Rajkumar Roat
Rajkumar Roat : जयपुर। राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के घोटिया आंबा धाम से जुड़ी है एक खबर को लेेकर आदिवासी लोगों ने राजकुमार रोत (Rajkumar Roat) के खिलाफ जंग छेड़ दी है। राजकुमार रोत का एक बयान पर बवाल मचा हुआ है। आधिवासी लोग इस कदर खफा है कि राजकुमार रोत के कार्यक्रम में भाग लेने को लेकर चिढ़े हुए हैं। इस कार्यक्रम में सांसद राजकुमार रोत भी शामिल होने वाले हैं, लेकिन उनके यहां आने का विरोध किया जा रहा है। आइए, जानते हैं इस पूरे मामले की वजह क्या है!
आपको बताते चले कि 18 जुलाई को सांसद राजकुमार रोत और आदिवासी समाज से जुड़े अन्य लोगों ने मानगढ़ धाम की सभा में कहा था कि वे हिंदू नहीं हैं। इसके साथ ही, सभा में मौजूद कुछ लोगों ने देवी-देवताओं का अपमान करते हुए महिलाओं का कहा कि कोई सिंदूर और बिंदी नहीं लगाएगी। इसी बयान के बाद से हिंदू धर्म जागरण समिति और स्थानीय समुदाय इस कार्यक्रम का विरोध कर रहे हैं।
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राजकुमार रोत के विरोध में उतरी जनता ने इसको लेकर कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा। हिंदू धर्म जागरण समिति के अध्यक्ष देवीलाल रावत का कहना है कि जब सांसद खुद को हिंदू नहीं मानते….तो वे हिंदू धार्मिक स्थलों पर क्यों कार्यक्रम कर रहे हैं ?। राजकुमार रोत से नाराज लोगों का कहना है कि अगर आदिवासी हिंदू नहीं तो उनके पूर्वज घोटिया आंबा धाम के पवित्र कुंड में अस्थि विसर्जन क्यों करते हैं?
इसी मुद्दे पर आदिवासी आरक्षण मंच के संयोजक कमल कांत कटारा ने भी सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि घोटिया आंबा में प्राचीन काल से पांडवों की मूर्तियां स्थापित हैं और यहां शिव मंदिर भी है। यह स्थान हिंदुओं की आस्था का केंद्र है, और जो लोग खुद को हिंदू नहीं मानते, वे इस स्थान पर आयोजन क्यों कर रहे हैं? कटारा ने कहा कि या तो सांसद राजकुमार रोत अपने बयान को वापस लें और माफी मांगे या फिर इस कार्यक्रम को किसी अन्य स्थान पर आयोजित किया जाए।
अब सवाल ये उठता है कि आखिर इस कार्यक्रम के पीछे मकसद क्या है?….. दरअसल, भारत आदिवासी पार्टी द्वारा विभिन्न जिलों में संविधान में दिए गए आदिवासी अधिकारों को लेकर जनजागरण के उद्देश्य से आदिवासी अधिकार दिवस का आयोजन किया जा रहा है। उदयपुर, प्रतापगढ़ और कई अन्य जिलों में यह कार्यक्रम पहले से आयोजित किया जा चुका है, और अब बांसवाड़ा के घोटिया आंबा धाम पर इसका आयोजन प्रस्तावित है।
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वहीं, इस विवाद पर सांसद राजकुमार रोत ने भी अपना जवाब दिया है। उन्होंने कमल कांत कटारा के फेसबुक पोस्ट को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर शेयर करते हुए लिखा-शांतिप्रिय आदिवासी क्षेत्र को अशांत करने की कोशिश करने वाले लोगों से हमारा कोई साथी नहीं उलझे। पुलिस प्रशासन ऐसे लोगों पर कानूनी कार्यवाही करे।’ तो दोस्तों, यह था पूरा मामला। अब देखना होगा कि इस विवाद का अंत क्या होता है। क्या सांसद राजकुमार रोत अपने बयान पर माफी मांगेंगे, या फिर कार्यक्रम का आयोजन किसी और जगह किया जाएगा।
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