Kuwait Ramadan : पूरी दुनिया में इस समय रमजान का पवित्र महीना चल रहा है। भारत में आज 30 मार्च को 19वां रोजा रखा गया है। जबकि खाड़ी देशों में आज के दिन बीस रोजे हो गए हैं। चूंकि वहां चांद एक दिन पहले नजर आ जाता है। यही वजह है कि दुबई सऊदी अरब और कुवैत जैसे मुस्लिम देशों में ईद भी भारत से एक दिन पहले मना ली जाती है। कुवैत की बात करें तो यहां रमजान के दौरान कार्यालयों में काम करने वाले लोगों को मौज हो गई है। कुवैत के सिविल सेवा आयोग ने रमजान (Kuwait Ramadan) में वर्किंग टाइम को लेकर रियायत दी है। क्या है वो छूट जिसका रमजान के महीने में कुवैत के कर्मचारी फायदा उठा सकेंगे। भारतीय मुसलमान जो कि किसी सरकारी या प्राइवेट नौकरी में है वे इस खबर को पढ़ते हुए दिल में दुआ कर सकते हैं कि हमारी सरकार भी रमजान में हमें काम के घंटों में छूट दे। क्योंकि रमजान में दुआएं कुबूल हो जाती हैं।
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KUWAIT में पवित्र महीना रमजान चल रहा है। ऐसे में वर्क टाईमिंग को लेकर नई जानकारी सामने आई है। कुवैत के कर्मचारियों के लिए रमजान के दौरान वर्क टाईमिंग में कटौती की गई है। हालांकि दिन में चार घंटे काम की नीति (four-hour work days) केवल महिलाओं के लिए है। साथ ही रमजान में कुवैत की कामकाजी महिलाओं को 15 मिनट के दो ग्रेस पीरियड भी दिए गये हैं। यानी कुवैत में रमजान के दौरान महिला कर्मचारी 15 मिनट देर से आ सकती है तथा वह 15 मिनट पहले ऑफिस छोड़ सकती हैं। यानी महिलाओं के लिए केवल 3:30 घंटे काम करना होगा।
आप सोच रहे होंगे कि मर्दों के लिए क्या नियम है तो बता दे कि कुवैत में रमजान के दौरान पुरुषों के लिए भी नई वर्क टाईमिंग लागू कर दी गई है। पुरुषों को कुवैत में रोजे के दौरान 4 घंटे और 30 मिनट काम करना होगा। यानी औरतों के मुकाबले उन्हें दिन में 15 मिनट ज्यादा काम करना होगा। क्योंकि मर्द भी सुबह में 15 मिनट देर से आ सकते हैं। लेकिन शाम को रियायत नहीं मिलेगी। पुरुषों के लिए ये टाइम स्लोट रहेंगे –
From 8:30 AM to 1:00 PM
From 9:00 AM to 1:30 PM
From 9:30 AM to 2:00 PM
From 10:00 AM to 2:30 PM
From 10:30 AM to 3:00 PM
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यह फैसला कुवैत के सिविल सेवा आयोग (सीएससी) ने लिया है। खाड़ी देशों के वित्तीय और प्रशासनिक मंत्रालय ने वर्ष 2024 के लिए कर्मचारियों के प्रदर्शन मूल्यांकन की समीक्षा के पूरा होने के बाद ही ये फैसला किया है। गौरतलब है कि गल्फ देशों में रमजान के दौरान काफी लचीले नियम कायदे होते हैं। ताकि रोजेदारों को काम को लेकर किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ें। रमजान में दी गई छूट से कंपनियों को घाटा नहीं बल्कि मुनाफा होता है। क्योंकि फिर वह बंदा रोजे की हालत में शिद्दत से दिल लगाकर काम करता है। भारत सरकार को भी इस बारे में सोचना चाहिए।
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