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- Naleshwar Mahadev Temple: Where Lord Bholenath resides in the form of Kedarnath
नालेश्वर महादेव मंदिर: जहां केदारनाथ के रूप में विराजते है भगवान भोलेनाथ

अजमेर। अजमेर के निकट श्रीनगर में दो पहाड़ों के बीच बसे बाबा भोले को भक्त नालेश्वर महादेव कह कर पुकारते है। कहते है यह मंदिर 700 वर्षे से भी अधिक प्राचीन है। इस मंदिर की खास बात यह की यहां शिवलिंग हूबहू केदारनाथ की तरह है। बस यहां के शिवलिंग का आकार थोड़ा छोटा है। बाबा नलेश्वर में भक्तों की खासी आस्था है। कुछ लोगों का कहना है यह शिवलिंग श्रीनगर गांव के बसने से पुर्व का है। सावन के पवित्र महिने में यहा भक्तों का ताता लगा रहता है।
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पहाड़ों से बहती है जलधारा
अजमेर में बाबा भोलेनाथ के कई मंदिर है। शिव के प्राचीन शिवालयों में से एक नालेश्वर महादेव मंदिर है। श्रीनगर तीर्थराज गुरू पुष्कर का ही हिस्सा है। यह मंदिर दो पहाड़ियों के बीच घने जंगल में स्थापित है। कहते है यहा रहने वाले संतो ने इस मंदिर का निर्माण करवाया। शिवालय के सामन ही पहाड़ों से जलधारा भी बहती रहती है। इस स्थान पर कदम्ब सहित अन्य वक्षृ भी देखने को मिलते है। लोगों का कहना है शिवलिंग का छोर ढुंढ़ने के लिए 10 फीट तक खुदाई भी करवाई गई, लेकिन शिवलिंग का छोर नहीं मिला जिसके बाद मिट्टी को वापस भर दिया गया।
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नहीं है शिव परिवार
नालेश्वर महादेव मदिंर के लिए कहते है की किशनगढ़ के राजा शार्दूल सिंह ने शिवालय समेत 26 बीघा भूमि ब्राह्मणों के नाम कर दी थी। इस स्थान पर शिव परिवार विराजमान नहीं है। यहा पहाड़ की गुफा के मुख पर शिव लिंग विराजमान है। इस स्थान पर कई संतो ने सिद्धि प्राप्त की। यहा फलहारी बाबा मंदिर में एक सुरंग बनी हुई है। कहते है बाबा इस सुरग से पुष्कर जाया करते थे। यह सुरंग आज भी यहा मौजूद है। बाबा भोलेनाथ का श्रद्धा के साथ अभिषेक करने पर भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण होती है।







