Vasundhara Raje News: राजस्थान में भाजपा को बंपर जीत मिलने के बाद मुख्यमंत्री पद को खींचतान चल रही है। इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर बड़ी बैठक हुई है। इसमें भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल हुए। इस बैठक के दौरान अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तीनों राज्यों के नेताओं से मुलाकात की। ऐसे में अब राजस्थान का मुख्यमंत्री किसें बनाया जाएगा यह तय नहीं किया जा पा रहा। अब वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) भी दिल्ली पहुंच चुकी हैं। ऐसे में आइए जानते है। वो कौनसे 5 फेक्टर हैं जो वसुंधरा राजे को राजस्थान के मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार बनाते हैं।
वसुंधरा राजे को राजस्थान की मुख्यमंत्री इसलिए बन सकती है क्योंकि राज्य में वो भाजपा का बड़ा चेहरा है। वो 2 बार राजस्थान की मुख्यमंत्री बन चुकी हैं। ऐसे में उनका कद राज्य में सबसे बड़ा है। हालांकि, राजस्थान में बीजेपी ने इस बार का विधानसभा चुनाव प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़ा था। आपको बता दें कि वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री के तौर पर उतार कर चुनाव नहीं लड़ा गया था। हालांकि, वसुंधरा को साइडलाइन नहीं किया गया है। राजस्थान में भाजपा की हुई हर अहम बैठक में वो मौजूद रही। वसुंधरा राजे के कई समर्थकों को बीजेपी ने टिकट दिया और वो विधायक भी बने. इस वजह से सीएम पद के लिए वसुंधरा राजे का दावा मजबूत है।
वसुंधरा राजे पहले 2 बार राजस्थान की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं और उनको अनुभव है। वसुंधरा राजे का अनुभव सरकार चलाने में काम आ सकता है। उनको प्रशासन की अच्छी समझ और पकड़ भी है। भाजपा जरूर इसका फायदा उठाना चाहेगी। 2 बार की मुख्यमंत्री राजे राजस्थान के लोगों और वहां की राजनीति से अच्छी तरह से जानती हैं। ऐसे में वो सीएम पद की प्रबल दावेदार हैं।
अब कुछ ही महीनों बाद ही 2024 का लोकसभा चुनाव होने जा रहा है। इसमें भाजपा राजस्थान में किसी तरह के विरोध का रिस्क नहीं उठाना चाहती। वसुंधरा राजस्थान की एक ताकतवर नेता हैं। यदि वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाता है तो वा खुद और उनके समर्थक नाराज हो सकते हैं। इसका सीधा असर 2024 के चुनाव पर पड़ सकता है। आपको बता दें कि भाजपा ने 2014 और 2019 के आम चुनावों राजस्थान की 25 में से 25 सीटें जीती थीं।
यह भी पढ़े: PoK सारा का सारा हमारा है ..Amit Shah के बयान के बाद चिंता में पड़ोसी देश!
वसुंधरा राजे को अधिक विधायकों का समर्थन प्राप्त है। इससे पहले वो राजस्थान के लगभग 60 विधायकों से मिल चुकी हैं। माना जा रहा है कि चुनाव जीतकर आए भाजपा विधायकों में वसुंधरा राजे के समर्थकों की संख्या बड़ी है।
यदि किसी राज्य में किसी जाति की संख्या ज्यादा है तो मुख्यमंत्री उससे अलग जाति का होना चाहिए। राजस्थान में राजपूत, ब्राह्मण, गुर्जर, ओबीसी, दलित और आदिवासी जैसे तमाम वर्ग-जाति के लोग हैं। लेकिन भाजपा इन सबसे अलग वसुंधरा राजे को मौका दे सकती हैं। जिससें वो जाति संघर्ष से भी बच सकती है।
Healthy Liver Tips : जयपुर। लिवर शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जो हमारे शरीर…
National Herald Case : केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी व नेता प्रतिपक्ष राहुल…
Hanuman Jayanti : राहोली पंचायत के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय में हनुमान जयंती के अवसर…
Jaipur Bulldozer Action: जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से 9 अप्रैल को अतिक्रमण के खिलाफ…
Starting a business usually means spending money on a shop, hiring staff, buying stock, and…
PESA Act : जयपुर। जनजातियों की रक्षा करने वाला विश्व के सबसे बड़े संगठन अखिल…