इन दिनों संजय लीला भंसाली की फिल्म हीरामंडी की काफी चर्चा है।

इसकी शुरूआत मुगल शासकों के समय में हुई बताई जाती है। 

महाराज रणजीत सिंह के सेनापति हरि सिंह ने इसकी शुरूआत की थी।

हीरामंडी अपनी शुरूआत में एक व्यापारिक और सांस्कृतिक केन्द्र था।

मुगल शासन में यहां पर धीरे-धीरे तवायफों का वर्चस्व बढ़ने लगा।

हीरामंडी में संगीत, नृत्य और दूसरी चीजें तेजी से पनपने लगी। 

बाद में हीरामंडी लाहौर के एक रेड लाइट एरिया में तब्दील हो गया।

अंग्रेजों के काल में यह इलाका बहुत ज्यादा बदनाम हो चुका था।

आजादी के दौर में यहां पर स्वतंत्रता सेनानियों को शरण मिलने लगी।

आजादी के बाद हीरामंडी के बुरे दिन शुरु हो गए और लोग भूलने लगे।