जयपुर। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी तिथि भगवान विष्णु को प्रिय है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा होती है जिससें सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इस दिन व्रत रखने का भी बहुत अधिक महत्व होता है। हर माह में दो बार एकादशी तिथि पड़ती है। वैसाख माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को वरुथिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इसबार 16 अप्रैल, 2023, रविवार को वरुथिनी एकादशी का व्रत पड़ रहा है। इस एकादशी को बरुथनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। वरुथिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा- अर्चना की जाती है।
वरुथिनी एकादशी व्रत का मुहूर्त-
एकादशी तिथि प्रारम्भ – अप्रैल 15, 2023 को शाम 08ः45 बजे
एकादशी तिथि समाप्त – अप्रैल 16, 2023 को शाम 06ः14 बजे
पारण (व्रत तोड़ने का) समय – 17 अप्रैल को सुबह 05ः54 से शाम 08ः29
द्वादशी समाप्त होने का समय – शाम 03ः46 पी एम
वरुथिनी एकादशी व्रत पूजा विधि-
– इस दिन सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
– मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
– मंदिर में देवी- देवताओं को स्नान कराने के बाद साफ स्वच्छ वस्त्र पहनाएं।
– अगर आप व्रत कर सकते हैं तो व्रत का संकल्प लें।
– भगवान विष्णु का ध्यान करें।
– भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा भी करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
– भगवान विष्णु को भोग लगाएं। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का ही भोग लगाया जाता है।
वरुथिनी एकादशी व्रत पूजा सामग्री-
– श्री विष्णु जी का चित्र अथवा मूर्ति
– पुष्प
– नारियल
– सुपारी
– फल
– लौंग
– धूप
– दीप
– घी
– पंचामृत
– अक्षत
– तुलसी दल
– चंदन
– मिष्ठान
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