Pakistan First Lady: पाकिस्तान दुनिया का ऐसा मुल्क बन चुका है, जिसे अपने तख्ता पलटों और सरकारें बदलने के रिवाज के तौर पर जाना जाता है। कभी कोई भी राष्ट्रपति या सेनाध्यक्ष कुर्सी पर कब्जा कर बैठता है। इसी बीच एक और चौंकाने वाला फैसला वहां के राष्ट्रपति आसिफ़ अली ज़रदारी ने लिया है। पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने अपनी पु्त्री को बीवी (Pakistan First Lady) का दर्जा दे दिया है। यानी आसिफा भुट्टो को पाकिस्तान की प्रथम महिला नागरिक का दर्जा दिया गया है। इस एलान पर पाकिस्तान में सवाल उठ रहे हैं कि आख़िर कोई बंदा अपनी ही बेटी को फर्स्ट लेडी कैसे बना सकता है?
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पाकिस्तान में आसिफ़ा भुट्टो ज़रदारी देश की फर्स्ट लेडी बनाए जाने के कारण चर्चा में आ गई हैं। दिवंगत पीएम बेनजीर भुट्टो की बड़ी बेटी अब पाकिस्तान में फर्स्ट लेडी बन चुकी है। हालांकि किसी भी देश के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री की पत्नी को प्रथम लेडी माना जाता है। मगर पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ़ अली ज़रदारी ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए कहा है कि उनकी बेटी आसिफ़ा मुल्क की फर्स्ट लेडी होंगी।
जानकारों का कहना है कि राष्ट्रपति के पास ये पावर है कि वो अपने परिवार की किसी महिला सदस्य को फर्स्ट लेडी का पद दे सकता हैं। कानूनी जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान के संविधान में इसे लेकर कोई बाध्यता नहीं है। 1975 के क़ानून में राष्ट्रपति को मिले अधिकारों में फर्स्ट लेडी का कोई उल्लेख नहीं है। वही गृह मंत्रालय के जारी दस्तावेज़ों में भी फर्स्ट लेडी या फर्स्ट हसबैंड का कोई उल्लेख नहीं मिलता है। बस यही वजह है कि कानूनी दांवपेंच समझकर ही बाप ने बेटी को बीवी का दर्जा दे दिया है।
आसिफ़ अली ज़रदारी की बेगम और पाकिस्तान की पूर्व पीएम बेनज़ीर भुट्टो की साल 2007 में हत्या कर दी गई थी। उनकी बेटी आसिफ़ा भुट्टो तब मात्र 14 साल की थीं। नाक नक्शे में अपनी मां पर गई आसिफा पिता के फैसले पर बिल्कुल भी हैरान नहीं है। बल्कि उन्होनें कहा हि वे अपनी मां के नक्शे कदम पर चलते हुए मुल्क की बेहतरी के लिए काम करेंगी। आसिफा ने अपने राजनीतिक करियर का आगाज़ नवंबर 2020 में पीपीपी की रैली से किया था।
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पाकिस्तान के संविधान और क़ानून के तहत राष्ट्रपति को मिलने वाली तमाम सुविधाएं परिवार के सदस्यों, बच्चों को भी मिलती हैं। इसी कानून के तहत राष्ट्रपति के परिवार के सदस्य सरकारी आवास, एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल करते हैं। मतलब ये कि आसिफ़ा अली ज़रदारी को भी फर्स्ट लेडी के तौर पर ये सारी सुविधाएं मिलेंगी। गौरतलब है कि आसिफ़ा पाकिस्तान में सबसे कम उम्र की फर्स्ट लेडी बन गई है।
आसिफ अली ज़रदारी पहली बार 2008 में राष्ट्रपति बने थे और 2007 में बेनज़ीर भुट्टो की हत्या कर दी गई थी। तब आधिकारिक रूप से किसी को भी फर्स्ट लेडी नहीं बनाया गया था। उस समय ज़रदारी 2013 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे थे। अब जबकि आसिफा 31 साल की हो चुकी है तो पाकिस्तान के 14वें राष्ट्रपति के तौर पर ज़रदारी ने फर्स्ट लेडी पद पर अपनी छोटी बेटी आसिफ़ा को नियुक्त किया है।
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