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मेहरम क्या होता है, बिना मेहरम अकेले हज कैसे होगा, ये है नियम

Haj without Mahram : पवित्र हज यात्रा शुरु हो चुकी है। हज के अरकान 14 जून से अदा होने शुरु हो जाएंगे। भारत से पैदल हज यात्रा का इन दिनों चलन चल पड़ा है। मुंबई की 24 साल की सना अंसारी महाराष्ट्र के पालघर से सऊदी अरब हज यात्रा के लिए पैदल निकल चुकी है। लेकिन यहां सवाल ये है कि क्या सना बिना मेहरम के हज (Hajj without Mahram) कर सकती है। इस्लाम में महरम क्या होता है ये हम आपको बताने जा रहे हैं। हज करने जा रही महिलाएँ को ये पोस्ट जरूर शेयर करें। अल्लाह के घर में हमारे हक में भी दुआ करें।

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मेहरम क्या होता है (Maharam in Islam Hindi)

इस्लाम में मेहरम वह रिश्ता होता है जो औरत का पति या खून का रिश्ता हो, यानी पिता, पुत्र, पति और भाई ये चार औरत के मेहरम (Hajj without Mahram Hadith) होते हैं। एक औरत पर इन चार रिश्तों के अलावा पांचवें किसी मर्द का पर्दा करना जरूरी होता है। मतलब महिला के करीबी चार रिश्तों को अरबी में मेहरम कहा गया है।

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शरीयत क्या कहती है

इस्लाम में औरत को विशेष कंडीशन में ही अकेले हज पर जाने की इजाजत है। जैसे विधवा, तलाकशुदा, या फिर जिसका शौहर हज पर जाने की हालत में न हो। ऐसी औरतों को इस्लाम में बिना मेहरम के हज करने की छूट है। हालांकि शरीयत में लिखा है कि अकेले हज पर जाने से महिलाओं की सुरक्षा को लेकर खतरा हो सकता है। वह तन्हाई में गुनाह करने पर आमादा हो सकती है। बस इसी वजह से इस्लाम में औरत को मेहरम के साथ हज करने की कहा गया है।

बिना मेहरम अकेले हज कैसे होगा (Hajj without Mahram Hadith)

हज के लिए एक औरत का मेहरम के साथ जाना अनिवार्य है। लेकिन किसी स्पेशल परिस्थिति में शरीयत उसे अकेले हज करने की इजाजत भी देती है। इसी आधार पर भारत सरकार इन दिनों गैर मेहरम के अकेली औरतों को हज करने भेजती है। मुंबई की सना ने भी इसी हदीस के आधार पर हज पर पैदल अकेले जाने का फैसला किया है।

यह भी पढ़ें : हज की शुरुआत किस तारीख से होगी, इस्लामी नया साल कब है?

इस साल हज कब होगा (Hajj 2024 Dates)

इस साल हज का महीना 8 जून से शुरु हो चुका है। हज के पांच दिन 14 जून से 18 जून (Hajj 2024 5 Days) तक होंगे। इन पांच दिनों में हाजी लोग अराफात के मैदान से लेकर, सफा मरवा की पहाड़ी और शैतान को कंकरी मारने जैसी प्रथाओं को जिंदा करते है। हजरत इब्राहीम की कुर्बानी की सुन्नत को इसी दिन जिंदा किया जाता है। इसे ईद उल अजहा यानी बकरीद के नाम से भी जाना जाता है। हज के महीने के बाद इस्लामी नया हिजरी साल 1446 (Hijri 1446 Muharram) शुरु हो जाएगा। मॉर्निंग न्यूज़ इंडिया भारत की पुत्री सना को पैदल हज यात्रा के लिए हार्दिक बधाई देता है, तथा आपकी सकुशल हज यात्रा के लिए ईश्वर से अरदास करता है।

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