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Sanatan Hindu Unity : बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री 20 नवंबर से ”सनातन हिन्दू एकता” पदयात्रा की शुरुआत हो चुकी है। बागेश्वर धाम ने यह यात्रा 11.15 बजे शुरू कर दी है। धीरेंद्र शास्त्री ने पदयात्रा में शामिल हुए लोगों को अभिवादन कर यात्रा की शुरुआत की। बता दें कि यात्रा की शुरूआत राष्ट्रीय ध्वज, भगवा ध्वज लहराकर और राष्ट्रगान के साथ शुरू की गई। पदयात्रा पहले दिन ग्राम गढ़ा तिराहा से होते हुए लगभग 20 किमी दूर ग्राम कदारी तक पहुंचेगी। पूरी पदयात्रा के दौरान बुन्देली कलाकार, स्थानीय लोक कलाओं का प्रदर्शन करेंगे। पूरी पदयात्रा के दौरान बुन्देली कलाकार, स्थानीय लोक कलाओं का प्रदर्शन करेंगे। यह यात्रा कुल 9 दिनों में बागेश्वर धाम से शुरू होकर रामराजा मंदिर, ओरछा तक लगभग 160 किलोमीटर का सफर तय करेगी। इस यात्रा में कुल 8 पड़ाव होंगे, जो हर दिन एक नए धार्मिक और सांस्कृतिक अनुभव से भरपूर होंगे। यात्रा में देश के प्रसिद्ध संतों के साथ-साथ फिल्म, संगीत और अन्य क्षेत्रों से जुड़े मशहूर व्यक्ति भी भाग ले रहे हैं, जो इसे और भी खास और प्रेरणादायक बना रहे हैं।
पिछले साल, सनातन हिंदू एकता कथा की शुरुआत धीरेंद्र शास्त्री ने राजगढ़ जिले के खिलचीपुर से की थी। उन्होंने इस अवसर पर कहा था कि इस आंदोलन का श्रेय सबसे पहले राजगढ़ को जाएगा। धीरेंद्र शास्त्री ने खिलचीपुर में अपने संबोधन में कहा था, “हम केवल सद्भावना पर विश्वास करते हैं, लेकिन हमारा मुख्य उद्देश्य क्या है? हिंदू राष्ट्र, हिंदू एकता।” उन्होंने आगे कहा, “यहां से एक नई क्रांति की शुरुआत होनी चाहिए। हमें अपने पूर्वजों की सौगंध लेनी होगी, जिन्होंने एकता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। अब हमारी बारी है, हमें एकता के लिए समय दान देना होगा और हिंदू समाज को एकजुट करना होगा।”
21 नवंबर- बता दें कि धीरेंद्र शास्त्री की यात्रा पहले दिन बागेश्वर धाम से खजुराहो के लिए रवाना होंगे, पहले दिन यात्रा 15 किमी चलेंगे। पड़ाव- फार्मेसी कॉलेज, कदारी
22 नवंबर- फार्मेसी कॉलेज से पेप्टेक टॉउन के लिए रवाना होंगे, 17 किमी चलेंगे। पड़ाव- पेप्टेक टॉउन
23 नवंबर- इस दिन धीरेंद्र शास्त्री की यात्रा नौगांव के लिए रवाना होंगे, 21 किमी चलेंगे। पड़ाव- शांति कॉलेज, नौगांव
24 नवंबर- नौगांव से देवरी बंधा के लिए रवाना होंगे। पड़ाव-देवली गेस्ट हाउस
25 नवंबर- पंडित धीरेंद्र शास्त्री की यात्रा 25 नवंबर को मऊरानीपुर के लिए रवाना होंगे। 22 किमी चलेंगे। पड़ाव- ग्रामोदय मऊरानीपुर
26 नवंबर- मऊरानीपुर से धुघसी के लिए चलेंगे। 17 किमी चलेंगे।
27 नवंबर- घुघसी से निवाड़ी के लिए रवाना होंगे। 17 किमी चलेंगे। पड़ाव- रेस्ट हाउस एरिया, निवाड़ी
28 नवंबर- रेस्ट हाउस से ओरछा तिगड्डा के लिए रवाना होंगे, 15.5 किमी चलेंगे।
29 नवंबर को यात्रा ओरछा तिगड्डा से शुरू होगी और तय जगह पर पहुंचेगी।
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पंण्डित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने अपनी यात्रा के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए कहा कि आज पूरे देश में हिन्दू समाज जागरूक हो रहा है और समाज में व्याप्त जातिवाद को समाप्त कर, एकजुट होकर भारत के विकास में सक्रिय भूमिका निभा रहा है। इस पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य हिन्दू समाज को जागृत करना और भारत को सामर्थ्यवान बनाना है। यही जागृत हिन्दू समाज ही हिन्दू राष्ट्र की नींव रखेगा। उन्होंने यह भी कहा कि हम तलवारों के बल पर नहीं, बल्कि विचारों के माध्यम से सनातन धर्म के अनुयायियों में बदलाव लाने का प्रयास कर रहे हैं। विभिन्न पंथों में बंटे हुए सनातन हिंदुओं को एकजुट कर कट्टर हिन्दू बनाने के लिए यह यात्रा निकाली जा रही है। हमारी यात्रा एक मिशन और विजन के साथ चल रही है, जिसमें जाति और पंथ का भेद खत्म करने का मुख्य उद्देश्य है। सब हिन्दू एकजुट होकर अपने समाज को प्रगति की ओर ले जाएं, यही हमारा प्रमुख लक्ष्य है।
उन्होंने कहा, इस यात्रा में केवल देश ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी कई सनातनी लोग भाग लेने के लिए आ रहे हैं। अब तक लगभग 20 हजार लोगों ने यात्रा में शामिल होने के लिए पंजीकरण कराया है, जबकि पंजीयन के बिना भी इस यात्रा में शामिल होने वालों की संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है। उन्होंने सभी से अपील की कि वे शांतिपूर्ण तरीके से इस यात्रा में सम्मिलित हों और उत्साह के साथ इसे सफल बनाने में योगदान दें। उनका मानना है कि इस यात्रा का उद्देश्य केवल जागरूकता फैलाना नहीं, बल्कि समाज में एकता और बदलाव लाना है, और इसके लिए सभी का समर्थन आवश्यक है।
बागेश्वर महाराज की ऐतिहासिक यात्रा 21 नवंबर को बालाजी मंदिर, बागेश्वर धाम से शुरू होकर छतरपुर, नौगांव, निवाड़ी, मऊरानीपुर होते हुए 29 नवंबर को ओरछा के रामराजा मंदिर पहुंचेगी। धाम के संत सम्मेलन प्रभारी, रोहित रिछारिया ने जानकारी दी कि यात्रा के शुभारंभ पर जगतगुरु तुलसी पीठाधीश्वर श्री रामभद्राचार्य द्वारा भगवा ध्वज दिखाने की योजना थी, लेकिन उनके स्वास्थ्य में अचानक आई खराबी के कारण उनकी उपस्थिति पर संशय उत्पन्न हो गया है।
इस कार्यक्रम में देश के प्रमुख संतों की उपस्थिति निश्चित की गई है, जिनमें गुरुवार को देश प्रसिद्ध संत गोपाल मणि, कथा व्यास संजीवकृष्ण ठाकुर, इंद्रेश उपाध्याय, हनुमान गढ़ी अयोध्या के महंत राजू दास महाराज और सुदामा कुटी वृंदावन के महंत शामिल होंगे। इसके बाद, इस यात्रा में मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्र दास, जगतगुरु राघवाचार्य, प्रसिद्ध कथा व्यास अनिरुद्धाचार्य, कृष्ण चंद्र ठाकुर, मृदुल कांत, मनोज मोहन, तुलसीवन से कौशिक जी महाराज, ऋषिकेश से चिदानंद मुनि जी, गोरेलाल कुंज से किशोर दास जी महाराज, भिंड से दंदरौआ सरकार, महाराष्ट्र से गोविंद देव गिरि, वृंदावन से पुण्डरीक गोस्वामी, तुलसी पीठाधीश्वर के उत्तराधिकारी रामचन्द्र दास, सतुआ बाबा प्रयागराज, दीनबंधु दास, बल्लभाचार्य जैसे शीर्ष संत भी यात्रा में शामिल होंगे।
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