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सोने ने ली अंगड़ाई, हॉट मनी फिर से क्यों छाई? बीएसई ने कहां रीलॉन्चिंग की नई प्रणाली?

हॉट मनी फिर चमकी

अमेरिकी डॉलर की कीमत में वृद्धि हुई है। डॉलर इंडेक्स ने 102 के अपने लेवल को फिर से पा लिया है। अंतरराष्ट्रीय स्वीकृति प्राप्त डॉलर विनिमय का सबसे बड़ा माध्यम है। जो कुछ समय से मंदी में चल रहा था। लेकिन आज इसमें सुधार देखने को मिला। डॉलर के सुधरते ही कीमती धातु सोना और चांदी टूट गया। दोनों धातु की रेट में कमी आई। लंबे इंतजार के बाद आज सोने के भाव में थोड़ी मंदी आई।
 

क्या रही आज सोने की कीमत?
कीमती धातु सोना आज ₹60910 प्रति 10 ग्राम के स्तर पर खुला। वही कुछ देर बाद इसकी कीमत 60,820 प्रति 10 ग्राम के निचले स्तर पर पहुंच गई। वही इंटरनेशनल मार्केट में गोल्ड की कीमत 0.18% बढ़कर 2014. $50 प्रति औंस के स्तर पर है। जबकि कुछ जौहरी इसकी कीमत को भारत (मुम्बई) में समर्थन 1,975 प्रति औंस के स्तर पर रख रहे हैं। 
 

क्या कहा विशेषज्ञों ने?
कमोडिटी बाजार के जानकारों का मानना है कि इसके पीछे का कारण अमेरिकी डॉलर है। अमेरिकी डॉलर की कीमत में तेजी के कारण आज सोने की कीमतों में गिरावट आ रही है। डॉलर इंडेक्स 102 के स्तर पर पहुंच गया है। जिससे सोना दबाव में आ गया है। कुल मिलाकर एमसीएक्स गोल्ड की कीमतों के लिए मौजूदा आउटलुक मामूली मंदी का है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में जब जब डॉलर इंडेक्स मजबूत होता है। सोने का भाव गिर जाता है। कुछ दिनों से अमेरिकी अर्थव्यवस्था के हालात कुछ ठीक नहीं चल रहे। जिसका प्रभाव भी सोने पर देखने को मिला।

शेयर मार्केट की बात करें तो बीएसई की ओर से सेंसेक्स और बैकएक्स डेरिवेटिव कांट्रेक्ट  रीलांच किए गए हैं। इसका कारण शेयर मार्केट में ट्रेडिंग को बढ़ावा देना है।
सोमवार को मुंबई स्टॉक एक्सचेंज के प्रबंध निदेशक और सीईओ सुंदर रमन राममूर्ति ने इसकी लॉन्चिंग कार्यक्रम में यह बात रखी। उन्होंने कहा सेंसेक्स एक पुराना और जाना पहचाना बेच मार्क है जो भारतीय अर्थव्यवस्था का सूचकांक है इसका प्रदर्शन ना केवल अच्छा है अपितु इसमें जोखिम और अस्थिरता भी कम है। आपको पता दे मुंबई स्टॉक एक्सचेंज की शुरुआत अंग्रेजों के समय 1875 में हुई थी।

डेरिवेटिव एक फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट होता है, जो कि उसकी सिक्योरिटी की वैल्यू से प्रभावित होता है। इसमें जोखिम काफी होता है। इसे इक्विटी मार्केट में हेजिंग के लिए लाया जाता है। जिससे कि इन्वेस्टर इक्विटी में रिस्क लेने को मैनेज कर पाए। इसे इससे पहले भी 2000 में लाया गया था। इस बार इसकी साइज को घटाकर सेंसेक्स का लॉट साइज 15 से 10 कर दिया गया है।

बीएसई की तरफ से बयान जारी करते हुए। डेरिवेटिव कांटेक्ट की रीलॉन्चिंग में फ्यूचर और ऑप्शन में साइज को घटा दिया गया और नई एक्सपायरी साइकल शुक्रवार से गुरुवार के बीच निर्धारित की गई है।

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