Ramzan Ka Teesra Jumma Mubarak: माहे रमजान का तीसरा जुमा 29 मार्च 2024 को है। जुमे के दिन की अहमियत सबको पता है कि इस्लाम में शुक्रवार का दिन बहुत ही खास माना जाता है। नबी ए करीम मुहम्मद मुसत्फ़ा सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने जुमे के दिन की फज़ीलत बयान करते हुए फरमाया कि मोमिन के लिए जुमे का दिन इलाही ने ईद की तरह बनाया है। सप्ताह में एक दिन सभी मुसलमान इज्तिमाई यानी सामूहिक तौर पर जमा होकर जौहर की नमाज के वक्त जुमे की नमाज अदा करते हैं। हम आपको रमजान के तीसरे जुमे की मुबारकबाद (Ramzan Ka Teesra Jumma Mubarak) पेश करने के लिए बेहद उम्दा इस्लामी शायरी पेश रहे हैं। उम्मीद है आप अपने हबीब और अजीज़ को रमजानुल मुबारक के दूसरे जुमे की मुबारकबाद भेजने में ज्यादा सहूलत महसूस करेंगे। हमें यूंही अपनी दुआओं में बनाए रखना, और दिल में ईमान की लौ जलाए रखना।
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रमजान का तीसरा अशरा आ रहा है,
दिल झूमके नाते मुस्तफ़ा गा रहा है।
अजब निजाम है ये वक्त का इलाही,
रमजान का दूसरा अशरा जा रहा है।।
“रमज़ान का तीसरा जुम्मा मुबारक हो”
रमजान का तीसरा जुम्मा है आज,
मगफिरत का फिर से होगा आगाज।
न रहेगा बाकी कोई बंदा यूं आज,
क्योंकि देने वाला है खुद बेनियाज़।
“रमज़ान का तीसरा जुम्मा मुबारक हो”
रोजे का तीसरा जुमा, मतलब पाकीजा दिन,
दिल नहीं लगता मोमिन का जुम्मे के बिन।
कि नबी ए करीम पर भेजो दुरूद-ओ-सलाम,
नेकियां इतनी मिलेगी कि नहीं पाओगे गिन।।
“रमजान का तीसरा जुम्मा मुबारक हो”
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तीसरे जुमे के दिन ये खास दुआ है मेरी,
गुनाह में डूबना मौला बेशक ख़ता है मेरी।
माफ कर दे इलाही करता हूं सच्ची तौबा,
सलामत रहे मां बाप मेरे ये दुआ है मेरी।।
“रमज़ान का तीसरा जुम्मा मुबारक हो”
जिंदगी में हर कदम पर खताएं हैं बहुत
पर साथ मेरे वालदैन की दुआएं हैं बहुत।
मेरा दिल तोड़ने वाले इतना तू याद रख,
दिल तोड़ने की दीन में सजाएं हैं बहुत।।
“रमज़ान का तीसरा जुम्मा मुबारक हो”
रमजान का तीसरा जुम्मा 29 मार्च 2024 को है। इस रमजान में कुल चार जुमे होने है। अगला जुम्मा 5 अप्रैल को होगा जो कि अलविदा जुम्मा यानी जुमातुल विदा होगा। इसकी हदीस में खास फजीलत बयान की गई है। एक तो जुमे का दिन वैसे ही अफजल है। फिर रमजान का महीना और उसमें आखिरी जुम्मा यानी 5 तारीख को अल्लाह की रहमत की बारिश होने वाली है। जो हजरात अब तक गफलत में थे वे नींद से बेदार होकर मगफिरत की तलब करें। जहन्नम की आग से खुलासी की दुआ करते रहें। बेशक वो जात बहुत माफ करने वाली है जिसके कब्जे में मेरी और आप सबकी जान है।
हफ्ते का पांचवा दिन शुक्रवार मुस्लिम बंधुओँ के लिए बहुत महत्व रखता है। इस दिन को जुम्मा (Jumma) कहा जाता है। जुम्मे की नमाज के बाद मुस्लिम भाई एक दूसरे को मुबाकरबाद देते हैं। इस दिन मुस्लिम नहा धोकर नये कपड़े पहनकर इत्र लगाकर जुम्मे की नमाज शुक्रवार की दोपहर में अदा करते हैं। इसे छोटी ईद भी कहा जाता है। इस दिन खास खुत्बा होता है। जुमे के दिन की कुरान और हदीस में बड़ी फजीलत बयान की गई है।
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