जयपुर। Nag Panchami 2024 : इसबार नाग पंचमी 9 अगस्त को पड़ रही है और इस दिन सांपों को दूध पिलाया जाता है। नागपंचमी के दिन सपेरे भी नागों को लेकर घूमते हैं जिन्हें रोककर लोग नाग को दूध पिलाने समेत सपेरों को पैसे भी देते हैं। लेकिन, सबके मन में ये सवाल जरूर आता है कि आखिर नाग को दूध पिलाने के पीछे का राज (Nag Ko doodh Pilane ka karan) क्या है क्योंकि जिस नाग के काटने का डर रहता है उसकी को बड़ी श्रद्धा के साथ दूध क्यों पिलाया जाता है। यह अपने आप में एक आश्चर्य है।
दरअसल, पुराणों के अनुसार इस पीछे का कारण ये है कि पंचमी तिथि के दिन नागों को दूध पिलाने से नाग का कोप दूर होता है। सीधा सा मतलब ये हे कि नाग दंश का भय दूर होता है।
भविष्य पुराण में वर्णित कथा के अनुसार पांडवों के वंशज जनमेजय ने नाग यज्ञ किया था जिसमें नागों की अनेक जातियां भष्म हो गई थीं। उस दौरान तक्षक नाग ने देवराज इंद्र के आसन को लपेट लिया जिससें देवराज इंद्र भी आसन समेत यज्ञ की अग्नि में प्रवेश करने वाले थे लेकिन उसी समय यज्ञ को रोकना पड़ा। इस कारण नाग पूरी तरह से भष्म होने से बच गए।
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इसके बाद नागों के ताप को दूर करने के लिए दूध और धान का लावा दिया गया जिससें उनकी जलन दूर हुई और उनके प्राण बच पाए। इससे प्रसन्न होकर नागों ने कहा कि नागपंचमी के दिन जो भी उन्हें दूध लावा देगा उन्हें नागों का भय नहीं होगा। इस वजह से नागपंचमी के दिन नागों को दूध पिलाया जाता है।
हालांकि, आज के विज्ञान के मुताबिक कहता है नाग दूध नहीं पीते क्योंकि, इनकी ग्रंथियां ऐसी नहीं हैं कि वो दूध पी सकें। अगर नाग दूध पीएंगे तो उनकी जान जा सकती है। इसको लेकर पुराण और आज का विज्ञान दोनों का पक्ष अलग—अलग है। ऐसे में अपनी आस्था और विश्वास से आप स्वयं निर्णय ले सकते हैं कि नाग देवता को दूध पिलाना आपके लिए लाभदायक है या नहीं।
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