- जाने क्या है सजा के प्रावधान
जयपुर। आए दिन प्रदेश में दुर्घटना के बाद शव को रख कर प्रदर्शन के मामले सामने आत रहते है। मृतक का परिवार शव को रख कर प्रदर्शन कर अपनी मांगे रख देता है। कई बार तो मांगे पूरी नहीं होने तक शव का अंतिम संस्कार तक नहीं किया जाता। शव के साथ जब ऐसा बर्ताव किया जाता है तो उसे पार्थिव शरीर का अपमान माना जाता है। ऐसे मामलों पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार की और से एक अनूठी पहल कि गई है। इस पहल के तहत राज्य सकर की और मृत शरीर सम्मान विधेयक 2023 पारित किया गया है।
पार्थिव शरीर के सम्मान में लिया सख्त फैसला
राज्य सरकार ने पार्थिव शरीर के सम्मान के लिए सख्त फैसला लिया है। सरकार ने सख्त रूख अपनाते हुए विधेयक पारित कर दिया है। इस विधेयक के तहत अब मृत शरीर को रख कर प्रदर्शन करने पर रोक लगाई जा सकेगी। यदि ऐसा किया जाता है तो इसे अपराध की श्रेणी में लिया जाएगा। जिसके तहत 5 सांल की सजा सुनाई जाएगी।
- इस कानून के तहत शवों के साथ प्रदर्शन करना दंडनीय अपराध है।
- इस कानून के जरिए शव की गरिमा सुनिश्चित की जा सकेंगी।
- शव के साथ में विरोध प्रदर्शन किया गया तो जुर्माने के साथ ही 6 महीने से लेकर पांच साल तक सुनाई जाएगी सजा।
- मृतक का जल्द से जल्द किया जाए अंतिम संस्कार।,
- प्रशासन के आदेश के बावजूद परिवार अंतिम संस्कार नहीं करता है तो सार्वजनिक प्राधिकरण शव का अंतिम संस्कार करेंगा।
- इस कानून के तहत लावारिस शवों के डेटा के साथ ही सुरक्षा के भी प्रावधान बनाए गए है।