Open Marriage: रिलेशनशिप में भी लोग आजकल कई तरह के एक्सपेरिमेंट्स करने लगे हैं। लिव-इन-रिलेशनशिप और पोलीगेमी के बाद अब ओपन मैरिज का एक नया कॉन्सेप्ट आ चुका है। यह एक ऐसी थ्योरी है विवाह जैसी चीजों की पूरी तरह धज्जियां उड़ाती हैं लेकिन इन दिनों युवा इस थ्योरी पर भी विश्वास करने लगे हैं। जानिए ओपन मैरिज और इससे जुड़े फायदे-नुकसान के बारे में
प्रचलित मान्यताओं के अनुसार देखा जाए तो ओपन मैरिज एक ऐसा वैवाहिक संबंध है जिसमें पति-पत्नी अपने जीवनसाथी के अलावा दूसरे पार्टनर के साथ भी शारीरिक संबंध बना सकते हैं। इसमें दोनों के बीच किसी तरह की बाउंडेशन या रोकटोक नहीं होती है। पति-पत्नी दोनों ही एक मैरिड कपल की तरह साथ रहते हैं, साथ जीते हैं। परन्तु वे दोनों एक-दूसरे को इस बात की आजादी देते हैं कि उनका लाइफ पार्टनर किसी दूसरे व्यक्ति के साथ संबंध बना सकता है।
यह कॉन्सेप्ट न तो पूरी तरह से ट्रेडिशनल वैवाहिक संबंध है और लिव-इन-रिलेशनशिप है, न ही पूरी तरह से पार्टनर स्वैपिंग का सिस्टम है। यह इन सभी से एक कदम आगे जाकर लाइफ पार्टनर को चीटिंग, प्यार में धोखा जैसी चीजों से मुक्त करता है और उन्हें मनचाहे लोगों के साथ सोने का अवसर देता है।
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विवाह संबंध और लिव-इन-रिलेशनशिप जैसे संबंधों में लोग किसी एक पार्टनर के साथ स्थाई या अस्थाई तौर पर बंध जाते हैं। कई बार ऐसे लोगों को भी साथ रहना पड़ता है जिनकी यौनिक इच्छाएं मेल नहीं खातीं। उनके लिए यह फायदे का सौदा हो सकता है। मनोवैज्ञानिकों के अनुसार ओपन मैरिज में भी कपल्स को कुछ फायदे मिलते हैं जैसे
इस रिश्ते में पति-पत्नी दोनों में मे किसी भी पार्टनर की लॉयल्टी शारीरिक संबंधों पर नहीं टिकी होती बल्कि दोनों के बीच म्यूचुअल अंडरस्टैंडिंग और आपसी विश्वास पर टिकी होती है। इससे रिश्ता मजबूत होता है।
ओपन मैरिज में पति-पत्नी दोनों ही अपने-अपने रिश्तों के लिए ईमानदार होते हैं और उन्हें अपने मन की बातों को छिपाना भी नहीं होता है। यह भी उनके बीच रिश्ते को मजबूत करता है।
आमतौर पर कुछ लोगों के लिए विवाह का अर्थ पार्टनर पर एकाधिकार से होता है। ओपन मैरिज इस मान्यता के विपरीत उन्हें ब्रॉड माइंडेड बनाता है और ईर्ष्या की भावना को कम करता है। इससे विवाहित कपल्स की यौन कुंठा भी कुछ हद तक दूर होती है।
ओपन मैरिज में ऐसे कपल्स जो अपने पार्टनर से सेटिस्फाई नहीं हो पाते हैं, वे आसानी से बिना हिचके, बिना डरे दूसरे लोगों के साथ संबंध बना सकते हैं। इसी तरह जिन कपल्स की फैटेंसी मैच नहीं करती हैं, वे भी बिना डाइवोर्स लिए अपने दिल की इच्छाएं पूरी कर सकते हैं।
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इस तरह के संबंध हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं होते। यदि कपल्स ओपन मैरिज में जाना चाहते हैं तो उन्हें यह फैसला लेने से पहले कपल्स को गंभीरता से विचार करना चाहिए और आपसी सहमति से ही आगे बढ़ना चाहिए। ओपन मैरिज जैसे जटिल संबंधों को सफल बनाने के लिए पार्टनर्स के बीच मजबूत भरोसा, स्पष्ट संवाद और इमोशनल मैच्योरिटी जरूरी है। इसके कुछ नुकसान भी हैं जो निम्न प्रकार हैं
अभी इस तरह के संबंधों के लिए पश्चिमी देशों में भी अस्वीकार्यता देखी जा रही है। भारत में भी ओपन मैरिज जैसे संबंधों को हेय दृष्टि से देखा जाता है। ऐसे कपल्स को सामाजिक दबाव और आलोचना का सामना करना पड़ सकता है।
ओपन मैरिज में कई बार पार्टनर किसी दूसरे व्यक्ति के साथ इमोशनली अटैच्ड हो सकता है। उस स्थिति में उलझन और मनोवैज्ञानिक समस्याएं पैदा हो सकती है और उनका विवाह संबंध भी टूट सकता है।
यदि कपल्स के बीच आपसी अंडरस्टैंडिंग ठीक है तो वे विवाह संबंध को निभा लेंगे परन्तु आपसी विश्वास गड़बड़ाने पर गलतफहमी हो सकती है। आगे चलकर ये गलतफहमियां रिश्ते को बर्बाद भी कर सकती हैं।
जब कोई व्यक्ति अपने विवाह संबंध से बाहर किसी दूसरे व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बनाता है तो वह यौन संक्रामक रोगों का भी शिकार बन सकता है। इस तरह की बीमारियों में मामूली इंफेक्शन और STD से लेकर HIV तक हो सकती हैं।
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कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि ओपन मैरिज हर किसी के लिए नहीं है। यह एक बहुत ही जटिल संबंध है जिस पर फैसला लेने से पहले कपल को गंभीरता से विचार करना चाहिए। ऐसे रिश्तों को निभाने के लिए ट्रांसपेरेंसी, म्यूचुअल अंडरस्टैंडिंग और आपसी विश्वास होना चाहिए। दोनों ही पार्टनर्स को शारीरिक एवं मानसिक रूप से तैयार होना चाहिए अन्यथा ओपन मैरिज में नुकसान भी हो सकता है। इसके लिए आप किसी मैरिज काउंसलर की भी सलाह ले सकते हैं।
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