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दो दिन में बदले पुतिन के तेवर, पीठ में छुरा घोंपने वाले वैगनर को बताया सच्चा देशभक्त

वैगनर आर्मी का रूस में दो दिनों से चला विद्रोह खत्म हो गया। रूसी राष्ट्रपति पुतिन भी विद्रोह के दौरान चुप रहने के बाद ही सोमवार को देश से मुखातिब हुए। सोमवार को उन्होंने देश को संबोधित किया। जिसमें उनके तेवर पूरी तरह बदले हुए लगे। दो दिन पहले जिन वैगनर लड़ाकों को वे अपनी पीठ में छुरा घोंपने वाला बता रहे थे। उन्हीं को सोमवार को उन्होनें देश का सच्चा देशभक्त बताया। पुतिन ने देश से संबोधन में कहा कि पश्चिमी देश चाहते हैं कि रूसी लोग एक दूसरे से ही लड़ने में अपनी ताकत नष्ट करें। जिससे यूक्रेन को हमसे मिल रही शिकस्त को रोक सकें। उनकी यह सोच हमारे देश की एकता ने गलत साबित की है और देश को एकजुट रखा है।

सैनिकों को अंधेरे में रखने की कही बात 

पुतिन के साथ यूक्रेन युद्ध में साथ देने वाले वैगनर ग्रुप के लड़ाकों को उन्होंने रूस का सच्चा देशभक्त बताया। पुतिन ने यह भी कहा कि वैगनर लड़ाकों को कुछ लोगों ने अंधेरे में रखा था। जिससे वे अपने देश के सामने ही बंदूकें लेकर खड़े हो गए। फिर भी मुझे यकीन है कि वे कभी देश से गद्दारी नहीं कर सकते और हमेशा देश के साथ ही रहेंगे। 

हाई लेवल मीटिंग में हुए कई निर्णय

वैगनर ग्रुप के विद्रोह से पहले से ही चल रही इसे सेना में शामिल करने की बातों को इस मीटिंग में फिर से दोहराया गया। सरकार की ओर से जवानों को ऑफर दिया गया कि वे या तो रूसी सेना में आ जाएं या फिर अपने घरों को लौट जाएं। पुतिन ने हाई लेवल मीटिंग में सुरक्षा मुद्दों पर अधिकारियों से बात की। यहां दो दिन में मारे गए सेना के पायलट्स को भी श्रद्धांजलि दी गई

प्रिगोजिन ने भी किया तख्तापलट से इंकार 

येवगेनी प्रिगोजिन जो कि वैगनर के चीफ हैं वे भी रूस में तख्तापलट करने से इंकार करते दिखे। उन्होंने कहा कि उनका पुतिन को हटाने का कोई इरादा नहीं है। प्रिगोजिन के जारी एक ऑडियो में वे कह रहे हैं कि वैगनर आर्मी का मकसद सिर्फ यूक्रेन में उनके कैंप पर रूसी सेना के हमले का विरोध दर्ज कराना ही इस विद्रोह का मकसद था। यह मार्च सिर्फ अन्याय के खिलाफ था। ज्ञात हो कि वैगनर ने 23 जून को बगावत की थी और रोस्तोव शहर और मिलिट्री हेडक्वार्टर पर कब्जा भी कर लिया गया था। 

वैगनर का विद्रोह क्यों 

रूस की ओर से यूक्रेन में लड़ रही प्राइवेट आर्मी वैगनर पर बाखमुत के ट्रेनिंग कैंप पर मिसाइल अटैक किए गए थे। जिसमें आर्मी के लड़ाकों की मौत हो गई थी। जिसके बाद से ही विद्रोह की संभावनाएं तेज हो गई थी।

Ambika Sharma

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