रूस में गृहयुद्ध के हालात फिलहाल थम गए हैं। यहां वैगनर आर्मी के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन ने रूसी राजधानी माॅस्को में ग्रुप के लड़ाकों का कूच रोक दिया। बीते दिन रूस में येवगेनी के लड़ाकों ने एक शहर में कब्जा करने की बात कही थी। जो 24 घंटे पूरे होने से पहले ही बदल गए। येवगेनी ने अब वहां से अपने लड़ाकों को वापिस लौटने का आदेश दिया है।
रूसी राष्ट्रपति कार्यालय प्रवक्ता दिमित्री ने कहा है कि वैगनर प्रमुख के विद्रोह को खत्म करने के समझौता होने से उसके लड़ाके बेलारूस चले जाएंगे। इसके बाद वैगनर प्रमुख पर लगे आपराधिक मामलों को भी बंद कर दिया जाएगा। येवगेनी अपने लड़ाकों को यूक्रेन लौटने का आदेश दे रहे हैं। उन्होने यह भी कहा कि यह निर्णय हमने बेलारूस के राष्ट्रपति की हमारी सुरक्षा की गारंटी लेने के बाद लिया है। फिलहाल रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने मामले में कोई बयान नहीं दिया है।
बेलारूस के राष्ट्रपति ने निभाई अहम भूमिका
प्रिगोजिन ने अपने लड़ाकों को यूक्रेन के कैंपों में जाने के आदेश तो दे दिए हैं। लेकिन यह सब हुआ बेलारूस के राष्ट्रपति के कहने पर है। दरअसल बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको वैगनर गु्रप के हैड येवगेनी को पिछले 20 सालों से जानते हैं। येवगेनी की सेना के माॅस्को की ओर कूच के बाद से ही दोनों के बीच लम्बी वार्ता हुई थी। जिसके बाद यह कूच रद्द कर दिया गया।
यू शुरू हुआ विवाद
रूस और यूक्रेन के युद्ध में वैगनर गु्रप ने खूब मदद की है। रूस के रक्षा मंत्रालय ने सभी प्राइवेट लड़ाकों को अपनी सेना में शामिल होने के आदेश दिए थे। जिसका प्रिगोजिन ने विरोध किया था। वहीं प्रिगोजिन की ओर से यह भी कहा गया कि जब उसके लड़ाके बाखमुत जीत के बाद वापिस आ रहे थे तब रूस डिफेंस मिनिस्ट्री ने उन्हें मारने के लिए माइन्स बिछाई थी। यही नहीं रूसी सेना के वैगनर लड़ाकों के कैंप पर अटैक करने के आरोप भी लगे। जिसके बाद ही प्रिगोझिन ने हमले का बदला लेने की बात की थी।
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