डा. उरुक्रम शर्मा
अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा अंतत: हो गई। भारत के माथे से कलंक मिट गया। भारत समेत दुनिया के तमाम सनातनी गर्व और गौरव की अनुभूति कर रहे हैं। भारत के लिए कालखंड़ का सूर्यादय हो गया। भारत की आस्था श्रीराम हैं। हिन्दुओं और सनातनियों का प्रारंभ भी राम हैं तो अनंत हैं। हिन्दुस्तानी 500 साल से राम का अयोध्या आने का इंतजार कर रहे थे। तमाम कानूनी लड़ाई के बाद जीत सत्य की हुई। अयोध्या राम की हुई। 22 जनवरी 2024 का दिन दुनिया के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में मंडित हो चुका। भारत समेत बड़ी संख्या में विदेशों में प्राण प्रतिष्ठा समारोह का भव्य आयोजन किया गया। अमेरिका, कनाडा जैसे देशों में राम नाम की गूंज रही। न्यूयार्क के टाइम्स स्कावयर में राम ही राम नजर आया। देश में इतना भव्य और ऐतिहासिक आयोजन हुआ, लेकिन आतंक व हिंसा के खिलाफ जीरो टालरेंस नीति के कारण किसी गद्दार की हिम्मत नहीं हुई कि देश में माहौल खराब कर सके। हकीकत में यही तो नया भारत है। दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक शक्ति, दुनिया की चौथी बड़ी सैन्य शक्ति। इससे इतर दुनिया की पहली प्रबल इच्छा शक्ति, दृढ निश्चय और कुशल नेतृत्व को धारण किए भारत।
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इधर पूरे देश और दुनिया में राम नाम गूंज रहा था। उधर पाकिस्तान में सिर दीवार से फोडे जा रहे थे। पाकिस्तान में मातम मनाया जा रहा था। वहां की सरकार और सेना के मिर्ची लग रही थी। नेता अपना माथा पीट रहे थे। करें भी तो क्या? कोई अराजकता फैैलाने की हिम्मत तक नहीं कर पा रहे थे। जानते थे कि जरा सी भी गलती कर दी तो इस बार भारत कराची, लाहौर और इस्लामाबाद पर हमले कर देगा। अपने देश में अपनी लाज बचाने के लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय को कुछ बोलना पड़ा, जो उसकी बौखलाहट और घबराहट को बता रहा था। पाकिस्तान प्राण प्रतिष्ठा समारोह का भारतीय लोकतंत्र पर दाग बता रहा है। पाकिस्तान भूल गया कि नए भारत की कमान अब ऐसे व्यक्ति के हाथों में हैं, जिसका अमेरिका जैसा देश भी लोहा मानता है। रूस जैसे ताकतवार देश कह चुके कि यह वो भारत है जो सबसे पहले अपने भारत की सोचता है। इसे ना तो दबाया जा सकता है ना ही डराया जा सकता है। चीन जैसा दुश्मन देश भारत की मजबूत होती आर्थिक रफ्तार का कायल हो चुका है। जब सारी दुनिया में मंदी का दौर चल रहा है, तब भारत अपनी जीडीपी बढ़ाने में लग रहा है। पाकिस्तान शायद सर्जिकल और एयर स्ट्राइक भूल गया।
पाकिस्तान का बयान ना केवल उसकी छटपटाहट को बता रहा है, बल्कि इस कोशिश में है कि भारतीय मुसलमानों को भटकाया जा सके और दूसरे मुस्लिम देशों को भी भारत के खिलाफ खड़ा किया जा सके। वैसे भी पाकिस्तानी हुकूमल ख्याली पुलाव ज्यादा पकाती है। उसकी ना तो दिशा है ना ही कोई दशा है। ना ही कोई नीति है ना ही कोई नेता है। सत्ता के साथ साथ सब कुछ बदलता जाता है। भारत और पाकिस्तान दोनों एक समय पर आजाद हुए। पाकिस्तान भिखारी देश बन गया और भारत सीना तानकर दुनिया के सामने खड़ा हो गया। पाकिस्तान में लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा है तो भारत खाद्यान्न का निर्यात कर रहा है। भारत आसमान में परचम फहरा रहा है तो पाकिस्तान में शिक्षा पेंदे में जा रही है। आतंक को जो बीज उसने दूसरों के लिए बोया था, वो ही उसे आज खाए जा रहा है।
भारत-पाक का विभाजन मजहब के आधार पर हुआ था। पाकिस्तान मुसलमानों का देश बना तो भारत हिन्दू बहुसंख्यक देश। इसके बाद भी बड़ी संख्या में मुसलमान भारत में ही रहे और अमन चैन से जिन्दगी गुजार रहे हैं। भारतीय संविधान में तमा्म अधिकार मिले। वो बिना भेदभाव के तरक्की कर रहे हैं। इसके बावजूद पाकिस्तान ने प्राण प्रतिष्ठा के बाद जो कुछ कहा, वो शर्मनाक है। पाकिस्तान से अपना देश संभल नहीं रहा और भारत के खिलाफ बोलने की हिम्मत कर रहा है। पाक ने कहा कि 1992 में चरमपंथियों ने ्बाबरी मस्जिद को ढहा दिया। मस्जिद ढहाकर मंदिर बनाया गया है। गिरी हुई मानसिकता के पाकिस्तान इतिहास पर नजर तो डाल लेते पहले। मंदिर तोड़कर ही वहां मस्जिद बनाई गई थी. तमाम सबूतों और बरसों की कानूनी लड़ाई के बाद ही अदालत ने न्याय का फैसला दिया है। अब पाकिस्तान कह रहा है आने वाले दिनों में मथुरा और काशी में भी ऐसा ही किया जाएगा। पाकिस्तान ने दुनिया से भारत में जो हो रहा है, उस पर आगे आने का आह्वान करके अपने डर को सार्वजनिक कर दिया।
पिछले 10 साल में भारत ने दुनिया में एक अलग स्थान बनाया है, जिसका दुनिया के तमाम देश मानते हैं। भारत की अपनी नीति रही और उसी पर काम कर रहा है। सबका साथ, सबका विकास की अवधारणा के साथ सभी क्षेत्रों में जबरदस्त तरक्की की है। चीन ने डोकलाम और गवलान में जो गुस्ताखी की थी, उसे मुंह की खानी पड़ी। पाकिस्तान से भेजे जाने वाले आतंकवादियों को सिर्फ गोलियों का शिकार होना पड़ रहा है। तीन तलाक का कानून बनाकर मुस्लिम बहन बेटियों को अधिकार देने का काम किया। कश्मीर से धारा 370 खत्म करके भारत के हित में अद्भुत काम किया है। पाकिस्तान इन दोनों फैसलों से पहले से ही तिलमिला रहा था। अब प्राण प्रतिष्ठा ने तो उसकी पूरी तरह वाट लगा दी है।
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अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा मात्र एक मूर्ति की नहीं है, बल्कि भारत की आस्था का तिलक की आहुति है। नए और वैभवशाली भारत की बहती धारा का संकेत है। करोड़ों हिन्दुस्तानियों के विश्वास का सैलाब है। लाखों बलिदान का प्रतिफल है। तब जाकर अब पूरी दुनिया अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा की साक्षा बनी है और दुनिया के कलेंडर में 22 जनवरी 2024 हजारों साल तक अंकित हो गई।
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