18 April Phalodi Satta Bhav 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में राजस्थान में 19 अप्रैल (शुक्रवार) को 12 सीटों पर (चूरू, नागौर, झुंझुनूं, सीकर, जयपुर, श्रीगंगानर, बीकानेर, जयपुर ग्रामीण, अलवर,भरतपुर, दौसा, करौली- धौलपुर) मतदान होगा। लेकिन इस बार का चुनाव काफी रोचक है और पहले चरण की 5 सीटें दौसा, जयपुर ग्रामिण, अलवर, नागौर और चूरू हॉट सीट बनी हुई है। इन सीटों पर दोनों ही पार्टियां जातीय समीकरण कैंडिडेट की जीत का कारण बन रही हैं। मतदान से पहले सट्टा बाजार ने 12 सीटों पर अपना भाव बताया है।
जयपुर शहर
जयपुर शहर की सीट पर बीजेपी का पलड़ा हमेशा से ही भार रहा है और इस बार भी ऐसा होता दिख रहा है। लेकिन प्रतापसिंह खाचरियावास को अगर राजपूत समाज का पूरा सहयोग मिल जाता है तो उनकी जीत तय है। सट्टा बाजार भाव के हिसाब से यहां बीजेपी को मजबूत माना जा रहा है। जयपुर लोकसभा सीट में 8 विधानसभा सीटों में से 6 पर बीजेपी काबिज है जो उसके लिए फायेदमेंद साबित होगा।
जयपुर ग्रामीण
जयपुर ग्रामीण सीट पर बीजेपी ने राव राजेंद्र सिंह को मौका दिया है तो कांग्रेस ने सचिन पायलट समर्थक युवा नेता अनिल चोपड़ा पर दाव खेला है। इस सीट पर कांग्रेस-बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। इस सीट पर जयपुर ग्रामीण की आठ विधानसभा सीटों में से 4 पर कांग्रेस और 4 पर बीजेपी जीती है। लेकिन सबसे ज्यादा प्रभावित जातीय समीकरण तय करेंगे।
यह भी पढ़ें: Phalodi Satta Bhav 17 April 2024: सट्टा बाजार ने BJP नेताओं की उड़ाई निंद, कांग्रेस का चल गया जादू!
दौसा
दौसा सीट पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला होने के कारण यह सीट भी हॉट सीट बनी हुई है। कांग्रेस ने दौसा से विधायक मुरारीलाल मीणा को टिकट दिया है, जबकि बीजेपी ने पूर्व विधायक कन्हैया लाल मीणा को मैदान में उतारा है। मुरारीलाल मीणा को मजबूत माना जा रहा है लेकिन कन्हैया लाल मीणा भी अच्छी स्थिति में है। डॉ. किरोड़ीलाल मीणा फैक्टर भी अहम रहेगा और पीएम मोदी के रोड शो के बाद माहौल बदला है। दौसा ऐसी लोकसभा सीट है, जिसमें तीन जिलों (जयपुर, अलवर और दौसा) की विधानसभा सीटें आती हैं जो बहुत निर्णायक भी साबित होती है।
भरतपुर
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के गृह जिले बीजेपी के उम्मीदवार की जीत तय है और इसका करण 8 विधानसभा सीटों में से 5 भाजपा के पास है। इसके साथ बयाना की निर्दलीय विधायक ऋतु बनावत ने भाजपा को समर्थन दे रखा है। भरतपुर शहर की सीट आरएलडी के पास है, जो इस बार बीजेपी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है।
करौली-धौलपुर
करौली सीट पर एससी और एसटी वोटर काफी निर्णायक होते है और सांसद मनोज राजोरिया का टिकट काट कर भाजपा ने इंदु देवी को मौका दिया है। इंदु देवी करौली की रहने वाली हैं और प्रधान रह चुकी हैं जिसका फायदा मिलेगा। भजनलाल जाटव के प्रति जनता में उत्साह नहीं है। वे रहने वाले भरतपुर जिले के हैं तो बाहरी नेता के नाम पर लोग दूरी बना रहे है।
करौली-धौलपुर की 8 विधानसभा सीट में से 5 पर कांग्रेस है जो उसके लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद साबित हो रहा है।
बीकानेर
बीकानेर में अर्जुनराम मेघवाल का राजस्थान सरकार में मंत्री रहे गोविंदराम मेघवाल से है।
गोविंदराम मेघवाल खाजूवाला सीट से विधानसभा चुनाव हार गए थे और फिर उनको मौका दिया है जो सही साबित होता नहीं दिख रहा है। बीजेपी को लोकसभा क्षेत्र की 8 विधानसभा में से 6 सीटों पर जीत मिली थी और इसका फायदा इस चुनाव में मिलेगा।
श्रीगंगानगर
श्रीगंगानगर सीट पर बीजेपी ने प्रत्याशी बदलकर अनूपगढ़ नगर परिषद की सभापति प्रियंका बैलान को प्रत्याशी बनाया है और उनका मुकाबला कुलदीप इंदौरा से होगा। इंदौरा श्रीगंगानगर राजनीतिक परिवार से आते हैं। इंदौरा 2 बार विधायक का चुनाव भी लड़ चुके हैं लेकिन उनको हार मिली है।
सीकर
सीकर लोकसभा सीट पर कांग्रेस को गठबंधन करना पड़ा है और इसी वजह से यह सीट ज्यादा चर्चा में है। कांग्रेस ने सीपीएम प्रत्याशी अमराराम को समर्थन दिया है तो वहीं भाजपा ने सुमेधानन्द सरस्वती को तीसरी बार मौका दिया है।
झुंझुनूं
झुंझुनूं सीट पर कांग्रेस और भाजपा में अच्छी टक्कर देखने को मिल रही है। भाजपा से शुभकरण चौधरी और कांग्रेस से विधायक बृजेंद्र ओला मैदान में हैं। शेखावाटी में ओला परिवार की राजनीतिक विरासत का प्रभाव है जो बहुत ही प्रभावित करता है।
यह भी पढ़ें: Phalodi Satta Bazar 17 April 2024: सट्टा बाजार में कांग्रेस की दमदार वापसी का दावा, क्या रिपीट नहीं होगी मोदी सरकार?
नागौर
ज्योति मिर्धा और हनुमान बेनीवाल में जबरदस्त टक्कर देखने को मिल रही है। इस वजह से यह सीट हॉट सीट बनी हुई। दोनों नेता जाट समाज से आते है तो मुकाबला और ज्यादा रोचक हो गया है।
चूरू
यह सीट विधानसभा चुनाव की लपटों से दहक रही है। राजेंद्र राठौड़ की हार के बाद कस्वां की टिकट कटने का विवाद पूरे क्षेत्र में छाया हुआ है। कस्वां और राठौड के लिए ये चुनाव नाक का सवाल बन गया है। झाझड़िया के लिए प्रचार कर रहे राठौड़ चूरू में डेरा डाले हुए हैं। मामला कस्वां वर्सेस राठौड़ हो गया है। राजपूत समाज राठौड़ की हार का जिम्मेदार कस्वां को मान रहा है तो कस्वां का टिकट कटने का कारण जाट समाज राठौड को मान रहा हैं
अलवर
कांग्रेस के ललित यादव और बीजेपी भूपेंद्र यादव के लिए यह चुनाव निर्णायक हो गया है। शहरी क्षेत्रों में बीजेपी मजबूत स्थिति में है और मोदी की नजदीकी होने के कारण पार्टी के बड़े नेता से लेकर छोटे से छोटा कार्यकर्ता उनके साथ लगा हुआ है। सीधा मुकाबला बीजेपी-कांग्रेस में है लेकिन तीसरे फैक्टर के तौर पर बसपा वोट तोड़ सकती है।
Healthy Liver Tips : जयपुर। लिवर शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जो हमारे शरीर…
National Herald Case : केंद्र सरकार द्वारा राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी व नेता प्रतिपक्ष राहुल…
Hanuman Jayanti : राहोली पंचायत के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय में हनुमान जयंती के अवसर…
Jaipur Bulldozer Action: जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से 9 अप्रैल को अतिक्रमण के खिलाफ…
Starting a business usually means spending money on a shop, hiring staff, buying stock, and…
PESA Act : जयपुर। जनजातियों की रक्षा करने वाला विश्व के सबसे बड़े संगठन अखिल…