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- This time also Bhadra's shadow on Raksha Bandhan, know the right time to tie Rakhi to avoid disaster
इस बार भी रक्षा बंधन पर भद्रा का साया, अनर्थ से बचने के लिए जानिए राखी बांधने का सही समय

जयपुर। सावन माह की पूर्णिमा पर मनाया जाने वाला भाई-बहन का पवित्र त्योहार रक्षाबंधन भद्रा के साये में रहेगा। पिछली बार की तरह इस बार भी रक्षबंधन पर भद्रा का साया मंडरा रहा है। भद्रा के साये के कारण भाइयों की कलाई पर नेह की डोर दिन में नहीं सज पाएंगी। भद्रा काल निकलने के बाद ही बहने अपने भाई की कलाई पर राखी बांध सकेगी। रक्षा बंधन का त्योहार सनातन धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दिन बहन अपने भाई की दीर्घायु के लिए कामना करती है। तथा रक्षा सूत्र उसकी कलाई पर बांधती है।
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भद्रा काल में राखी बांधना शुभ नहीं
इस बार रक्षा बंधन का त्यौहार दो दिन तक मनाया जाएगा। 30 और 31 को रक्षा बंधन का त्यौहार मनाया जाएगा। भद्रा काल में राखी बांधना शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए दो दिन तक रक्षा बंधन का त्यौहार मनाया जाएगा। भद्रा का साया होने के कारण बहनों को भाई की कलाई पर राखी बांधने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा। पंचाग के अनुसार सुबह 10:58 पर पूर्णिमा शुरू हो जाएगी। पूर्णिमा के साथ ही भद्रा काल शुरू हो जाएगा। श्रवण नक्षत्र नहीं मिलने के कारण ऐसा देखने को मिल रहा है।
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शुभ मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त को सुबह 10 बजकर 58 मिनट से 31 अगस्त सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक रहने वाली है।
भद्रा काल पूर्णिमा के साथ ही शुरू हो जाएगा। 10.59 मिनट से रात में 9 बजकर 2 मिनट तक भद्रा काल रहेगा।
30 अगस्त को 9 बजकर 2 मिनट से रात को 9 बजकर 5 मिनट तक रक्षा बंधन का शा मुहूर्त है। 31 अगस्त को भी राखी बांधी जा सकती है। 31 अगस्त को सूर्योदय से 7 बजकर 5 मिनट तक रक्षा बंधन का पर्व मनाया जा सकता है।







