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खाटूश्यामजी और सालासर बालाजी के दर्शन होंगे और आसान, शुरू होगी ये नई रेल लाइन

जयपुर। अब जल्द ही खाटूश्यामजी (Khatushyamji) और सालासर बालाजी धाम दर्शन के लिए यात्रा और भी आसान होने वाली है। दरअसल, केन्द्र एवं राजस्थान में राजस्थान की भजनलाल सरकार की तरफ से अभी धार्मिक स्थलों के उत्थान, पुर्न निर्माण एवं कारिडोर बनाने में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसका फायदा धार्मिक क्षेत्रों के स्थलों को मिलने के साथ ही इनके आस पास के क्षेत्रों में रहने वालों लोगों और इन यात्राओं पर जाने देश विदेश के श्रद्धालुओंं भी मिल रहा है। इससे पर्यटन उद्योग को भी बूम मिलने के साथ ही रोजगार के अन्य साधन भी डवलप हो रहे हैं। सरकार की तरफ से धार्मिक स्थलों तक पहुंचने के लिए सीधे सड़क मार्ग के साथ ही कई रेल मार्ग तैयार करवाए जा रहे हैं। इसी के चलते अब सीकर जिले में स्थित विश्व विख्यात खाटूश्यामजी मंदिर एवं चूरू जिले में स्थित सालासर बालाजी मंदिर के भक्तों के लिए नई खुशीखबरी है।

खाटूश्यामजी के लिए बिछ रही नई रेल लाइन

आपको बता दें कि सरकार की तरफ से मंजूरी मिलने के बाद भारतीय रेलवे ने सीकर जिले के रींगस रेलवे स्टेशन से खाटूश्यामजी (Khatushyamji) कस्बे तक रेल लाइन बिछाने की योजना को धरातल पर उतारना शुरू कर दिया है। खबर है कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव कुमार ने खाटूश्यामजी मंदिर में आने वाले भक्तों को बार-बार वाहन बदलने की परेशानी से छुटकारा दिलाने को लेकर यह बड़ा कदम उठाया है। जिसके तहत सीकर के रींगस-खाटूश्यामजी तक 17.49 किलोमीटर की नई रेल लाइन के लिए 254.06 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। सालासर और खाटू का रेल के जरिए जुड़ाव होने के बाद श्रद्धालुओं को काफी राहत मिलने वाली है।

सुजानगढ़-सालासर-खाटूश्याम के बीच नया रेल मार्ग

इंडियन रेलवे की तरफ से जल्द ही खाटूश्यामजी-सालासर-सुजानगढ़ के बीच करीब 45 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन के लिए भी जल्द ही डीपीआर बनने जा रही है। इस योजना को सरकार की तरफ से मंजूरी मिल चुकी है और अब इसके लिए अंतिम सर्वेक्षण का कार्य किया गया है।

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अभी सिर्फ रींगस तक ही है रेल मार्ग

वर्तमान में ट्रेन के जरिए खाटूश्यामजी (Khatushyamji) मंदिर पहुंचने का कोई सीधा रास्ता नहीं है। अभी ट्रेन से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को खाटू श्यामजी मंदिर तक पहुंचने के लिए रींगस रेलवे स्टेशन पर उतर कर दूसरे वाहन का सहारा लेना पड़ता है। हालांकि, अब रेल पटरिया बिछ जाने के बाद खाटूश्यामजी के लिए भी सीधा रेल मार्ग मिल जाएगा।

खाटूश्यामजी रोज पहुंचते हैं 8 से 10 हजार भक्त

एक अनुमान के मुताबिक खाटूश्यामजी (Khatushyamji) मंदिर में एक साल में दर्शन करने वाले भक्तों का आंकड़ा एक करोड़ से अधिक होता है। इतना ही नहीं बल्कि होली के पहले आयोजित होने वाले खाटूश्यामजी के वार्षिक लक्खी मेले में सिर्फ 7 दिनों में ही 35 से 40 लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं। यह भी अनुमान है कि इस मंदिर में रोज 8 से 10 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।

सालासर के लिए भी नहीं सीधी रेल सेवा

आपको बता दें कि राजस्थान के चूरू जिले में के सुजानगढ़ इलाके में स्थित सालासर बालाजी मंदिर तक पहुंचने के लिए सालासर तक का भी कोई रेल मार्ग नहीं है। ट्रेन से सालासर पहुंचने के लिए पहले सुजानगढ़, सीकर, रींगस आदि स्टेशनों पर जाना होता है और उसके बाद बस या अन्य वाहनों का सहारा लेकर सालासर बालाजी मंदिर पहुंचा जाता है। यदि इस स्थल के लिए बनने वाली डीपीआर को सफलता मिल जाती है तो भक्तों के लिए यहां से बड़ी खुशी खबरों होगी। हालांकि, अभी इस काम में समय काफी लगेगा।

खाटूश्यामजी मंदिर कॉरिडोर बनाने की भी तैयारी

खाटूश्याम मंदिर कॉरिडोर (Khatu Shyam Ji Temple Corridor) बनाने को लेकर भी भजनलाल सरकार बजट में घोषणा कर चुकी है। इस क्षेत्र के संपूर्ण विकास के लिए मास्टर प्लान बनाकर लागू करने की दिशा में बड़े कदम उठाए है। हाल ही में राज्य की उपमुख्यमंत्री एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग संभाल रही दीया कुमारी ने भी वित्त, सार्वजनिक निर्माण और पर्यटन विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों में कहा गया है कि खाटू श्यामजी मंदिर और उसके आसपास के क्षेत्र में जन सुविधाओं यथा सड़क, परिवहन, यात्रियों के ठहराव, दर्शनों में सुगमता, भीड़ नियंत्रण सहित विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखकर एक बेहतर कार्य योजना बनाई जाए जिससें कि खाटूश्याम मंदिर कॉरिडोर को एक मॉडल के रूप में विकसित कर सकें। दीया कुमारी ने जोर देते हुए कहा कि खाटूश्यामजी मंदिर कॉरिडोर के समग्र विकास के लिए उत्कृष्ट डीपीआर बनाई जाएगी।

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Anil Jangid

Anil Jangid डिजिटल कंटेट क्रिएटर के तौर पर 13 साल से अधिक समय का अनुभव रखते हैं। 10 साल से ज्यादा समय डिजिटल कंटेंट क्रिएटर के तौर राजस्थान पत्रिका, 3 साल से ज्यादा cardekho.com में दे चुके हैं। अब Morningnewsindia.com और Morningnewsindia.in के लिए डिजिटल विभाग संभाल रहे हैं।

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