जयपुर। India Italy Relations : भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय इटली की यात्रा पर हैं जहां वो G7 शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। इस दौरान पीए मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की से मुलाकात करने के साथ ही वर्ल्ड लीडर्स के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय बैठकें कीं हैं। आपको बता दें कि भारत और इटली की दोस्ती का इतिहास काफी पुराना है और इन दोनों देशों की चीजें एक दूसरे में काफी सालों पहले पहुंच कर प्रसिद्ध हो चुकी हैं। इटली ही राहुल गांधी का ननिहाल भी है ऐसे में आइए जानते हैं कि इटली और भारत में ऐसी कौनसी चीजें हैं जो दोनों ने एक दूसरे को दी हैं।
भारत और इटली के बीच सांस्कृतिक संबंध 1000 साल से भी अधिक पुराना है। पहली बार इटली का यात्री मार्को पोलो जो भारत के कोरोमंडल तट पर मध्य एशिया होते हुए पहुंचा था। मार्को पोलो 1288 के 1292 के दौरान मदुरै के पांड्य शासनकाल में भारत पहुंचा था। इसके बाद भारत और इटली के बीच खाने पीने के व्यंजनों का भी आदान प्रदान हुआ जो आज तक चला आ रहा है। उत्तर भारत में जिस तरह से ग्रेवी वाली सब्जी के साथ रोटियां खाई जाती हैं, ठीक उसी प्रकार उत्तरी इटली में पोलेंटा और चावल से डिशेज खाई जाती हैं। जबकि, दक्षिण भारत में नारियल से बनी चटनी और उसके तेल में बने स्वादिष्ट व्यंजन फेमस हैं। उसी तरह दक्षिण इटली में ऑलिव आयल में बनी चीजें बड़े चाव से खाई जाती हैं। आपको बता दें कि भारत में बेहद फेमस हो चुके पास्ता व पिज्जा इटली वालों की ही देन है।
भारत में आज के समय में टमाटर, मिर्च और आलू ऐसी चीजें जिनका इस्तेमाल हर घर में होता है। आलू, टमाटर ओर मिर्च छोटे से लेकर बड़ों सबको पसंद होते हैं। लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि ये तीनों ही चीजें आज 300 साल पहले तक भारत में नहीं थी। क्योंकि औपनिवेशिक काल में ये तीनों चीजें पुर्तगाली भारत में लेकर आए थे।
प्राचीन काली से भारतीयों का खानपान पूरी दुनिया में बेहद फेमस व समृद्ध रहा है जो विविधताओं से भरा हुआ है। यहां पर खानपान में कई तरह के मसालों का भरपूर यूज किया जाता है। इस बारे में मशहूर इतिहासकार जियाउद्दीन बर्नी ने भी लिखा है कि सिंधु सभ्यता के काल से ही 5000 साल से भारतीय मसालों में मछलियों को लपेटकर इराक-ईरान और यूरोप तक ले जाते थे। ऐसा करने से मछलियां खराब नहीं होती थीं।
आज भारत में जो चीनी प्रत्येक मीठा व्यंजन बनाने में उपयोग में ली जाती थी वो भी पुर्तगालियों की देन है। जी हां, चीनी को पुर्तगाली ही भारत में लेकर आए थे। चीनी से पहले भारतीय लोग गुड़, फल और शहद का इस्तेमाल करते हुए अपना खानपान मीठा बनाते थे।
आप जयपुर की ताजा खबरें Jaipur News ePaper पर क्लिक करके अपने मोबाइल फोन पर ही कहीं भी और किसी भी समय पढ़ सकते हैं। जयपुर ई-पेपर पर आप जयपुर की ताजा खबरें व राजस्थान की ताजा खबरें पढ़कर अपने आपको हर कैटेगरी की लेटेस्ट न्यूज से अपडेट रख सकते हैं।
इसी तरह की ख़बरों के लिए हमारे WhatsApp Channel को फॉलो करें
Hindi Diwas : जयपुर। हिंदी दिवस (Hindi Diwas) के अवसर पर जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी के स्कूल…
रावत पब्लिक स्कूल प्रताप नगर के विद्यार्थियों ने नंदूबा इंग्लिश एकेडमी स्कूल,सूरत में आयोजित सी…
blood donation camp : जयपुर। झोटवाड़ा स्थित 'डॉ. पांडे ईएनटी सेंटर' ने 'स्वरूप फाउंडेशन डीके…
IIT दिल्ली के पूर्व छात्रों अभिषेक शर्मा और अयुष बंसल द्वारा स्थापित, LiLLBUD 0–18 महीने…
Healthy Liver Tips : जयपुर। लिवर शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जो हमारे शरीर…
National Herald Case : केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी व नेता प्रतिपक्ष राहुल…