RCA
जयपुर। SMS Stadium स्थित RCA के दफ्तर पर खेल परिषद ने कब्जा कर लिया है। अगले महिने में शुरू हो रहे IPL Match से पहले ही जयपुर में RCA व खेल परिषद के बीच यह घमासान हुआ है। राजस्थान क्रिकेट एकेडमी पर खेल परिषद का शिकंजा कस गया है। आरसीए को जल्द ही सवाईमान स्टेडियम खाली करना पड़ेगा। इसको लेकर खेल परिषद सचिव ने आरसीए सचिव भवानी सामोता को पत्र लिखा, जिसमें खेल परिषद व आरसीए के बीच हुए एमओयू खत्म होने के बाद फिर से एमओयू नहीं होने का हवाला दिया गया था। आपको बता दे कि आईपीएल-2024 के तीन मैच जयपुर को मिले है, जिनमें 24 व 28 मार्च को एवं उसके बाद एक मैच 6 अप्रेल को होगा।
खेल सचिव के नोटिस में MoU की शर्तों के उल्लंघन का भी आरोप लगाया। इसके साथ ही आरसीए को खेल परिषद (Sports Academy) के बकाया जमा करने के निर्देश दिए गए है। एमओयू के तहत की सभी परिसंपत्तियों को खेल अधिकारी को सुपुर्द करने के निर्देश दिए गए है। अब आरसीए को एसएमएस स्टेडियम सहित अन्य परिसर खाली करना होगा। खेल परिषद आरसीए के दफ्तर पर ताले भी लगा सकती है। खेल परिषद सचिव ने RCA सचिव सामोता को पत्र लिख कर जल्द ही सवाईमान ङ्क्षसह स्टेडियम के ग्राउण्ड के साथ ही आरसीए के दफ्तर को भी खाली करने के निर्देश दिए है। बता दें कि आरसीए का खुद का एक क्लब व क्रिकेट एकेडमी दूसरी साइड है। उसका दफ्तर भी शुरू से ही एसएमएस स्टेडिय के एक हिस्से से संचालित हो रहा है। एमओयू खत्म होने के बाद आरसीए के सचिव या किसी अन्य पदाधिकारी द्वारा एमओयू फिर से करने की कोशिश नहीं की। लिहाजा एमओयू खत्म होने पर नियमनुसार आरसीए को स्टेडियम व अन्स संपत्ति खेल परिषद को सौंपनी होगी।
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बताया जा रहा है कि खेल परिषद का RCA पर करोड़ों रुपए का बकाया है जो आज तक नहीं चुकाया है। प्रदेश में सरकार बदलने के साथ ही अब यहां पर सियासी हालत भी बदल गए है। पिछली सरकार के मुख्यमंत्री रहे अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत ही आरसीस के सर्वेसर्वा थे। वहीं पाला बदल कर गहलोत गुट में आए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डा। सीपी जोशी आरसीए के संरक्षक थे। दोनो धड़ों के वर्चस्व के कारण बीते पांच साल में क्रिकेट के घमासान के साथ ही सियासी घमासान व विवाद भी चलते रहे। अब सरकार बदलने के बाद आरसीए में बैठे कांग्रेसी नेता एमओयू इस लिए नहीं करवा रहे क्योंकि खेल परिषद, नगर निगम, जेडीए, पीएचईडी व पुलिस का करोड़ों रुपए का बकाया है।
अपनी सरकार होने के कारण वैभव गहलोत (Vaibhav Gehlot) ने कभी भी इन विभागों को पैसे नहीं चुकाया, जबकि एमओयू व नियम के अनुसार आरसीए के पास बतौर किराए का स्टेडियम था, वहीं सुरक्षा व अन्य सुविधाओं के लिए संबंधित विभागों को भुगतना करना था, मगर आरसीए ने पूरा भुगतान कभी किया नहीं। इसलिए सरकार बदलते ही इस प्रकरण में फिर से नया विवाद सामाने आया है।
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प्रदेश से गहलोत सरकार के विदा होने के बाद आरसीए अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत का क्रिकेट से विदाई कि चचा है। बताया जा रहा है कि आईपीएल के बाद वैभव आरसीए छोड़ सकते है। दूसरी तरफ सत्ता में बीजेपी के आने के बाद से पार्टी के दिग्गज नेता राजेन्द्र राठौड़ भले ही विधानसभा चुनाव हार गए, मगर चूरू क्रिकेट संघ से बेटे पराक्रम सिंह राठौड़ को अध्यक्ष बनाकर आरसीए की पिच पर सियासी खेल खेलने के लिए आगे बढ़ा दिया है।
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