Ashwini Vaishnaw deepfake warning: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने डीपफेक से खतरों को लेकर सावधान रहने का संदेश दिया है। उन्होंने बताया भारत सरकार इस बारे में दोहरी रणनीति अपना रही है। भारत दूसरे देशों की तुलना में तकनीकी और कानूनी उपायों को लागू करने में तेजी से आगे बढ़ रहा है। सरकार भी इस खतरे से निपटने के लिए तकनीकी समाधान और कानूनी नियमों दोनों पर काम कर रही है। एक प्राइवेट कार्यक्रम में मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोगों को डीपफेक से खतरे को लेकर आगाह किया। केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने इसके साथ यह भी बताया कि सरकार कैसे इससे लड़ने की रणनीति तैयार कर रही है।
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AI के रचनात्मक और मजेदार पहलू पर बात करते हुए, उन्होंने डीपफेक के माध्यम से किसी व्यक्ति की आवाज और चेहरे का गलत उपयोग अस्वीकार्य बताया। इसमे आपका चेहरा, आपकी आवाज को इस्तेमाल में कर वो संदेश दिया जाता है, जो आपने दिया ही नहीं। ऐसे में ये आपका अधिकार है आप इसे रोक सकें। इसी को देखते हुए सरकार दोतरफा समाधान पर फोकस कर रही है। वैष्णव ने वैश्विक संदर्भ में भारत की पहल को मजबूत बताया और कहा कि जहां यूरोपीय देश केवल नियमों पर केंद्रित हो रहे हैं। वहीं भारत तकनीकी और कानूनी दोनों समाधानों पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने आश्वस्त करते हुए कहा डीपफेक को नियंत्रित करने के लिए जल्द ही व्यापक नियम लाएगें।
क्या है डीपफेक के खतरे
डीपफेक से खतरों की बात करें तो केवल व्यक्तिगत ही नहीं वित्तीय नुकसान भी हो सकता है। राजनीतिक अस्थिरता, सामाजिक हानि जैसी स्थितियां भी इससे पैदा हो सकती हैं। यही नहीं डीपफेक का उपयोग कर फर्जी वीडियो बनाकर ब्लैकमेलिंग, धोखाधड़ी भी हो सकती है। जो किसी की छवि खराब कर उनकी प्रतिष्ठा को भारी नुकसान पहुंच सकता है।
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