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जयपुर लोकसभा सीट से बोहरा का टिकट कटना तय, शुक्ला की मजबूत दावेदारी

जयपुर। भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव में इस बार जयपुर शहर से मौजूदा सांसद रामचरण बोहरा की जगह किसी युवा को मैदान में उतारकर नया दाव खेल सकती है। इसमें किसी युवा ब्राह्मण चेहरे को उतारने की तैयारी की जा रही है।

भाजपा जयपुर शहर से इस बार बिल्कुल फ्रेश चेहरे को आजमाना चाहती है, ताकि जीत में कोई दिक्कत ना हो। जयपुर शहर भाजपा का गढ़ रहा है, लेकिन पूर्व सांसद गिरधारी लाल भार्गव के निधन के बाद इस गढ़ में सेंध लग गई थी और कांग्रेस के महेश जोशी ने जयपुर लोकसभा का चुनाव जीत लिया था।

भाजपा के लिए यह बड़ा झटका था और इसके बाद पिछले विधानसभा चुनाव में ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस का कब्जा हो गया था। बड़ी मुश्किल से 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस को परास्त करके अपना किला फतेह किया था। इसमें ज्यादातर नए चेहरे थे, जिससे जीतने में दिक्कत नहीं आई।

लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा अपने स्तर पर हर क्षेत्र का सर्वे करवा रही है। विस्तारक हर लोकसभा क्षेत्र में भेजे जा चुके हैं। जयपुर में डा. अखिल शुक्ला, महापौर सौम्या गुर्जर, पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत, उपमहापौर पुनीत कर्णावट पूर्व जिला प्रमुख मधु शर्मा, महिला मोर्चा की पूर्व अध्यक्ष सुमन शर्मा प्रमुख रूप से दावेदारी में हैं।

डॉ. शुक्ला राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सक्रिय स्वयंसेवक हैं। बचपन से ही संघ की शाखाओं से जुडऩे के साथ साथ राम मंदिर कार सेवा तक अपना योगदान देते रहे। राजस्थान विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष रहे। 40 से ज्यादा सामाजिक संस्थाओं के प्रमुख पदों पर आसीन हैं। राजस्थान में रक्तदान को एक आंदोलन के रूप में बदलने का श्रेय इन्हीं को जाता है। पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत को उनके जन्मदिन पर हर साल रक्त से तौलने का कार्यक्रम आयोजित करके ही पूरे प्रदेश में रक्तदान को क्रांति बनाने में सफलता हासिल की।

महापौर सौम्या गुर्जर टिकट की दौड़ लगा रही है, लेकिन विवादों में रहने के कारण तथा मूलतया जयपुर की स्थानीय नहीं होने के कारण उनकी दौड़ को बार बार झटका लगता जा रहा है। उपमहापौर पुनीत कर्णावट को विधानसभा चुनाव में मालवीय नगर से प्रबल दावेदार माना जा रहा था।

पार्टी ने ऐनमौके पर उनके स्थान पर अपने ही बनाए फार्मूले को तोड़क़र कालीचरण सराफ पर ही फिर दांव खेलकर कर्णावट को मौका नहीं दिया। लोकसभा चुनाव की दौड़ में वे भी हैं। मूलतया संघ पृष्ठभूमि के साथ साथ विद्यार्थी परिषद के भी कार्यकर्ता रहे हैं वैसे तो जयपुर से किसी महिला प्रत्याशी को मैदान में उतारे जाने की संभावना काफी कम हैं, लेकिन कुछ संभावनाएं हैं तो सुमन शर्मा और मधु शर्मा की स्थिति बनती है।

जयपुर शहर लोकसभा सीट का इतिहास रहा है, यहां अधिकतर ब्राह्मण उम्मीदवार आसानी से जीत जाता है। कांग्रेस के पंडित नवल किशोर शर्मा जयपुर से चुनाव जीतकर केन्द्र में मंत्री बनें। गिरधारी लाल लंबे समय तक जयपुर से जीते। महेश जोशी और रामचरण बोहरा को भी ब्राह्मण होने का फायदा मिला।

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