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16 February Ka Itihas: आज ही खुला था मौत का मकबरा, दादा साहेब फाल्के ने ली अंतिम सांस

जयपुर। 16 February Ka Itihas बहुत ही ज्यादा डरावना रहा है। आज से 100 साल पहले दुनिया के 7 अजूबों में शामिल मिस्र के पिरामिड में स्थित मौत के मकबरों का दरवाजा खोला गया था। इन मकबरों में तूतेनखामेन की मौत का रहस्य दफन था जो 3000 साल बाद बाहर आया। 100 साल पहले तक तूतेनखामेन का मकबरा व ताबूत 16 फरवरी 1922 को ब्रिटिश आर्कियोलॉजिस्ट हार्वर्ड कार्टर ने वैली ऑफ द किंग्स ने खोला था। इसके अलावा 16 फरवरी को ही पाकिस्तान में भयानक बम धमाके हुए जिनमें 84 लोगों की मौत हुई थी। ऐसे में आइए जानते हैं 16 फरवरी के इतिहास (16 February Ka Itihas) की प्रमुख घटनाओं के बारे में…

मौत के मकबरों का दरवाजा खोला गया

16 फरवरी 1922 को मिस्र के पिरामिड में स्थित मौत के मकबरों का दरवाजा खोला गया था
2013 में पाकिस्तान के हजारा इलाके के 1 बाजसर में बम धमाक हुए जिनमें 84 लोगों की मौत हो गई और 190 लोग घायल हुए।
2005 में क्योटो करार लागू हुआ था जो कि पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से की गई अन्तरराष्ट्रीय संधि थी।
2001 में फिलीपींस की राजधानी मनीला में जूतों के अनूठे संग्रहालय की शुरूआत की गई थी।
1987 में पनडुब्बी से पनडुब्बी तक मार करने वाले प्रक्षेपास्त्र को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।

यह भी पढ़ें: 15 February Ka Itihas: गालिब की मौत के साथ हुआ टैडी बियर का जन्म, जाने 15 फरवरी का रोचक इतिहास

महान वैज्ञानिक मेघनाद साहा का निधन

1971 में पश्चिमी पाकिस्तान और चीन के बीच राजमार्ग को औपचारिक तौर पर खोला गया था।
1969 में जमाने भर में मशहूर उर्दू शायर मिर्जा गालिब की 100वीं पुण्यतिथि पर उनके सम्मान में डाक टिकट जारी किया गया।
1959 में तानाशाह जनरल फुलगेंसियो बतिस्ता की सेनाओं को हराने के बाद फिदेल कास्त्रो ने क्यूबा का शासन अपने हाथों में लिया था।
1956 में भारत के महान वैज्ञानिक मेघनाद साहा का निधन हुआ था जिनको साहा इक्वेशन के लिए याद किया जाता है।

यह भी पढ़ें: 14 February Ka Itihas: आज ही दिया था पाकिस्तान ने भारत को ज़ख्म, किया था पुलवामा अटैक

दादा साहब फाल्के का निधन

1944 में हिंदी सिनेमा के पितामह दादा साहब फाल्के का निधन हुआ था, दादा साहब फाल्के पुरस्कार को सिने जगत का सबसे प्रतिष्ठित सम्मान माना जाता है।
1937 में अमेरिका के वैज्ञानिक वालेस कैरोदर्स को नायलॉन का पेटेंट मिला। इसका इस्तेमाल शुरू में टूथब्रश बनाने के लिए किया गया था।
1896 में हिंदी साहित्य के सशक्त हस्ताक्षर सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का जन्म।
1759 में मद्रास पर फ्रांस का कब्जा समाप्त हुआ था।

Anil Jangid

Anil Jangid डिजिटल कंटेट क्रिएटर के तौर पर 13 साल से अधिक समय का अनुभव रखते हैं। 10 साल से ज्यादा समय डिजिटल कंटेंट क्रिएटर के तौर राजस्थान पत्रिका, 3 साल से ज्यादा cardekho.com में दे चुके हैं। अब Morningnewsindia.com और Morningnewsindia.in के लिए डिजिटल विभाग संभाल रहे हैं।

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