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यूरोपीयन सेंट्रल बैंक की बड़ी कार्रवाई, बाइडेन बैंकिंग पर चुनौतियां छाई, हॉट मनी भी धाराशाई

सुबह 10:45 पर बीएसई सेंसेक्स 62225.84 और निफ्टी 18378 .75 पर ट्रेड कर रहा है। रुपए ने आज डॉलर के मुकाबले 11 पैसे की बढ़त हासिल कर ली। शुरुआती कारोबार में $1 की कीमत 82.20रू तक पहुंच गई। सेंसेक्स में अब सुधार हुआ है। सुबह की शुरुआत थोड़ी गिरावट के साथ शुरू हुई। वही अमेरिका का आर्थिक संकट पूरी अर्थव्यवस्था को इंपैक्ट कर रहा  है।

अमेरिकी शेयर मार्केट के साथ-साथ बैंकिंग प्रणाली भी संकटों के दौर से गुजर रही है। ऐसे में एक बड़ी खबर सामने आई है। जिसमें यूरोपीयन सेंट्रल बैंक( European Central Bank) की ओर से America के बड़े बैंकों में एक Goldman sachs पर कड़ी कार्रवाई करते हुए 6.63 मिलीयन यूरो अर्थात 7.2 million dollar का जुर्माना लगाया गया है। जुर्माना लगाने की मुख्य वजह भ्रामक जानकारियां देना है।

यूरोपीयन सेंट्रल बैंक की ओर से जारी बयान में बताया गया है। गोल्डमैन सैश बैंक यूरोप में 3 वर्षों 2019- 2020-2021 के दरमियान क्रेडिट रिस्क रिर्पोटिंग रूल्स को तोड़ा है। उन्होंने आगे कहा गोल्डमैन सैश ने कारपोरेट एक्सपोजर का गलत प्रारूप में वर्गीकरण किया है। जिसकी वजह से बैंक भविष्य में समय पर किसी गलत लेन देन को नहीं पकड़ पाएगा।

यह महत्वपूर्ण बयान उस समय आया है। जब अमेरिका के तीन बैंक पहले से ही दिवालिया हो चुके हैं। वही अमेरिकी राष्ट्रपति बायडेन ने लोन डिफॉल्ट का खतरा अमेरिका पर मंडराने की चेतावनी जारी की है। इसके लिए बैंकिंग प्रणाली को दुरुस्त करने की बात कही गई है।

अगर अमेरिका में लोन डिफॉल्ट बढ़ते गए तो इसका अंतरराष्ट्रीय मार्केट पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा। ना केवल डॉलर अपितु सोने के ऊपर भी इसका सीधा सीधा प्रभाव पड़ने वाला है। इसके साथ ही सैकड़ों कंपनियां दिवालिया हो जाएंगी।
 

क्या अमेरिका बैंकिंग प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है?
तीन बैंकों के डूबने के बाद चौथे बैंक पर लगा यह जुर्माना शेयर मार्केट को भी प्रभावित करेगा। दिवालिया होती अमेरिकी कंपनियों की क्रेडिट रेटिंग भी गिरेगी। हालांकि कुछ सालों से वहां बैंक करेप्सी प्रोटेक्शन याचिकाएं दाखिल हुई है। जो यह बताती है की अमेरिकी बैंकिंग प्रणाली में समस्याएं आ रही है। अमेरिका का स्टॉक मार्केट 50 प्रतिशत तक गिरने की संभावना है। जीडीपी और रोजगार के साथ-साथ महंगाई पर भी इसके प्रभाव देखने को मिलेंगे।

आपको बता दें, यह जुर्माना ऐसे समय लगाया है। जब अमेरिका में ब्याज दर बढ़ने के कारण तीन बैंक पहले ही डूब चुके हैं। कैपिटल रेशों एक महत्वपूर्ण सूचकांक होता है। जो कि बैंक की मजबूती और नुकसान झेलने की क्षमता को प्रदर्शित करता है।

ऐसे में गोल्डमैन सैश के कॉरपोरेशन एक्सपोज का गलत प्रारूप में वर्गीकरण करना भारी पड़ सकता है। अमेरिकी बैंकिंग प्रणाली का ना सिर्फ यूरोप पर बल्कि भारतीय बैंकिंग सिस्टम और शेयर मार्केट पर भी प्रभाव देखने को मिलेगा।
सुबह 10:45 पर बीएसई सेंसेक्स 62,225.84 पर ट्रेड कर रहा है वही निफ्टी 18378. 75 पर ट्रेड कर रहा है।

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