किसी भी नदी की मुख्य तीन अवस्थाएं होती है। कोटा में चंबल मुझे अपनी युवावस्था में नजर आती है। जहां उसका सौंदर्य चरम पर दिखाई देता है। निर्मल, अविरल, कलकल बहती नदी से आकर्षित कुछ नहीं हो सकता। ऐसी नदी पर अगर थोड़ा बहुत भी सुधार किया जाए, तो वह जीवनदायिनी होने के साथ-साथ देश के आधारभूत ढांचे और ऑक्सीजन में वृद्धि के साथ-साथ और भी महत्व की हो सकती है? आपको तो पता है।
सभ्यता संस्कृति का उद्भव नदियों के किनारे ही हुआ है सिंधु घाटी हो या मोहनजोदड़ो, फिर गंगा यमुना को हम कैसे भूल सकते हैं? गंगा से याद आया, उसके अस्सी घाट जो संपूर्ण भारत के एकीकरण, संस्कृति और सभ्यता को एकजुट कर एक भारत श्रेष्ठ भारत की पहचान दिलाता है। इसी दिशा में हमारा राजस्थान का एक शहर कोटा इन दिनों सुर्खियों में है। अपनी भौगोलिक और सांस्कृतिक विरासत के साथ-साथ कोटा पढ़ाई और पर्यटन का मुख्य केंद्र है। आज हम बात कर रहे हैं। कोटा रिवरफ्रंट चंबल की।
जी हां, दो चरणों में बनाया गया यह रिवरफ्रंट हेरिटेज के साथ-साथ ग्रीनरी को भी साथ में लेकर चल रहा है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य पढ़ाई के साथ-साथ कोटा की खूबसूरती को पर्यटकको। तक पहुंचाना है। क्या आप जानते हैं? चंबल रिवर फ्रंट के हेरिटेज साइट सौंदर्य में चार चांद लगा रहे हैं। उस पर बने 27 घाट। जो की याद दिलाते हैं।
गंगा के अस्सी घाट की, इस नदी पर एक विशाल माता चंबल की भी मूर्ति स्थापित की गई है। उनके आसपास उनकी सखियों गंगा, यमुना ,कावेरी जैसी नदियों की भी मूर्तियां स्थापित की गई है। जो सौंदर्य का खजाना है। इतना ही नहीं वैभवशाली प्रोजेक्ट में वैदिक और सनातन संस्कृति की भी सुंदर झलक दिखाई देगी। 10 अवतार मूर्तियों की स्थापना के साथ साथ हरियाली का ऑक्सीजोन भी इसमें बनाया गया है।
आपको तो पता है। इन दिनों कोटा में बच्चे पढ़ाई के चलते अवसाद और डिप्रेशन भी जा रहे हैं। ऐसे में अगर विद्यार्थी जाकर कुछ पल वहां गुजारेंगे तो उन्हें सुकून और शांति मिलेगी। इसी दिशा में यहां पर एक पुस्तकालय भी बनाया गया है। जो विशाल होने के साथ-साथ बहुत खूबसूरत है। सच कहें तो इस रिवरफ्रंट में मुगल आर्ट, पर्शियन और भारतीय कला का सुंदर संगम आपको दिखाई देगा।
बचपन की हिंदी की किताब में कोटा बैराज नाम की एक कहानी थी। जिसमें राजस्थान की पन बिजली घर की विस्तृत व्याख्या की गई थी। तब वह पाठ कुछ बोरियत सा लगता था लेकिन अब जब कोटा बैराज के साथ-साथ कोटा चंबल रिवर फ्रंट का नाम सुना होगा। इसके बारे में जाना तो महसूस हुआ।
हां, यह एक अद्भुत और आश्चर्यजनक प्रयास है। राजस्थान सरकार का कोटा चूंकि एजुकेशन हब है, उसे एनवायरमेंट फ्रेंडली, इन्फ्राट्रक्चर, इकोसिस्टम के साथ-साथ टूरिज्म से लबरेज करके जीर्णोद्धार किया गया। वह अद्भुत प्रयास है
काशी की तर्ज पर कोटा पढ़ाई के साथ-साथ पर्यटन का मुख्य केंद्र बनने जा रहा है इतना ही नहीं अमेरिका के ऐमेज़ॉन ग्रीनरी जैसा ऑक्सीजोन भी अब चंबल रिवर की दोनों किनारों पर देखने को मिलेगा।
चंबल नाम अक्सर जब भी सुनने को मिलता तब हमें डाकू, डकैत, बीहड़ और घटियां याद आती। लेकिन अब चंबल के नाम से हमें कोटा याद आएगा। क्योंकि अब कोटा बदल गया है
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