धर्म

कब हैं ज्येष्ठ माह का दूसरा प्रदोष व्रत? नोट करें सही तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और नियम

Pradosh Vrat 2024: सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्त्व है। यह व्रत प्रतिमाह कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर रखा जाता है। अभी ज्येष्ठ महीना चल रहा है। ऐसे में ज्येष्ठ मास की त्रयोदशी तिथि बहुत महत्त्व रखती है। इस बार 2024 में ज्येष्ठ मास की त्रयोदशी तिथि 20 जून गुरूवार को पड़ रही है। इस दिन भोलेनाथ और मां पार्वती की विधिवत पूजा-अर्चना किये जाने का विधान है। चलिए जानते है ज्येष्ठ प्रदोष व्रत तिथि, मुहूर्त, पूजा विधि और महत्त्व।

ज्येष्ठ प्रदोष व्रत की तारीख

  • – ज्येष्ठ मास का प्रदोष व्रत 20 जून 2024 गुरूवार को रखा जाएगा।

ज्येष्ठ प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त

  • -ज्येष्ठ प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त 19 जून सुबह 7 बजकर 28 मिनट से शुरू होकर 20 जून सुबह 07 बजकर 49 मिनट तक रहेगा।

ज्येष्ठ प्रदोष व्रत पूजा सामग्री

  • – ज्येष्ठ प्रदोष व्रत पूजा में चौकी, धतूरा, शमी के फूल, सफेद चंदन, लाल या पीला गुलाल, अक्षत, कपूर, धूपबत्ती, धागा, कलावा, फल, फूल, मिठाई, फूलमाला की जरुरत होती है। साथ ही प्रदोष व्रत कथा की पुस्तक, शिव चालीसा, पंचमेवा, घंटी, शंख, हवन सामग्री और श्रृंगार सामग्री को पूजा में शामिल करें।

ज्येष्ठ प्रदोष व्रत पूजा विधि

ज्येष्ठ प्रदोष व्रत के दिन सुबह उठकर स्नान करें। स्वच्छ कपड़े पहनें और फिर सूर्यदेव को जल अर्पित करें। इसके पश्चात भोलेनाथ की विधिवत पूजा करें। शाम के समय प्रदोष काल में चौकी पर साफ कपड़ा बिछाएं और उस पर शिव-पार्वती की प्रतिमा को विराजित करें। अब भोलेनाथ को शमी के फूल, धतूरा और बेलपत्र अर्पित करें। साथ ही भोलेबाबा को फूलमाला और मां पार्वती को श्रृंगार सामग्री अर्पित करें। प्रदोष व्रत में श्री गणपति जी की भी पूजा करें। पूजा के पश्चात गणेश आरती और शिव आरती करें। अंत में भोलेनाथ को दही, फल और किसी भी मिठाई का भोग लगावें। बाद में प्रसाद को ग्रहण करें।

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ज्येष्ठ प्रदोष व्रत नियम

ज्येष्ठ प्रदोष व्रत वाले दिन शराब, मांस, प्याज, लहसुन और तामसिक चीजों का सेवन करना वर्जित होता है। इस दिन किसी को भी अपशब्द न कहें। इस दिन देर रात तक सोना भी अशुभ माना गया है। इसके अलावा इस दिन व्रत करने वाले साधकों को अन्न, चावल और नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन काले कपड़ें न पहनें। ध्यान रखें प्रदोष व्रत की पूजा में भोलेनाथ को सिंदूर, हल्दी, तुलसी, केतकी और नारियल का पानी भूलकर भी न चढ़ाएं। महिलायें विशेष तौर पर इस बात को ध्यान रखें कि, प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग को स्पर्श न करें। ऐसा करना धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अशुभ माना जाता है।

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