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Naresh Meena News : राजस्थान विधानसभा उपचुनाव सपन्न हो चुके है, लेकिन देवली-उनियारा में जो घटनाक्रम हुआ वो राजस्थान सहित पूरे देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। क्या पुलिस को रात में ही कार्रवाई करनी जरूरी थी। नरेश मीणा को दिन में भी गिरफ्तार किया जा सकता था, जिस तरह आंसू-गैस के गोले छोड़े गए वो पुलिस प्रशासन पर कई सवाल खड़े कर रहा है। इस घटनाक्रम में गांववालों के कई मकान जल गए और कई वाहन क्षतिग्रस्त हुए है। इसके अलावा गांव में 100 से ज्यादा लोग घायल घायल हो गए है। बता दें कि नरेश मीणा द्वारा SDM को थप्पड मारने के बाद राजस्थान में सियासी माहौल गरमा गया था। आइए जानते है क्या पूरा मामला?
बता दें कि थप्पडकांड के बाद आरएएस अधिकारियों की जारी पेन डाउन हड़ताल के बीच गुरुवार दोपहर को नरेश मीणा को गिरफ्तार किया गया। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा (Naresh Meena) का आरोप था कि एसडीएम ने फर्जी वोटिंग करवाई है। अब इस मामले में एसडीएम का भी जवाब आ गया है। इस वीडियो को शेयर करते हुए नरेश मीणा ने कहा कि एसडीएम ने फर्जी वोटिंग की बात को स्वीकार किया है। यह पूरा मामला देवली- उनियारा विधानसभा क्षेत्र के समरावता में ग्रामीणों द्वारा अपनी मांगों को लेकर वोटिंग बहिष्कार से शुरू हुआ था। इसके बाद वहां पहुंचे निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा वोटिंग मशीन चेक करने पहुंचे और नोकझोंक के दौरान आपा खो बैठे। तभी उन्होंने एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ भी मारा दिया।
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मीडिया से बातचीत में अमित चौधरी ने कहा कि समरावता गांव में वोटिंग बहिष्कार के चलते 10 बजे तक एक भी वोट नहीं डला था, जिला कलेक्टर ने इसी बात के लिए भेजा था कि आप वोट डला दीजिए। क्योंकि एक भी वोट पड़ जाता है तो यह 100% बायकॉट में नहीं आता है, मैं तो सरकारी आदेशों की पालना कर रहा था। वोट डालने वालों में टीचर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और उसका हसबैंड था। इस वीडियो को शेयर करते हुए नरेश मीणा ने SDM पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, स्वीकार किया कि जिला कलेक्टर के कहने पर उन्होंने मतदान बहिष्कार के रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए समरावता पोलिंग बूथ में 3 कर्मचारियों से मतदान कराया था। मतदान स्वैच्छिक होता है चाहे कर्मचारी हो या आमजनण। फिर SDM ने क्यों दबाव से मतदान कराकर हालात खराब कराने की शुरुआत की।
नरेश मीणा से जब सवाल किया गया कि क्या SDM को थप्पड़ मारना सही था? उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा था, ‘हां, बिल्कुल सही था। उस अधिकारी ने फर्जी वोटिंग करवाई। यहां के लोगों की भावनाओं को तोड़ा है, जब पूरा गांव यहां मतदान का बहिष्कार करके बैठा था तो उसे क्या जरूरत थी फर्जी वोटिंग कराने की? उस अधिकारी ने आंगनबाड़ी की महिला को सस्पेंड करने की धमकी दी, वो बीजेपी का एजेंट था। जानबूझकर उसकी ड्यूटी यहां लगाई गई ताकि बीजेपी को इसका फायदा हो सके। मैं कलेक्टर को इसका जिम्मेदार मानता हूं। हालांकि बीजेपी के दिग्गज नेता किरोड़ी लाल मीणा भी गुरुवार शाम को देवली उनियारा के समरावता गांव में पहुंचे। वहां उन्होंने ग्रामीणों से बातचीत की और रात को हुई घटना के बारे में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने ग्रामीणों विश्वास दिलाया है कि इस मामले की जांच करवाई जायेगी और दोषियों पर कार्रवाई की जायेगी।
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