Pakistan : नई दिल्ली। कंगाली और बदहाली के दौरे से गुजर रहे पाकिस्तान (Pakistan) उधार के पैसे पर जिंदगी काट रहा है। विदेशों से कर्ज लेकर-लेकर थक चुका पाकिस्तान पूरी तरह टूट चुका है। इस बीच तेल और प्राकृतिक गैस के विशाल भंडार मिलना पाकिस्तान के लिए ‘अलादीन का चिराग’ साबित हो सकता है। यदि इस चिराग को घिसकर जिन्न का सही से इस्तेमाल कर लिया गया तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की दिशा और दशा बदल जाएगी।
दरअसल, पाकिस्तान के कब्जे वाले समुद्र के नीचे तेल और नेचुरल गैस का भंडार मिला है। माना जा रहा है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा तेल और गैस भंडार हो सकता है। ऐसे समय जब पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकटों से जूझ रहा है तो यह भंडार पूरे पाकिस्तान के लिए एक उम्मीद की किरण है। अब सवाल यह उठता है कि क्या यह तेल वाकई पाकिस्तान की किस्मत बदल जाएगा या यह सिर्फ एक उम्मीद की किरण बनकर ही रह जाएगा।
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भंडार का पता लगा और उड़ गई पाक नींद
एक रिपोर्ट में पता चला है कि पाकिस्तान के समुद्री क्षेत्र में किए गए भूगर्भीय सर्वेक्षण से इस विशाल तेल और गैस भंडार की पहचान हुई है। शुरुआती अनुमानों के अनुसार, यह भंडार दुनिया का चौथा सबसे बड़ा भंडार हो सकता है। पाकिस्तान के सरकारी डिपार्टमेंट ने इसकी सूचना दी है और अब इस भंडार से लाभ उठाने के लिए ‘ब्लू वाटर इकॉनमी’ के तहत प्रयास शुरू हो चुके हैं, जिसमें तेल और गैस के अलावा समुद्र से अन्य कीमती खनिजों से लाभ लेना भी शामिल है।
पैसा बना पाक की चुनौती
भले ही पाकिस्तान को तेल और प्राकृतिक गैस के भंडार का पता चल गया है, लेकिन पैसा लाना और लगाना एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। तेल और गैस नियामक प्राधिकरण (OGRA) के पूर्व सदस्य मुहम्मद आरिफ ने इस मामले में सावधानी बरतते की सलाह दी है। उनका कहना है कि इस खोज से मिलने वाले रिजल्ट की कोई गारंटी नहीं है। उन्होंने बताया कि तेल और गैस के दोहन के लिए लगभग 5 बिलियन डॉलर (लगभग 1.4 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपए) का भारी भरकम निवेश करना पड़ेगा और इसे निकालने में 5 लाख साल तक का समय लग सकता है।
कंगाली में जगी नई उम्मीद
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इस समय पूरी तरह चरमराई हुई है और पूरा देश आर्थिंक संकट के दौर से गुजर रहा है। 2022 की बाढ़ ने वहां पूरी तहर से सबकुछ बर्बाद कर दिया और वैश्विक आर्थिक मंदी की आंशका ने भी पड़ौसी मुल्क की विकास दर को 1.7% तक गिरा दिया। विदेशों से लिया गया लोन बढ़कर 126 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया है। ऊंची महंगाई, घटते विदेशी भंडार और बढ़ते वित्तीय दबावों ने अर्थव्यवस्था को कमजोर कर दिया है।
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अगर तेल और गैस के भंडार पाकिस्तान के हाथ लग जाएगा तो काफी हद तक मौजूदा ऊर्जा संकट काफी हद तक कम हो जाएगा। गैस भंडार की खोज से महंगी LNG आयात की जरूरत कम हो सकती है, जबकि तेल भंडार देश के आयात पर निर्भरता को कम कर सकता है। हालांकि, इस खोज को लेकर जो उत्साह है, वह तब तक महज अटकलें ही हैं, जब तक कि इन भंडारों का सही तरीके से परीक्षण और दोहन शुरू नहीं हो जाता।