Categories: स्थानीय

29 जनवरी को तिल चौथ माता का व्रत, देवरानी-जेठानी की ये कहानी बना देगी बिगड़े काम

जयपुर। तिल चौथ, चौथ माता, सकट चौथ, संकष्टी चौथ का व्रत (Chauth Mata Vrat) 29 जनवरी 2024 को रखा जा रहा है। इस पवित्र दिन पर भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस दिन माताएं संतान के लिए व्रत रखती हैं। तिल चौथ या सकट चौथ पर व्रत रखने से संतान निरोगी और दीर्घायु होती है। यह भी माना जाता है कि गणेशजी की कृपा से सभी बिगड़े काम भी बन जाते हैं। तिल चौथ या सकट चौथ के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत खोला जाता है। व्रत से पहले चौथ माता की कहानी (Chauth Mata Ki Kahani) भी सुनी जाती है जिसका शुभ फल मिलता है। ऐसे में आप भी तिल चौथ या सकट चौथ के दिन देवरानी-जेठानी की कथा पढ़ और सुना कर गणेशजी और चौथ माता की कृपा पा सकते हैं-

तिल चौथ सकट चौथ की कहानी (Til Choth ki Kahani)

एक नगर में देवरानी-जेठानी रहती थी। जेठानी अमीर थी तो देवरानी गरीब थी। गरीब देवरानी गणेश जी की भक्त थी। देवरानी का पति जंगल से लकड़ी काट लाता और उसें बेचकर अपना घर चलाता था, हालांकि वो अक्सर बीमार रहता था। देवरानी, जेठानी के घर का सारा काम करती और बदले में जेठानी उसको हुआ खाना, पुराने कपड़े आदि देती थी। इसी से देवरानी का परिवार चल रहा था।

यह भी पढ़ें: बरवाड़ा में है देश का सबसे पुराना चौथ माता मंदिर, 567 साल पहले इस राजा ने बनवाया था

देवरानी ने किया चौथ का व्रत (Devrani Jethani Ki kahani)

एकबार माघ महीने में देवरानी ने तिल चौथ या सकट चौथ का व्रत किया। 5 आने का तिल व गुड़ लाकर तिलकुट्टा बनाया। इसके बाद चौथ माता की पूजा करके तिल चौथ की कहानी सुनी और तिलकुट्टा छींके में रख दिया। यह निश्चय किया की चंद्रमा उगने पर पहले तिलकुट्टा खाएंगी और उसके बाद ही कुछ खाएगीं।

जेठानी देती थी बचा हुआ खाना

देवरानी चौथ माता की कथा सुनकर वह जेठानी के यहां चली गई। खाना बनाकर जेठानी के बच्चों से खाना खाने को कहा तो बच्चे बोले मां ने व्रत किया हैं और मां भूखी हैं। जब मां खाना खायेगी हम भी तभी खाएंगे। जेठजी को खाना खाने को कहा तो जेठजी बोले मैं अकेला नही खाऊंगा, जब चंद्रमा निकलेगा तब सब मिलकर खाएंगे तभी मैं भी खाऊंगा जेठानी ने उसे कहा कि आज तो किसी ने भी अभी तक खाना नहीं खाया तुम्हें कैसे दे दूं? तुम सुबह आकर ही बचा हुआ खाना ले जाना।

पानी पीकर सो गई देवरानी

उधर, देवरानी के घर पर पति, बच्चे सब यह आस लगाए बैठे थे कि आज त्योहार हैं तो कुछ पकवान आदि खाने को मिलेंगे। लेकिन, जब बच्चों को पता चला कि आज तो रोटी भी नहीं मिलेगी तो वो रोने लगे। उसके पति को भी बहुत गुस्सा आया कहने लगा सारा दिन काम करके भी 2 रोटी नहीं ला सकती तो काम क्यों करती हो ? पति ने गुस्से में आकर पत्नी को कपड़े धोने के धोवने से मारा। धोवना हाथ से छूट गया तो पाटे से मारा। इसके बाद वो बेचारी गणेश जी को याद करती हुई रोते-रोते पानी पीकर सो गई।

गणेशजी ने सपने में आकर कही ये बात

उस दिन गणेश जी देवरानी के सपने में आए और कहने लगे कि धोवने मारी, पाटे मारी सो रही है या जाग रही है…
देवरानी बोली-कुछ सो रही हूं, कुछ जाग रही हूं…
गणेश जी बोले- भूख लगी हैं, कुछ खाने को दे
देवरानी बोली क्या दूं , मेरे घर में तो अन्न का एक दाना भी नहीं हैं.. जेठानी बचा खुचा खाना देती थी आज वह भी नहीं मिला। पूजा का बचा हुआ तिल कुट्टा छींके में पड़ा हैं वही खा लो।
तिलकुट्टा खाने के बाद गणेश जी बोले- धोवने मारी, पाटे मारी निमटाई लगी है, कहां निमटे…
वह बोली, यह पड़ा घर, जहां इच्छा हो वहां निमट लो… फिर गणेश जी बच्चे की तरह बोले अब कहां पोंछू
नींद में मग्न अब देवरानी को बहुत गुस्सा आया कि कब से तंग किए जा रहे हैं, सो बोली, मेरे सर पर पोंछो और कहा पोछोंगे…

यह भी पढ़ें: Sakat Chauth 2024 पर इन राशियों की बल्ले-बल्ले, 100 साल बाद बन रहा दुर्लभ संयोग

हीरे मोती से जगमगा गया पूरा घर

देवरानी सुबह जब उठी तो यह देखकर हैरान रह गई कि पूरा घर हीरे-मोती से जगमगा रहा है, सिर पर जहां विनायक जी पोंछनी कर गए थे वहां हीरे के टीके व बिंदी जगमगा रहे थे। इसके बाद जब देवरानी, जेठानी के यहां काम करने नहीं गई तो बड़ी देर तक राह देखने के बाद जेठानी ने बच्चों को देवरानी को बुलाने भेजा। जेठानी ने सोचा कल खाना नहीं दिया इस वजह से देवरानी बुरा मान गई है। बच्चे बुलाने गए और बोले चाची चलो मां ने बुलाया है सारा काम पड़ा है। देवरानी ने जवाब दिया अब उसकी जरूरत नहीं है। घर में सब भरपूर है गणेश जी के आशीष से…

जेठानी कर बैठ लालच

बच्चो ने घर जाकर मां को बताया कि चाची का तो पूरा घर हीरे मोतियों से जगमगा रहा है। जेठानी दौड़ती हुई देवरानी के पास आई और पूछा कि यह सब हुआ कैसे? देवरानी ने उसके साथ जो हुआ वो सब कह डाला। घर लौटकर जेठानी अपने पति से कहा कि आप मुझे धोवने और पाटे से मारो। उसका पति बोला कि भलीमानस मैंने कभी तुम पर हाथ भी नहीं उठाया। मैं तुम्हे धोवने और पाटे से कैसे मार सकता हूँ। वह नहीं मानी और जिद करने लगी। मजबूरन पति को उसे मारना पड़ा।

जेठानी के सपने में आए गणेशजी

जेठानी ने ढ़ेर सारा घी डालकर चूरमा बनाया और छीकें में रखकर और सो गई। रात को चौथ विनायक जी सपने में आए कहने लगे, भूख लगी है, क्या खाऊं… जेठानी ने कहा, हे गणेश जी महाराज, मेरी देवरानी के यहां तो आपने सूखा तिलकुट्टा खाया था, मैने तो झरते घी का चूरमा बनाकर आपके लिए छींके में रखा हैं, फल और मेवे भी रखे हैं जो चाहें खा लीजिए…

बालस्वरूप गणेश जी बोले अब निपटे कहां…

जेठानी बोली, उसके यहां तो टूटी फूटी झोपड़ी थी मेरे यहां तो कंचन के महल हैं जहां चाहो निपटो… फिर गणेश जी ने पूछा, अब पोंछू कहां…जेठानी बोली, मेरे ललाट पर बड़ी सी बिंदी लगाकर पोंछ लो… धन की भूखी जेठानी सुबह बहुत जल्दी उठ गई। सोचा घर हीरे-जवाहरात से भर चूका होगा पर देखा तो पूरे घर में गन्दगी फैली हुई थी। तेज बदबू आ रही थी। उसके सिर पर भी बहुत सी गंदगी लगी हुई थी। उसने कहा हे गणेश जी महाराज, यह आपने क्या किया… मुझसे रूठे और देवरानी पर टूटे। जेठानी ने घर और की सफाई करने की बहुत ही कोशिश करी परन्तु गंदगी और ज्यादा फैलती गई। जेठानी के पति को मालूम चला तो वह भी बहुत गुस्सा हुआ और बोला तेरे पास इतना सब कुछ था फिर भी तेरा मन नहीं भरा।

देवरानी को देना पड़ा आधा धन

जेठानी परेशान होकर चौथ के गणेशजी से मदद की विनती करने लगी। गणेश जी ने कहा, देवरानी से जलन के कारण तूने जो किया था यह उसी का फल है। अब तू अपने धन में से आधा उसे दे देगी तभी यह सब साफ होगा…उसने आधा धन बांट दिया किन्तु मोहरों की एक हांडी चूल्हे के नीचे गाढ़ रखी थी। उसने सोचा किसी को पता नहीं चलेगा और उसने उस धन को नहीं बांटा । उसने कहा हे श्री गणेश जी, अब तो अपना यह बिखराव समेटो, वे बोले, पहले चूल्हे के नीचे गाढ़ी हुई मोहरों की हांडी सहित ताक में रखी दो सुई के भी दो हिस्से कर। इस प्रकार ‍गजानन ने बाल स्वरूप में आकर सुई जैसी छोटी चीज का भी बंटवारा किया और अपनी माया समेटी।

सब पर बरसाए गणेशजी ऐसी कृपा

हे गणेश जी महाराज, जैसी आपने देवरानी पर कृपा की वैसी सब पर करना। कहानी कहने वाले, सुनने वाले व हुंकारा भरने वाले सब पर कृपा करना। लेकिन जेठानी को जैसी सजा दी वैसी किसी को मत देना।

Anil Jangid

Anil Jangid डिजिटल कंटेट क्रिएटर के तौर पर 13 साल से अधिक समय का अनुभव रखते हैं। 10 साल से ज्यादा समय डिजिटल कंटेंट क्रिएटर के तौर राजस्थान पत्रिका, 3 साल से ज्यादा cardekho.com में दे चुके हैं। अब Morningnewsindia.com और Morningnewsindia.in के लिए डिजिटल विभाग संभाल रहे हैं।

Share
Published by
Anil Jangid

Recent Posts

Rawat Public School प्रताप नगर के विद्यार्थी सी बी एस ई वेस्ट जोन योगासन में चैंपियन

रावत पब्लिक स्कूल प्रताप नगर के विद्यार्थियों ने नंदूबा इंग्लिश एकेडमी स्कूल,सूरत में आयोजित सी…

2 weeks ago

झोटवाड़ा में रक्तदान शिविर का आयोजन, 50 से अधिक यूनिट रक्त एकत्र

blood donation camp : जयपुर। झोटवाड़ा स्थित 'डॉ. पांडे ईएनटी सेंटर' ने 'स्वरूप फाउंडेशन डीके…

3 weeks ago

जयपुर का युवा बना रहा है भारत के सबसे वैज्ञानिक बेबी टॉय ब्रांड – LiLLBUD

IIT दिल्ली के पूर्व छात्रों अभिषेक शर्मा और अयुष बंसल द्वारा स्थापित, LiLLBUD 0–18 महीने…

2 months ago

लिवर की बीमारियों के बढ़ते मामलों को कम करने के लिए पहले से सचेत रहना जरूरी

Healthy Liver Tips : जयपुर। लिवर शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जो हमारे शरीर…

4 months ago

सोनिया गांधी व राहुल गांधी के खिलाफ ईडी चार्ज शीट पेश, विरोध में उतरी कांग्रेस का धरना प्रदर्शन

National Herald Case : केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी व नेता प्रतिपक्ष राहुल…

4 months ago

राहोली में हनुमान जयंती का आयोजन! बच्चों ने बजरंगी बन मोहा सबका मन

Hanuman Jayanti : राहोली पंचायत के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय में हनुमान जयंती के अवसर…

4 months ago