भारत-ऑस्ट्रेलिया एक दिवसीय मैचों की सीरीज 17 मार्च से शुरू हो रही है। भारत के हिसाब से ने सीरीज बहुत महत्तवपूर्ण है इसका सबसे बड़ा कारण इसी साल आईसीसी का सबसे बड़ा टूर्नामेंट वल्र्ड कप भी है। एक तरह से भारत को खुद को परखने का अच्छा मौका है। रोहित शर्मा का अनुपस्थिति में हार्दिक पांड्या पहले मैच में टीम की अगुआई करते नजर आएंगे। दूसरे मैच से रोहित टीम के साथ होंगे। भारतीय टीम में उभरते खिलाडिय़ों के लिए भी यह खुद को साबित करने और वल्र्ड कप में जगह बनाने का अच्छा अवसर है। इस सीरीज का पहला मुकाबला आज मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में दोनों टीमों के बीच खेला जाएगा।
इतिहास में अब तक दोनों टीमों के बीच अब तक 143 वनडे मैच खेले गए हैं। जिनमें से 80 मुकाबले कंगारूओं ने जीते हंै। वही दूसरी और भारतीय ने 53 मैच में ऑस्ट्रेलिया को परास्त किया है। हालांकि 10 मैचों का कोई नतीजा नहीं निकला है। खास बात यह है कि पहला मुकाबला भारत ने ऑस्टे्रलिया को उसी के घर में हरा कर जीता था। अब तक आईसीसी के 12 वनडे वल्र्ड कप में 5 ऑस्ट्रेलिया ने जीत कर अपनी झोली में डाले हैं। इस टूर्नामेंट में भारत से खेले गए ज्यादातर मैच ऑस्ट्रेलिया ने ही जीते। पहले दशक में ऑस्ट्रेलियन वनडे में हम पर हावी रहे। लेकिन, दूसरे दशक में भारतीयों ने कहानी की तस्वीर को ही पूरी तरह बदल दिया है।
पहले वनडे में भारत के कप्तान गावस्कर थे और मैन ऑफ द मैच संदीप पाटिल रहे
6 दिसंबर 1980 का दिन जब पहली बार एकदिवसीय क्रिकेट में भारतीय और ऑस्ट्रेलियन आमने-सामने हुए थे। सुनील गावस्कर की कप्तानी में भारतीय टीम ने कंगारुओं के छक्के छुड़ा दिए थे उनके गढ़ मेलबर्न के मैदान पर ही हराया था। भारत की 66 रनों की ऐतिहासिक जीत का सेहरा संदीप पाटिल के सिर बंधा था। संदीप (64 रन और एक विकेट) ने दोहरा प्रदर्शन कर कंगारुओं को बेहतरीन पटखनी दी थी। यह जीत केवल जीत नहीं थी ये इसलिए भी खास थी, क्योंकि भारती को टेस्ट में कंगारुओं को उनकी सरजमीं पर पहली बार हराने में 30 साल लग गए थे।
शुरू के तीन दशक रहा कंगारूओं का राज, अब भारत देने लगा टक्कर
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला वनडे 6 दिसंबर 1980 को खेला गया था। इसके बाद से ऑस्ट्रेलिया ने शुरुआती 30 साल भारत पर दबादबा बनाए रखा। 1980 से 2010 के बीच दोनों टीमों के बीच 104 वनडे खेले गए। इसमें से भारत 35 मैच ही जीत सका। वहीं, ऑस्ट्रेलिया 61 मुकाबलों में विजयी रहा। यानी, ऑस्ट्रेलिया ने लगभग दो-तिहाई मैच जीते। पिछले 13 साल की बात करें तो भारत ने इस दौरान ऑस्ट्रेलिया को कड़ी टक्कर दी। कुल 39 वनडे खेले गए। भारत ने 18 तो ऑस्ट्रेलिया ने 19 वनडे जीते। 2 मैच का परिणाम नहीं निकल सका।
पहले 10 साल में 12 मैच ही जीत सका था भारत
1980 में भारत-ऑस्ट्रेलिया पहले वनडे के बाद के दस साल में इन दोनों टीमों के बीच कुल 33 वनडे मैच खेले गए थे। इनमें से भारतीय टीम महज 12 ही जीत सकी थी, यानी की आधे से भी कम। वहीं, ऑस्ट्रेलिया ने, आधे से ज्यादा, 18 मैच जीते थे। 3 मैच नो रिजल्ट रहे थे। 1990 से 2000 के बीच भी यही हाल रहा। भारत ने कुल 29 मैचों में से 11 ही जीते। इस बार हमारे जीत का प्रतिशत 34 फीसदी थी।
21वीं सदी के पहले दशक में यह और भी कम हुआ। दोनों टीमों के बीच 2000 से 2010 के बीच सबसे ज्यादा 42 मैच खेले गए, लेकिन हमारी जीत का प्रतिशत और कम होता चला गया। हमने 42 में से 12 मैच ही जीते। तब हमारी जीत का प्रतिशत 28 फीसदी था।
पिछले 10 साल में भारतीय टीम ने कंगारुओं को तगड़ी टक्कर दी है। 2010 के बाद अब तक दोनों टीमों के बीच 39 मैच खेले गए हैं। इनमें भारत ने 18 और ऑस्ट्रेलिया ने 19 जीते हैं। 2 मैच नो रिजल्ट रहे। पिछले दशक में हमारी जीत का प्रतिशत 46 प्रतिशत हो गया है।
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