Categories: स्थानीय

अजमेर के बहुचर्चित ब्लैकमेल कांड पर बनी फिल्म अजमेर-92 पर मचा बवाल

अजमेर। साल 1992 यह वह साल है जब अजमेर पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया था। 1992 का वह साल अजमेर के लिए एक काला अध्याय बन गया। एक ऐसी घटना हुई जिसने लोगों की रूहें कंपा दी। यह वो खौफनाक मंजर था जहा एक के बाद एक लड़कियों की लाशे लटकी हुई नजर आई। इस खबर ने पूरे शहर के होश उड़ा दिए। 100 से ज्याद लड़कियों की न्यूड फोटो सामने आई। एक साल तक अलग-अलग लड़कियों को हेवानों ने अपनी हैवानियत का शिकार बनाया था। इस खौफनाक घटना में राजनीतिक व धार्मिक क्षेत्र से जुडे नामी लोगों के नाम सामने आए। इस खौफनाक मंजर से गुजरी पीड़िताए आज भी न्याय के इंतजार में हक की लड़ाई लड़ रही हैं।

फोटो ब्लैकमेल कांड पर बनी फिल्म

अजमेर के बहुचर्चित फोटो ब्लैकमेल कांड पर बनी फिल्म अजमेर 92 आगामी 25 जुलाई को रिलीज होगी, लेकिन फिल्म को लेकर बहस शुरू हो गई है। फिल्म को बैन करने की मांग की जा रही है। आरोप है की फिल्म के जरिए अल्पसंख्यक वर्ग के खिलाफ नफरत पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है। जमीयत उलमा ए हिंद संगठन ने कहा की आपराधिक घटनाओं को धर्म से जोड़ने के बजाय अपराधों पर कार्रवाई की जरूरत है। इसके जरीए अजमेर शरीफ को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है।  

लड़के से कुकर्म के बाद शुरू हुआ था सिलसिला

यह सिलसिला तब शुरू हुआ जब एक बिजनेसमैन के बेटे से दोस्ती कर उसे शिकार बनाया गया। उसके बाद उसकी तस्वीर निकाल कर उसकी महिला दोस्त को लाने को कहा गया। उसके बाद महिला के साथ दुर्ष्कम कर तस्वीर निकाली गई ओर अपनी सहेलियों को लाने के लिए दबाव बनाया गया। जिसके बाद एक के बाद एक लड़किया इसका शिकार हुई।

आत्महत्याओं ने उठाया इस काले सच से पर्दा

इस घटना का खुलासा तब होना शुरू हुआ जब एकाएक शहर में लडकियों की आत्महत्याए बढ़ने लगी। इस घटना में अजमेर शहर यूथ कांग्रेस प्रेसिडेंट और अन्य पदाधिकारी गिरफ्तार हुए। कई आरोपियों को सजा भी हुई। गंभीर बात यह रही कि अधिकांश आरोपी ख्वाजा साहब की दरगाह के खादिम परिवारों से जुड़े थे। पुलिस ने इस मामले में अदालत में सबूत भी पेश किए और सबूतों के आधार पर आरोपियों को सजा भी हुई।  अभी भी यह मामला अजमेर की पॉक्सो कोर्ट में चल रहा है।

भैरोसिंह शेखावत सरकार ने दिए जांच के आदेश

तब राजस्थान में भैरोसिंह शेखावत के नेतृत्व में भाजपा की सरकार चल रही थी। 1991-92 में जब यह आपराधिक मामला उजागर हुआ तब तत्कालीन सरकार के मुख्यमंत्री रहे भैरोसिंह शेखावत ने पूरा मामला सीआईडीसीबी को सौंप दिया था। हालांकि पूरे मामले में आरोपी रहे दोषी आज भी आजाद घुम रहे है।

Morning News India

Recent Posts

लिवर की बीमारियों के बढ़ते मामलों को कम करने के लिए पहले से सचेत रहना जरूरी

Healthy Liver Tips : जयपुर। लिवर शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जो हमारे शरीर…

2 सप्ताह ago

सोनिया गांधी व राहुल गांधी के खिलाफ ईडी चार्ज शीट पेश, विरोध में उतरी कांग्रेस का धरना प्रदर्शन

National Herald Case : केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी व नेता प्रतिपक्ष राहुल…

2 सप्ताह ago

राहोली में हनुमान जयंती का आयोजन! बच्चों ने बजरंगी बन मोहा सबका मन

Hanuman Jayanti : राहोली पंचायत के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय में हनुमान जयंती के अवसर…

3 सप्ताह ago

जयपुर में अतिक्रमण पर चला बुलडोजर, बीजेपी विधायक गोपाल शर्मा भिड़े अधिकारियों से

Jaipur Bulldozer Action: जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से 9 अप्रैल को अतिक्रमण के खिलाफ…

3 सप्ताह ago

No Shop, No Staff, No Investment: Saumic Craft Business Model Explain

Starting a business usually means spending money on a shop, hiring staff, buying stock, and…

3 सप्ताह ago

सीएम भजनलाल शर्मा का बड़ा ऐलान! धरातल पर लागू होगा जनजाति समाज का पेसा एक्ट

PESA Act : जयपुर। जनजातियों की रक्षा करने वाला विश्व के सबसे बड़े संगठन अखिल…

3 सप्ताह ago