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संपत्ति मामले में फंसे Vishvraj Singh Mewar और सांसद पत्नी, कोर्ट ने कसी नकेल !

Vishvraj Singh Mewar News : उदयपुर। मेवाड़ राजघराने में शुरु हुई वर्चस्व की लड़ाई छिड़ गई है, विश्वराज सिंह मेवाड़ और उनके चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ के बीच शुरु हुआ विवाद थमता नज़र नहीं आ रहा है। वही अब एक मामले में विश्रेंद्र सिंह मेवाड़ बुरे फंसते नजर आ रहे है, जी हा, आज हम बात करेंगे राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा राजसमंद के सांसद महिमा कुमारी मेवाड़, नाथद्वारा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़, और राजसमंद विधायक दिप्ती माहेश्वरी के खिलाफ जारी नोटिस के बारे में….ये नोटिस उनके खिलाफ लगाए गए गंभीर आरोपों को लेकर हैं। तो आइए, जानते हैं पूरा मामला।

दरअसल राजस्थान हाईकोर्ट ने हाल ही में 5 लोगों को नोटिस जारी किया है। इनमें राजसमंद सांसद महिमा कुमारी मेवाड़, नाथद्वारा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़, और राजसमंद विधायक दिप्ती माहेश्वरी शामिल हैं। यह नोटिस एडवोकेट जितेंद्र कुमार खटीक द्वारा दायर की गई याचिका पर जारी किए गए हैं। अदालत ने इन आरोपों की सुनवाई करते हुए इन नेताओं को जवाब देने के लिए 16 दिसंबर तक का समय दिया है। तो चलिए, जानते हैं वो गंभीर आरोप जो इन नेताओं पर लगाए गए हैं।

बता दें कि एडवोकेट जितेंद्र कुमार खटीक ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर एक याचिका दायर की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि महिमा कुमारी मेवाड़ और उनके पति विश्वराज सिंह मेवाड़ ने संपत्ति के बारे में झूठा शपथ पत्र पेश किया था। उनका कहना है कि शपथ पत्र में संपत्तियों की जानकारी में गंभीर फर्क था। खटीक ने यह भी आरोप लगाया कि महिमा कुमारी ने नामांकन के दौरान पांच पैन कार्ड नंबर दिए, जबकि उनके पति विश्वराज सिंह ने केवल चार पैन कार्ड नंबर दिए। यह भी एक बड़ा सवाल खड़ा करता है कि यह जानकारी क्यों अलग-अलग दी गई।

इसके अलावा, याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि दिप्ती माहेश्वरी ने राजसमंद विधानसभा चुनाव में नामांकन के दौरान दो वोटर आईडी कार्ड प्रस्तुत किए। एक वोटर आईडी कार्ड 2021 में हुए राजसमंद उपचुनाव के दौरान था, जबकि दूसरा वोटर आईडी कार्ड उन्होंने 2024 के चुनाव में पेश किया। खटीक का कहना है कि एक व्यक्ति के पास दो अलग-अलग वोटर आईडी कार्ड होना गलत है और यह चुनाव में धोखाधड़ी का संकेत देता है।

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इसके अलावा, याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में रिटर्निंग अधिकारी के सामने आपत्तियां उठाने के बावजूद इन आरोपों की जांच नहीं की गई। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रक्रिया में वीमार्ट माल का इस्तेमाल मतदाताओं को लुभाने के लिए किया गया और चुनाव के दौरान मतदाताओं को सामान दिया गया था, जो कि चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन है।
राजस्थान हाईकोर्ट ने इन सभी आरोपों को गंभीरता से लिया है और अब इन नेताओं से जवाब मांगा है। अदालत ने सभी पक्षकारों को नोटिस जारी करते हुए 16 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी, और इसके बाद ही यह साफ होगा कि ये आरोप कितने सही हैं और इन नेताओं पर क्या कार्रवाई की जाएगी।

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Mukesh Kumar

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