अब तक आपने फिंगर प्रिंट या आंखों का लॉक देखा होगा

अब सांसों से स्मार्टफोन लॉक या अनलॉक किया जा सकेगा

मुर्दा इंसान के स्मार्टफोन से कोई छेड़छाड़ नहीं कर पाएगा

यह तकनीक 97 फीसदी तक कारगर साबित हुई है

मोबाइल फोन जगत में यह नई क्रांति की तरह होगा

हर इंसान के सांस लेने का पैटर्न अलग अलग होता है

इसी के आधार पर ब्रीथ पैटर्न को काम में लिया जाएगा

यह एक एआई मॉडल होगा जो सांसों पर काम करेगा

हालांकि इसमें भी कई तरह की तकनीकी खामियां हैं

स्मार्टफोन की सेफ्टी को लेकर और भी रिसर्च चल रही हैं