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चीन में धड़ाधड़ तोड़ी जा रही मस्जिदें, HRW की रिपोर्ट ने उड़ाए होश

 

जयपुर। चीन में मुस्लिम की मस्जिदों को लेकर HRW की चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। चीन में मस्जिदें बड़े पैमाने पर तोड़ी जा रही है। चीन में लगभग 2 करोड़ लोग इस्लाम को मानते हैं। ह्यूमन राइट्स वॉच में बताया गया है कि चीन के मुस्लिम इबादतगाहों को तोड़ने का प्रयास धर्म को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।

 

HRW के अनुसार ये है धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर चीन की नीति

 

धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर चीन की नीति बहुत ही तगड़ी है। चीनी कानून के मुताबिक लोग आधिकारिक तौर पर स्वीकृत परिसर में केवल 5 आधिकारिक मान्यता प्राप्त धर्मों की प्रैक्टिस की इजाजत देता है। ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2016 में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने देश में 'चीनीकरण' पर जोर दिया था। इसका मतलब किसी भी धर्म को जबरन चीनी मान्यताओं और परंपरा से जोड़ने की बात कही थी। यहीं से चीन में धर्म के ऊपर सरकार का नियंत्रण कड़ा हो गया।

 

HRW की रिपोर्ट में इस्लामी स्थलों पर सख्ती से नियंत्रण

 

आपको बता दें कि वर्ष 2018 में चीन की सरकार ने आदेश जारी किया था कि सरकारी अधिकारियों को इस्लामी स्थलों पर सख्ती से नियंत्रण करना है। इसके साथ ही ये भी आदेश दिए गए कि वो इस्लामी इबादतगाहों को ज्यादा से ज्यादा तोड़े और और निर्माण की मंजूरी कम से कम दें। चीन के सरकारी अधिकारियों ने शिनजियांग के बाद चीन में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले निंग्जिया और गांसु के उत्तरी इलाकों में सैकड़ों मस्जिदों को बंद कर दिया गया है अथवा उनमें बदलाव करा दिया है।

 

जातीय अल्पसंख्यकों पर कड़ी पकड़

 

HRW की रिपोर्ट में कहा गया है कि कि चीन की सरकार निंग्ज़िया स्वायत्त क्षेत्र और गांसु प्रांत में मस्जिदों की संख्या में भारी संख्या में कमी कर रही है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने काफी समय से वहां पर स्थित धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों पर कड़ी पकड़ कर रखी है।

 

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HRW के अनुसार चीन क्यों कर रहा ऐसा

 

HRW में चीन की कार्यवाहक निदेशक माया वांग ने एक इंटरव्यू में कहा कि मस्जिदों को बंद करना, तोड़ना और उनका पुनर्निर्माण करना चीन में इस्लाम धर्म के चलन पर अंकुश लगाने के व्यवस्थित प्रयास का भाग है। जबकि चीनी मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि चीन की सरकार इस्लामी इबादतगाह का एकीकरण करना चाहती है। इसी दिशा में मस्जिदों को या तो तोड़ा जा रहा है या फिर उन्हें नए रूप से बनाया जा रहा है। आपको बता दें कि चीन में जिन मस्जिदों को सिरे से बनाया जा रहा है उसमें चीन की परंपरा दर्शायी जा रही है।
 

Aakash Agarawal

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