यूपी के बांदा में अन्ना गोवंशों के लिए 300 से अधिक गौशालाएं बनाई
गई हैं।
यूपी के बांदा में अन्ना गोवंशों के लिए 300 से अधिक गौशालाएं बनाई
गई हैं।
इन गौशालाओं से निकलने वाली गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाया जा रहा है।
इन गौशालाओं से निकलने वाली गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाया जा रहा है।
सबसे पहले गाय के गोबर से कंकड़, घास निकाल कर उसका वजन किया जाता हैं।
सबसे पहले गाय के गोबर से कंकड़, घास निकाल कर उसका वजन किया जाता हैं।
इसके बाद साफ गोबर को पानी वाले एक भंडारण टैंक में डाला जाता है।
इसके बाद साफ गोबर को पानी वाले एक भंडारण टैंक में डाला जाता है।
इस मोटर चलित भंडारण टैंक में गाय के गोबर और पानी को 40 मिनट तक
मथा जाता है।
इस मोटर चलित भंडारण टैंक में गाय के गोबर और पानी को 40 मिनट तक
मथा जाता है।
इससे पहले उस मिश्रण को दूसरे सेक्शन में ले जाया जाता है।
इससे पहले उस मिश्रण को दूसरे सेक्शन में ले जाया जाता है।
जहां इसे एक समान पेस्ट जैसे तरल में बदल दिया जाता है।
जहां इसे एक समान पेस्ट जैसे तरल में बदल दिया जाता है।
गौबर से बने तरल पदार्थ को 100 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर 30 मिनट तक गर्म किया जाता है।
गौबर से बने तरल पदार्थ को 100 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर 30 मिनट तक गर्म किया जाता है।
इसके बाद इसें ब्लीच करके रंग मिलाया जाता है और पेंट तैयार हो जाता।
इसके बाद इसें ब्लीच करके रंग मिलाया जाता है और पेंट तैयार हो जाता।
यह पेंट मार्केट में प्राकृतिक पेंट के ब्रांड नाम से बेचा
जाता है।
यह पेंट मार्केट में प्राकृतिक पेंट के ब्रांड नाम से बेचा
जाता है।