Suicide in Kota
Suicide In Kota : जयपुर। कोटा में नीट की तैयारी कर रहे एक और छात्र ने गुरुवार रात सुसाइड कर लिया। छात्र के पिता शव देखते ही बिलख पड़े और कहा-‘कहा था पापा यहां मन नहीं लग रहा। हमने कहा था हम कोटा आ जाते हैं या आप घर आ जाओ। लेकिन वो तो दुनिया ही छोड़ गया। 8 दिन पहले ही तो घर से आया है ऐसा क्या हुआ।’ पेरेंट्स ने पुलिस और प्रशासन से की निपक्ष जांच की मांग।
बता दें कि कोटा में गुरुवार रात उत्तर प्रदेश के बरसाना के रहने वाले छात्र ने कोटा में सुसाइड कर लिया। छात्र का नाम परशुराम में बताया जा रहा है जो 8 दिन पहले ही घर से कोटा में नीट की तैयारी करने आया था। परशुराम कोटा के जवाहर नगर थाना क्षेत्र में मकान किराए लेकर रहता था। आखिरी बार मकान मालिक ने उसे कपड़े सुखाते हुए देखा था, लेकिन जब वह कई घंटों तक नजर नहीं आया तो लेन लोड को डाउट हुआ और उसने दरवाजे को खटखटाया तो कोई रिस्पांस नहीं मिला तो मकान मालिक घबरा गए और पुलिस को इस घटना की सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने कमरे का दरवाजा तोड़कर बच्चे के शव को कब्जे में लिया और शव को अस्पताल की मोर्चरी में रखवाकर परिजनों को सूचित किया। परिजन पहुंचे तो पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों का सौंप दिया।
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पिता ने खचरमल ने बताया कि उनका बेटा पढ़ाई में बहुत अच्दा था। साल 2022 में वह कोटा में नीट की तैयारी कर रहा था, लेकिन नीट के रिजल्ट में हुई धांधली के बाद वह तनाव में था। पिता ने बताया कि 2022 में परशुराम ने कोटा में कोचिंग कर 490 अंक हासिल किए थे। उसके बाद साल 2023 में उसने उत्तर प्रदेश से ही नीट का एग्जाम दिया था और 450 अंक उसको मिले थे। लेकिन साल 2024 में उसके रिजल्ट में पहले 647 अंक प्रदर्शित हुए और फिर उसके बाद 247 अंक वाला रिजल्ट आया तब से वह तनाव में था।
पिता ने बताया कि अभी 8 दिन पहले तो घर से कोटा आया था। आखिर परशुराम ने आत्महत्या क्यों की यह समझ नहीं रहा है। बेटा पढ़ाई में होशियार था और दो बार ऐलन कोचिंग संस्थान से टेस्ट में अच्छे अंक लाने पर इनाम भी मिला था। पिता ने बताया कि दोपहर परशुराम से बात हुई थी तो उसने कहा था पापा यहां मन नहीं लग रहा है तो मैंने कहा बेटा गांव आ जाओ या मैं और तुम्हारी मम्मी कोटा आ जाते हैं। लेकिन फिर वो दुनिया ही छोड़ गया। पुलिस ने गुरुवार रात को सूचना दी कि आपके बेटे की तबीयत खराब है आप कोटा आ जाइए। पिता ने कहा क वह 8 दिन पहले ही तो कोटा आया है फिर उनके बेटे को ऐसा क्या हो गया कि उसने आत्मघाती कदम उठाया। इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
बेटे का शव देखकर बिलख पड़े पिता ने कहा कि मैं कारीगर का काम करके अपने बेटे की पढ़ाई करवाई। उसको कभी किसी चीज की कमी का एहसास नहीं होने दिया। बेटा भी पढ़ाई में होशियार था, लेकिन नीट रिजल्ट में सभी को निराशा हाथ लगी थी। होशियार होने के बावजूद सलेक्शन नहीं होने और बेटे को खो देने पर एक गरीब परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। पिता ने इस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है। जवाहर नगर थाना प्रभारी हरि नारायण शर्मा ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
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