8 March Women Day 2024: हर वर्ष 8 मार्च को महिला दिवस मनाया जाता है। महिला दिवस पूरे विश्व में खास अंदाज में मनाया जाता है। इस खास दिन समाज में महिलाओं की भूमिका, महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार, समानता के अधिकारों के लिए जागरुकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है। हर वर्ष महिला दिवस एक खास थीम पर मनाया जाता है। जहां पर कोई बड़ा यो छोटा ना हो, सभी को समान अधिकार और हक मिले। वर्ष 2024 की थीम होगी ‘इंस्पायर इंक्लूजन’। इसी के तहत सभी तरह के आयोजन होंगें।
महिला दिवस पर आज आपको बताने जा रहे हैं ऐसी महिला (8 March Women Day 2024) की प्रेरणा स्त्रोत कहानी जिसे सुनने के बाद आप अपने दातों तले उंगलियां रख लेंगें। राजस्थान के कालबेलिया समुदाय में जन्मी गुलाबो सपेरा आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। अजमेर जिले के कोटड़ा गांव में जन्मीं गुलाबो को कहां मालूम था कि वो एक इंटरनेशनल स्टार बन जाएंगीं। गुलाबो अपने माता-पिता की सातवीं संतान थीं। इसी के कारण गांव और मसुदाय के लोगों ने उन्हे जिंदा दफना दिया था कि लड़की है अपने जीवन में क्या करेगी। माता-पिता पर एक तरह का बोझ बनकर रह जाएगी। वो भी मात्र जन्म के एक घंटे बाद। गुलाबो की मौसी को ये बात अच्छी नहीं लग रही थी, मौसी गुलाबो का उज्ज्वल भविष्य देख पा रही थी। इसी वजह से गुलाबो को मौसी ने बाहर निकाला। और गुलाबो बनी कोलबेलिया डांस की क्वीन।
गुलाबो सपेरा के पिता बीन बजाकर सांपों को नचाने का कार्य करते थे। गुलाबो भी धीरे-धीरे अपने पिता के साथ जाने लगीं। और बीन के धुन पर नाचने लगी। बाद में धीरे-धीरे गुलाबो का ये डांस लोकप्रिय हो गया। गुलाबो फेमस कालबेलिया डांसर बन गईं। महज 17 साल की उम्र में ही गुलाबो ने फेस्टिवल ऑफ इंडिया प्रोग्राम में परफॉर्मेनेंस दी। जिसमें प्रधानमंत्री राजीव गांधी भी शामिल हुए थे। ये विशाल आयोजन वांशिगटन में आयोजित हुआ था। इसके बाद गुलाबो अपने कालबेलिया डांस के माध्यम से पूरे देश और विेदेशों में फेमस हो गईं।
गुलाबो को साल 2016 में पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया। इसी के साथ कई सारे इंटरनेशल स्टेज शोज भी उन्होनें किए। गुलाबो की प्रसीद्धी बस यहीं तक सीमित नहीं थी। वो कहते हैं ना कालाकार एक जगह कहां रुकता है वो तो उस पक्षी की तरह जो अपने पंखों की ताकत से चारों और अपना नाम करता है। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए गुलाबो ने बिग बॉस 5 में एंट्री ली। यहां पर उन्होनें पूरे इंडिया को खूब एंटरटेन किया। इसके बाद फिल्म डायरेक्टर जे पी दत्ता ने गुलाबो को बड़े पर्दे पर काम दिया। गुलाबो को फिल्म गुलामी और बंटवार जैसी हिट फिल्मों में देखा गया। और उनके डांस को खूब सराहा गया।
महिलाओं और बेटियों (8 March Women Day 2024) के लिए अब समाज की सोच में अंतर आया है। पहले समाज में बेटियों को केवल बोझ समझा जाता था। लेकिन आज की महिलाएं कुछ और हैं। आज महिलाएं हर क्षेत्र में अपना नाम कमा रहीं हैं। अब गुलाबो सपेरा के परिजनों को भी कहां पता था कि जिंदा दफनाई हुईं उनकी ये बेटी उनको पूरी दुनिया में नाम रोशन करने वाली है।
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