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सामने आई Zubair Khan के अंतिम संस्कार में बवाल की असली वजह, आलाकमान के खास थे जुबेर खान, प्रियंका गांथी से था यह रिश्ता

Zubair Khan News : राजस्थान में दो विधायकों के अतिंम संस्कार पर बवाल मचा हुआ है….बवाल इसलिए मचा हुआ है क्योकि पिछले डेढ़ माह में राजस्थान में दो विधायकों की मौत हो गई और दोनों के अंतिम में भेदभाव को लेकर सरकार पर सवाल खड़े हो रहे है। अलवर के रामगढ़ से कांग्रेस विधायक Zubair Khan की मौत के बाद हुए अंतिम संस्कार को लेकर सरकार पर मौत पर राजनीति करने का आरोप लग रहा है। और इसके पीछे की वजह आपको हेरान कर देगी।

दो विदायकों के अंतिम संस्कार पर बवाल

राजस्थान में पिछले डेढ़ माह में दो विधायकों की मौत के बाद हुए अतिंम संस्कार पर बवाल मचा हुआ है। भाजपा और कांग्रेस विधायक के अंतिम संस्कार में भेदभाव करने का सरकार पर आरोप लग रहा है। दरअसल आठ अगस्त को सलूंबर विधायक अमृत लाल मीणा का निधन हो गया था, अमृत लाल मीणा भाजपा से थे। उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया, तब तक कोई दिक्कत नहीं थी। लेकिन 14 सितंबर को अलवर के रामगढ़ से विधायक जुबैर खान की लंबी बिमारी के बाद मौत हो गई। लेकिन यहां जुबैर खान को राजकीय सम्मान और गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिया गया.। इसके बाद राजस्थान की भजनलाल सरकार पर मौत पर सियासत करने का आरोप लगा और सियासी बवाल मच गया। इसको लेकर प्रदेश कांग्रेस के महासचिव जसवंत गुर्जर ने भजनलाल सरकार पर कई आरोप लगा दिए कि सरकार मौत पर ही सियासत कर रही है।

Zubair Khan को गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिया

जुबैर खान के अंतिम संस्कार के पीछे सियासत एक बहुत बड़ी वजह है। जुबैर खान कोई छोटे-मोटे नेता नहीं थे। उनकी कांग्रेस के आलाकमान से खास बनती थी। सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी के खास थे। राजीव गांधी भी जुबैर खान को जानते थे। प्रियंका गांधी से तो खास नजदीकियां थी। वह प्रियंका गांधी की टीम के अहम सदस्या भी थे। दिल्ली की सड़कों पर NSUI के पर्चे लगाते हुए राजीव गांधी से उनकी मुलाकात हुई थी तभी से वह गांधी परिवार के खास बन गए थे। ऐसे में राजस्तान में उनका राजकीय सम्मान नहीं देना भजनलाल सरकार को महंगा पड़ा गया। और सरकार कटघरे में खड़ी हो गई।

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Zubair Khan की पत्नी भी रह चुकी है विधायक

जुबेर खान (Zubair Khan) 1990, 1993 और 2003 में कांग्रेस के टिकट पर विधायक रह चुके है। 1998, 2008 और 2013 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े, लेकिन बीजेपी के ज्ञानदेव आहूजा से हार गए थे। इसके बाद पार्टी ने 2018 में उनकी पत्नी साफिया जुबेर को टिकट दिया। जिन्होंने बीजेपी प्रत्याशी सुखवंत सिंह को 12 हजार से ज्यादा वोटों से हराया। जुबेर खान ने 2023 के विधानसभा चुनाव में अलवर जिले की रामगढ़ सीट से बीजेपी उम्मीदवार जय आहूजा को 19696 मतों से हराकर जीत दर्ज की थी। वह काफी समय से बिमार चल रहे थे और 14 सितंबर को उनका निधन हो गया और अब उनकी मौत के बाद अंतिम संस्कार में भेदभाव को लेकर भजनलाल सरकार पर सवाल उठ रहे है।

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Bhup Singh

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