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Govind Singh Dotasara-1
Rajasthan by-election : जयपुर। राजस्थान में होने वाले उपचुनावों को लेकर सभी पार्टियों ने अपनी-अपनी कमर कस ली है। वहीं राजस्थान उपचुनाव की जिम्मेदारी कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और सचिन पायलट को सौंपी गई है। वहीं उपचुनावों में जहां कांग्रेस की इज्जत प्रतिष्ठा तो दांव पर लगी है वहीं डोटासरा अपनी टेंशन का हल डांस करके निकाल रहे हैं। ये चुनाव पूरी तरीके से पीसीसी चीफ के मान और इज्जत का सवाल बना हुआ है। आइए जानते है क्या है पूरा मामला?
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बता दें कि प्रदेशाअध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का डांस का वीडियो वायरल हुआ है। इस पर भाजपा के दिग्गज नेता सतीश पूनिया ने तंज कसते हुए उन्हें आइटम बॉय कहकर पुकारा है। वहीं अगर डांस के नजरिए से देखा जाए तो कांग्रेस इस बार गठबंधन के साथ नहीं बल्कि सोलो यानी एकल डांस ही करने वाली है। पिछले कुछ समय से कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा प्रदेश की राजनीति में ताकतवर ढंग से उभरे हैं। टिकट बंटवारे में उनकी खूब चली है, ये उपचुनाव उनके लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न है। क्योंकि वो 5 साल से ज्यादा वक्त से प्रदेशाध्यक्ष हैं। इस चुनाव में हात जीत ये तय करेगी कि डोटासरा की पार्टी में आने वाले दिनों में क्या छवि रहने वाली है। वहीं बात करें एक और बड़े चेहरे सचिन पायलट की तो पायलट के पास सीनियर ऑब्जर्वर के तौर पर महाराष्ट्र के चुनावों की भी जिम्मेदारी है। पार्टी की हार या जीत जो भी होती है इससे पायलट भी प्रतिष्ठा के सवाल से बच नहीं पाएंगे। क्योंकि पायलट समर्थकों के पास तीन सीटें हैं। लेकिन इन दोनों चेहरों के सामने काफी चुनौतियां हैं। अब चुनौतियां क्या हैं ये भी आपको बताते हैं। पहला तो ये कांग्रेस ने टिकट का बंटवारा ऐन वक्त पर किया है। सात सीटों में से पांच सीटों पर बगावत के सुर दिखाई देने लगे। वहीं ऐन मौके पर बगावत करना और ऐन मौके पर ही टिकटों का बंटवारा करना मतलब साफ है कि पार्टी अपनी मनमर्जी चलाने वाली है और ऐसा ही हुआ।
वहीं दौसा, देवली-उनियारा में नरेश मीणा विरोध में उतर गए है और निर्दलीय पर्चा भरा है। ऐसे में यह पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती ये है कि वो अपनी ताकत को किस और झोंकें। क्या कांग्रेस अपनी ताकत बगावत थामने में लगाएगी या फिर नांमाकन भरने में, साथ ही कांग्रेस के लिए ये कहावत एक दम फिट बैठती है। घर का भेदी लंगा ढ़हाए, ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकिं कांग्रेस को हमेशा कांग्रेस ही हराती है। इन सभी चुनौतियों को संभालते हुए गोविंद सिंह डोटासरा और सचिन पायलट पर एक बड़ी जिम्मेदारी है।
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