Ramzan me Shadi: इस्लाम एक ऐसा धर्म है जिसमें हर चीज की सहूलत दी गई है। माहे मुबारक रमजान चल रहा है। हम आपको हिंदी में इस्लामी कंटेंट मुहैया कराने के लिए रब के शुक्रगुजार है कि उसने हमने चुना। इल्म कोई भी हो अगर उसे फैलाओ और दुगुना होता है, और अगर समेटकर रख लो तो खत्म हो जाता है। हम चाहते हैं कि भारत के आम मुसलमान को बोलचाल की भाषा में वो सब दीनी मसले और धार्मिक जानकारी दे सकें जिनसे वो महरूम रहता है। क्योंकि ज्यादातर इस्लामी जानकारी अरबी या उर्दू में होती है। इसी कड़ी में हम आपके सामने एक और रमजान का मसला लेकर हाजिर हुए हैं। कई मुसलमान रमजान में शादी करने को लेकर असमंजस की स्थिति में रहते हैं। उन्हें लगता है कि इस पाकीजा महीने में वे निकाह नहीं कर सकते हैं। इसी बात से हम आज पर्दा उठाने जा रहे हैं। Ramzan me Shadi को लेकर शरीयत का क्या हुक्म है, ये हम आपको बताने वाले हैं। ताकि आम मुसलमान रमजान के बारे में फैली गलतफहमियों को दूर कर सकें।
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रमजान में शादी करना कैसा है?
इस्लाम में ऐसा कुछ भी नहीं है जो यह कहे कि इस दिन शादी करनी है और इस दिन नहीं। अल्लाह ने हर दिन मुसलमान के लिए एक जैसे बनाए हैं। जैसे गैर मुस्लिम भाईयों के शुभ मुहूर्त होते हैं, वैसे मुसलमानों के लिए साल के किसी भी दिन शादी करने का हुक्म है। बस कुछ दिनों का ख्याल रखा जाता है। जैसे मुहर्रम का महीना या किसी की मौत हो गई हो तो। बाकी रमज़ान के महीने के दौरान शादी करने को लेकर शरीयत का साफ नजरिया है कि आप रमजान में शादी कर सकते हैं। लेकिन एक शर्त है कि शादीशुदा जोड़ा रमजान के दौरान सोहबत नहीं कर सकता है। यानी आप नई दुल्हन के साथ रात में वक्त गुजार सकते हैं। लेकिन दिन में रोजे की हालत में आपको खुद के जज्बातों पर काबू रखना होगा।
रमजान में शादी हो गई तो क्या करें?
इस्लाम में अल्लाह तआला ने जितनी सहूलत बंदे के लिए रखी है शायद ही मोमिन को इसका इल्म हो। यानी अगर आपने रोजे की हालत में शादी कर ली है तो आप इफ्तार करके अपनी दुल्हन के साथ वक्त गुजार सकते हैं। जनाबत यानी संभोग की हालत में नहा कर गुस्ल करके पाक साफ हो कर वापस सेहरी करके रोजा रख सकते है। बस रोजे की हालत में सोहबत न करें। यानी जो दूल्हा दुल्हन रमज़ान में रोज़े रखते है उन्हें सुबह से सूरज डूबने तक खाने, पीने और संभोग से बचना चाहिए। इसलिए अगर आप खुद पर कंट्रोल कर सकते हैं तो ही रमजान में शादी का रिस्क उठाए। वरना साल के बाकी महीने भी तो पड़े है विवाह करने के लिए।
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रमजान में मियां बीवी के आदाब
रमजान में मियां बीवी एक दूसरे के साथ सो सकते हैं। लेकिन इफ्तार के बाद से सेहरी तक। इस दरमियान अगर दोनों ने संबंध बना लिए तो सुबह सेहरी से पहले जल्दी उठकर जनाबत का गुस्ल यानी स्नान करके पाकी हासिल करें। उसके बाद रोजा रखें। दिन में बीवी के साथ सहवास करने से बचे नहीं तो रोजा टूट जाएगा। इलाही ने ऐसे बंदों पर गुस्सा जाहिर किया है जो रोजे की हालत में संभोग करते हैं।
रोजे में संभोग कर लिया तो?
अगर आपने रोजे की हालत में पार्टनर के साथ संभोग कर लिया तो इसका कफ्फारा अदा करना होगा। कफ्फारा प्रायश्चित को कहा जाता है। मसलन आपको लगातार 60 दिनों तक रोजे रखने होंगे। साथ ही गरीबों को खाना खिलाना पड़ेगा। रमजान में बीवी को किस करना और हमबिस्तरी को लेकर हमने पहले ही कई लेख आपकी खिदमत में पेश कर दिए हैं। इस जानकारी को गैरों तक भी जरूर पहुंचाएँ।