जयपुर। चीन में फैली नई बीमारी ने एकबार फिर दुनिया का दहशत में डाल दिया है। हालांकि, चीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्टिकरण किया है कि देश भर में सांस की बीमारियों में आई अचानक वृद्धि का कारण कोई नया वायरस नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा चीन में 'बच्चों में निमोनिया' के बढ़ रहे संक्रमण की रिपोर्ट पर चिंता जताई गई है। ऐसे में माना जा रहा है कि चीन में यदि कोई नया वायरस नहीं है, तो चीन के उत्तरी हिस्से में सांस से संबंधित बीमारियों में अचानक आई वृद्धि का क्या कारण क्या है।
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने कहा है कि फ्लू और अन्य ज्ञात रोगजनकों के कारण देश में सांस संबंधी बीमारियों में तेजी आई है। उनके मुताबिक सांस की बीमारियों के लिए सामान्य वायरस जैसे इन्फ्लूएंजा वायरस (H9N2), राइनोवायरस, रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस या RSV, एडेनोवायरस के साथ-साथ माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया जैसे बैक्टीरिया हैं। ये सभी फेफड़ों के इंफेक्शन के लिए उत्तरदायी होते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीन के स्वास्थ्य मंत्रालय से वहां बढ़ रहे रेस्पिरेटरी इंफेक्शन के मामलों से संबंधित डेटा मांगा था। चीन ने इसको लेकर डेटा देते हुए कहा कि इसके पीछे किसी भी नए या असामान्य रोगजनक का पता नहीं चला है। आपको बता दें कि वहां के अस्पतालों में अक्टूबर के बाद से बैक्टीरिया इंफेक्शन, आरएसवी, इन्फ्लूएंजा और सामान्य सर्दी-जुकाम की बीमारियों की वजह से बच्चों की भर्ती में बढ़ोतरी देखी गई है।
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विशेषज्ञों के अनुसार सर्दियों का आगमन, कोविड प्रतिबंधों की समाप्ति और बच्चों में इम्युनिटी की कमी बढ़ते संक्रमण के लिए जिम्मेदार माने जा सकते हैं। ऐसा माना जा रहा था कि लंबे वक्त तक कोराना वायरस लॉकडाउन की वजह से वहां के निवासियों में वायरस के खिलाफ नेचुरल इम्युनिटी विकसित नहीं हुई होगी।
आपको बता दें कि नए फ्लू स्ट्रेन या महामारी फैलाने में सक्षम अन्य वायरस का जन्म आमतौर पर स्वांस संबंधी बीमारी के लिए जिम्मेदार अज्ञात वायरस ग्रुप्स से शुरू होता है। COVID-19 और SARS दोनों को सबसे पहले असामान्य प्रकार के निमोनिया के रूप में रिपोर्ट किया गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक कि बच्चों में सांस की बीमारी के इन रिपोर्ट किए गए मामलों के जोखिम का सही आकलन करने के लिए फिलहाल बहुत कम जानकारी प्राप्त है। गौरतलब है कि चीन और डब्ल्यूएचओ दोनों पर कोरोना वायरस महामारी को लेकर अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में पारदर्शिता की कमी रखने का आरोप लगा था। यह बीमारी दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर से शुरू हुई थी।
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