बाद एक को निशाना बना रहा है।
आपको बताते चले कि उदयपुर जिले के गोगुंदा, सायरा और अब शहर के नजदीक बढ़गांव तहसील में आदमखोर पैंथर ने आतंक मचा रखा है। एक के बाद एक अब तक 12 लोगों और दो दर्जन से अधिक जानवरों को अपना शिकार बना चुका है। लेकिन अब यह आदमखोर पैंथर राजस्थान की राजनीति में घुस गया है। यह आदमखोर पैंथर भारतीय आदिवासी पार्टी का बताया जा रहा है। तो चलिए जानते हैं क्या है यह पूरा मामला।
आपको बताते चले कि राजस्थान में 13 नवंबर को 7 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं और राजस्थान के नेता जनता के बीच जमीनी स्तर पर प्रचार-प्रसार के उतर गए हैं। एक-दूसरी पार्टी और नेताओं पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। भारतीय आदिवासी पार्टी के नेता राजकुमार रोत ने सांसद मन्नालाल रावत पर करारा हमला बोलते हुए गंदी राजनीति करने का आरोप लगाया है।
आपको बताते चले कि हाल ही में भारत आदिवासी पार्टी के कार्यकर्ता ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर पैंथर के हमले को साजिश बताया था। इस पर उदयपुर के सांसद मन्नालाल रावत ने फेसबुक पोस्ट के जरिए जवाब देते हुए लिखा कि आदमखोर पैंथर को कहीं भारत आदिवासी पार्टी ने राजनीतिक हथियार के रूप में जंगल में तो नहीं छोड़ दिया। मन्नालाल रावत के बयान से भड़के राजकुमार रोत ने कहा कि मैंने इतनी गंदी राजनीति कभी अपने जीवन में नहीं देखी है। मन्नालाल रावत को ऐसी राजनीति करते हुए शर्म आनी चाहिए। एक तरफ गोगुंदा में आदमखोर पैंथर लगातार इंसान और पालतू जानवरों को शिकार बना रहा है।
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वहीं दूसरी तरफ बीजेपी नेता जिम्मेदारियों से दूर भागते हुए गंदी राजनीति कर रहे हैं। एक पैंथर को पार्टी को बता रहे हैं। प्रशासन ने एक पैंथर पकड़ा जो आदमखोर नहीं था जब बाप पार्टी के कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन दिया कि पैंथर को पकड़ा जाए और मृतकों और घायलों को मुआवजा मिले। इसके लिए उन्होंने रोड जाम किया, प्रदर्शन किया लेकिन बीजेपी के लोगों ने 16 कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज करवा दिया।
राजकुमार रोत ने कहा कि मन्नालाल रावत का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। वह किसी भी चीज के लिए BAP पार्टी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। बारिश नहीं हुई तो और ज्यादा बारिश हुई तो बाप पार्टी पर ठीकरा फोड़ दिया। अब आदमखोर पैंथर के पीछे भी बाप पार्टी की राजनीतिक साजिश बता रहे हैं। यानी इस क्षेत्र में किसी को बुखार भी जाए तो उसमें भी बाप पार्टी की साजिश बताकर गंदी राजनीति कर रहे हैं।
आपको बताते चले कि उदयपुर जिले के गोगुंदा, सायरा क्षेत्र में आदमखोर पैंथर का आतंक 19 सितंबर से शुरू हुआ था जो अब तक नहीं थमा है। वह जानवरों के साथ-साथ इंसानों को भी निशाना बना रहा है। वन विभाग की टीम ने एक पैंथर का रेस्क्यू भी किया लेकिन वह आदमखोर पैंथर नहीं था। जबकि भाजपा नेताओं का कहना है कि आदमखोर पैंथर को पकड़ लिया गया है। वहीं दूसरी तरफ आदमखोर लगातार जानवरों और इंसानों को निशाना बना रहा है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा आदमखोर पैंथर का आंतक कब खत्म होगा। कब पैंथर वन विभाग की टीम के हाथ आएगा? कब उदयपुर क्षेत्र की जनता आदमखोर पैंथर के खौफ से बाहर निकलेगी। इन सब सवालों के जवाब आने वाले समय में मिलेंगे तब तक के लिए आप बने रहे हमारे साथ।
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